आघातवधर्यता: Difference between revisions
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'''उदाहरण''' | '''उदाहरण''' | ||
सोना, चांदी | सोना, चांदी, लोहा, एल्युमीनियम, तांबा और सीसा आदि होती हैं। | ||
इन सभी धातुओं से बने उत्पाद भी आघातवर्धनीयता का गुण प्रदर्शित कर सकते हैं, जिनमें गोल्ड फ़ॉइल, लिथियम फ़ॉइल शामिल हैं। | |||
== अधातुों में आघातवर्ध्यता == | |||
यह गुण अधातुओं में नहीं पाया जाता है। आघातवर्धनीय धातुएं हथौड़े से प्रभावित होने पर भी कई आकृतियों में बदल जाती हैं, जबकि गैर-आघातवर्धनीय धातुएं या अधातुएँ टुकड़ों में टूट जाती हैं। यह संपीड़ित तनाव को सहन नहीं कर पाती हैं। | |||
'''उदाहरण''' | |||
सल्फर का प्लास्टिक आवंटन | |||
== आघातवर्ध्यता माप == | |||
आघातवर्धनीयता को दो तरीके से मापा जा सकता हैं: | |||
'''पहला परीक्षण''' यह मापता है कि कोई सामग्री टूटने से पहले कितना दबाव या संपीड़ित तनाव को सहन कर सकती है। | |||
'''दूसरा परीक्षण''' यह मापता है कि फ्रैक्चरिंग से पहले धातु की शीट कितनी पतली है। | |||
== आघातवर्धनीय और तन्यता के बीच अंतर == | |||
जबकि आघातवर्ध्यता एक धातु का वह गुण होता है जो धातु को संपीडित करके धातु को विकृत करने की क्षमता रखता है। जबकि तन्यता में बिना धातु को क्षति पहुँचाये लचीलापन प्रदर्शित करता है। |
Revision as of 11:22, 6 June 2023
आघातवर्ध्यता
कोई धातु बिना टूटे कितना दबाव (संपीड़ित तनाव) सहन कर सकती है वह उस धातु की आघातवर्धनीयता कहलाती है। विभिन्न धातुओं के बीच आघातवर्धनीयता में अंतर उनके क्रिस्टल संरचनाओं में असमानता के कारण भी होता है। कुछ धातुओं को पीटकर पतली चादर बनाया जा सकता है। इस गुणधर्म को आधातवर्ध्यता कहते हैं। यह धातुओं का एक भौतिक गुण होता है जो बिना टूटे हथौड़े से पीटने पर, या दाब डालने पर या पतली चादरों में लुढ़कने की उनकी क्षमता कितनी है उस पर निर्भर करती है। दूसरे शब्दों में, यह एक धातु का गुण होता है जो संपीड़न के तहत विकृत भी हो जाती है और यह एक नया आकार ले लेती है। जिन धातुओं में जितना अधिक लचीलापन होता है उसकी आघातवर्धनीयता उतनी अधिक होती है। उच्च आघातवर्धनीयता वाली कई धातुओं में ही उच्च लचीलापन होता है। आघातवर्धनीयता पदार्थ का एक भौतिक गुण होता है, जोकि धातुओं पर ही लागू होता है।
लचीलपन ∝ आघातवर्ध्यता
उदाहरण
सोना, चांदी, लोहा, एल्युमीनियम, तांबा और सीसा आदि होती हैं।
इन सभी धातुओं से बने उत्पाद भी आघातवर्धनीयता का गुण प्रदर्शित कर सकते हैं, जिनमें गोल्ड फ़ॉइल, लिथियम फ़ॉइल शामिल हैं।
अधातुों में आघातवर्ध्यता
यह गुण अधातुओं में नहीं पाया जाता है। आघातवर्धनीय धातुएं हथौड़े से प्रभावित होने पर भी कई आकृतियों में बदल जाती हैं, जबकि गैर-आघातवर्धनीय धातुएं या अधातुएँ टुकड़ों में टूट जाती हैं। यह संपीड़ित तनाव को सहन नहीं कर पाती हैं।
उदाहरण
सल्फर का प्लास्टिक आवंटन
आघातवर्ध्यता माप
आघातवर्धनीयता को दो तरीके से मापा जा सकता हैं:
पहला परीक्षण यह मापता है कि कोई सामग्री टूटने से पहले कितना दबाव या संपीड़ित तनाव को सहन कर सकती है।
दूसरा परीक्षण यह मापता है कि फ्रैक्चरिंग से पहले धातु की शीट कितनी पतली है।
आघातवर्धनीय और तन्यता के बीच अंतर
जबकि आघातवर्ध्यता एक धातु का वह गुण होता है जो धातु को संपीडित करके धातु को विकृत करने की क्षमता रखता है। जबकि तन्यता में बिना धातु को क्षति पहुँचाये लचीलापन प्रदर्शित करता है।