ताप मापन: Difference between revisions
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भौतिक विज्ञान में,मौलिक मात्राओं के मापन में,द्रव्यमान, लम्बाई व समय,मापन के पश्चात, ताप मापन,का महत्व है। यह वह,भौतिक मात्रा है, जो किसी वस्तु या प्रणाली की ऊष्मा अथवा शीतलता की मात्र को मापता है। यह ऊष्मा प्रवाह की दिशा निर्धारित करता है और विज्ञान, इंजीनियरिंग, मौसम विज्ञान और दैनिक जीवन सहित विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक रूप से मापा और उपयोग किया जाता है। तापमान मापने की कई सामान्य विधियाँ हैं: | भौतिक विज्ञान में,मौलिक मात्राओं के मापन में,द्रव्यमान, लम्बाई व समय,मापन के पश्चात, ताप मापन,का महत्व है। यह वह,भौतिक मात्रा है, जो किसी वस्तु या प्रणाली की ऊष्मा अथवा शीतलता की मात्र को मापता है। यह ऊष्मा प्रवाह की दिशा निर्धारित करता है और विज्ञान, इंजीनियरिंग, मौसम विज्ञान और दैनिक जीवन सहित विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक रूप से मापा और उपयोग किया जाता है। तापमान मापने की कई सामान्य विधियाँ हैं: | ||
थर्मामीटर: थर्मामीटर विशेष रूप से तापमान मापने के लिए डिज़ाइन किए गए उपकरण हैं। वे थर्मल विस्तार के सिद्धांत पर काम करते हैं, जहां तापमान परिवर्तन के कारण किसी पदार्थ की मात्रा या लंबाई बदल जाती है। सबसे आम प्रकार के थर्मामीटर में शामिल हैं: | शीतोष्ण मापक यंत्र (थर्मामीटर): थर्मामीटर विशेष रूप से तापमान मापने के लिए डिज़ाइन किए गए उपकरण हैं। वे थर्मल विस्तार के सिद्धांत पर काम करते हैं, जहां तापमान परिवर्तन के कारण किसी पदार्थ की मात्रा या लंबाई बदल जाती है। सबसे आम प्रकार के थर्मामीटर में शामिल हैं: | ||
तरल-इन-ग्लास थर्मामीटर: ये थर्मामीटर एक तरल का उपयोग करते हैं, जैसे पारा या अल्कोहल, एक संकीर्ण केशिका ट्यूब के साथ ग्लास बल्ब में संलग्न होता है। जैसे ही तापमान बदलता है, तरल फैलता है या सिकुड़ता है, जिससे ट्यूब में तरल का स्तर बढ़ता या घटता है, जो तापमान को इंगित करता है। | तरल-इन-ग्लास थर्मामीटर: ये थर्मामीटर एक तरल का उपयोग करते हैं, जैसे पारा या अल्कोहल, एक संकीर्ण केशिका ट्यूब के साथ ग्लास बल्ब में संलग्न होता है। जैसे ही तापमान बदलता है, तरल फैलता है या सिकुड़ता है, जिससे ट्यूब में तरल का स्तर बढ़ता या घटता है, जो तापमान को इंगित करता है। |
Revision as of 16:02, 3 July 2023
Measurement of temperature
भौतिक विज्ञान में,मौलिक मात्राओं के मापन में,द्रव्यमान, लम्बाई व समय,मापन के पश्चात, ताप मापन,का महत्व है। यह वह,भौतिक मात्रा है, जो किसी वस्तु या प्रणाली की ऊष्मा अथवा शीतलता की मात्र को मापता है। यह ऊष्मा प्रवाह की दिशा निर्धारित करता है और विज्ञान, इंजीनियरिंग, मौसम विज्ञान और दैनिक जीवन सहित विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक रूप से मापा और उपयोग किया जाता है। तापमान मापने की कई सामान्य विधियाँ हैं:
शीतोष्ण मापक यंत्र (थर्मामीटर): थर्मामीटर विशेष रूप से तापमान मापने के लिए डिज़ाइन किए गए उपकरण हैं। वे थर्मल विस्तार के सिद्धांत पर काम करते हैं, जहां तापमान परिवर्तन के कारण किसी पदार्थ की मात्रा या लंबाई बदल जाती है। सबसे आम प्रकार के थर्मामीटर में शामिल हैं:
तरल-इन-ग्लास थर्मामीटर: ये थर्मामीटर एक तरल का उपयोग करते हैं, जैसे पारा या अल्कोहल, एक संकीर्ण केशिका ट्यूब के साथ ग्लास बल्ब में संलग्न होता है। जैसे ही तापमान बदलता है, तरल फैलता है या सिकुड़ता है, जिससे ट्यूब में तरल का स्तर बढ़ता या घटता है, जो तापमान को इंगित करता है।
द्विधात्विक थर्मामीटर: ये थर्मामीटर एक साथ बंधे दो अलग-अलग धातु स्ट्रिप्स का उपयोग करते हैं, जिनमें से प्रत्येक में थर्मल विस्तार का एक अलग गुणांक होता है। जैसे ही तापमान बदलता है, असमान विस्तार के कारण पट्टियाँ मुड़ जाती हैं या मुड़ जाती हैं, और यह गति तापमान रीडिंग में बदल जाती है।
डिजिटल थर्मामीटर: डिजिटल थर्मामीटर तापमान मापने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सेंसर, जैसे थर्मोकपल या प्रतिरोध तापमान डिटेक्टर (आरटीडी) का उपयोग करते हैं। ये सेंसर तापमान को विद्युत सिग्नल में परिवर्तित करते हैं, जिसे बाद में डिजिटल स्क्रीन पर प्रदर्शित किया जाता है।
पाइरोमीटर: पाइरोमीटर ऐसे उपकरण हैं जिनका उपयोग उच्च तापमान को मापने के लिए किया जाता है, आमतौर पर पारंपरिक थर्मामीटर की सीमा से ऊपर। वे विभिन्न सिद्धांतों के आधार पर काम करते हैं, जिसमें किसी वस्तु द्वारा उत्सर्जित तापीय विकिरण की तीव्रता को मापना भी शामिल है। उदाहरण के लिए, इन्फ्रारेड पाइरोमीटर, किसी वस्तु द्वारा उत्सर्जित इन्फ्रारेड विकिरण को डिटेक्टर पर केंद्रित करने के लिए प्रकाशिकी का उपयोग करते हैं, जो फिर इसे तापमान रीडिंग में परिवर्तित करता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि विभिन्न तापमान माप विधियों में अलग-अलग सटीकता, परिशुद्धता और लागू तापमान सीमाएँ होती हैं। माप तकनीक का चुनाव विशिष्ट अनुप्रयोग, रुचि की तापमान सीमा और सटीकता के आवश्यक स्तर पर निर्भर करता है।