उत्सर्जन तथा अवशोषण स्पेक्ट्रा: Difference between revisions
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एक उत्सर्जन स्पेक्ट्रम तब उत्पन्न होता है जब परमाणु या अणु सामान्यतः फोटॉन के रूप में विद्युत चुम्बकीय विकिरण उत्सर्जित करते हैं, जब वे उच्च ऊर्जा स्तर से निम्न ऊर्जा स्तर में संक्रमण करते हैं। उत्सर्जन स्पेक्ट्रम में विशिष्ट तरंग दैर्ध्य पर प्रकाश की अलग-अलग रेखाएं या बैंड होते हैं, जो संक्रमण में शामिल ऊर्जा स्तरों के बीच ऊर्जा अंतर के अनुरूप होते हैं। किसी तत्व या यौगिक का उत्सर्जन स्पेक्ट्रम अद्वितीय होता है और इसका उपयोग विशिष्ट तत्वों या यौगिकों की उपस्थिति की पहचान करने के लिए किया जा सकता है। प्रत्येक तत्व या यौगिक में उत्सर्जन रेखाओं का अपना विशिष्ट समूह होता है। | |||
उदाहरण के लिए, हाइड्रोजन के उत्सर्जन स्पेक्ट्रम में कई अलग-अलग रेखाएँ होती हैं जिन्हें बामर श्रृंखला के रूप में जाना जाता है। |
Revision as of 15:58, 3 July 2023
उत्सर्जन स्पेक्ट्रा
एक उत्सर्जन स्पेक्ट्रम तब उत्पन्न होता है जब परमाणु या अणु सामान्यतः फोटॉन के रूप में विद्युत चुम्बकीय विकिरण उत्सर्जित करते हैं, जब वे उच्च ऊर्जा स्तर से निम्न ऊर्जा स्तर में संक्रमण करते हैं। उत्सर्जन स्पेक्ट्रम में विशिष्ट तरंग दैर्ध्य पर प्रकाश की अलग-अलग रेखाएं या बैंड होते हैं, जो संक्रमण में शामिल ऊर्जा स्तरों के बीच ऊर्जा अंतर के अनुरूप होते हैं। किसी तत्व या यौगिक का उत्सर्जन स्पेक्ट्रम अद्वितीय होता है और इसका उपयोग विशिष्ट तत्वों या यौगिकों की उपस्थिति की पहचान करने के लिए किया जा सकता है। प्रत्येक तत्व या यौगिक में उत्सर्जन रेखाओं का अपना विशिष्ट समूह होता है।
उदाहरण के लिए, हाइड्रोजन के उत्सर्जन स्पेक्ट्रम में कई अलग-अलग रेखाएँ होती हैं जिन्हें बामर श्रृंखला के रूप में जाना जाता है।