उत्कृष्ट गैस: Difference between revisions

From Vidyalayawiki

Listen

No edit summary
No edit summary
Line 37: Line 37:
ताप और दाब की मानक स्थितियों पे, सभी उत्कृष्ट गैसें गैसीय अवस्था में उपस्थित होती हैं। ये बहुत कम अभिक्रियाशील होती हैं, इसलिए इन्हे अक्रिय गैस भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सभी उत्कृष्ट गैसों का स्थिर इलेक्ट्रॉनिक विन्यास होता है। यही कारण है कि उत्कृष्ट गैसें आसानी से द्विपरमाणु नहीं बनती हैं और अधिकतर मोनो-परमाणु गैसों के रूप में पाई जाती हैं।  
ताप और दाब की मानक स्थितियों पे, सभी उत्कृष्ट गैसें गैसीय अवस्था में उपस्थित होती हैं। ये बहुत कम अभिक्रियाशील होती हैं, इसलिए इन्हे अक्रिय गैस भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सभी उत्कृष्ट गैसों का स्थिर इलेक्ट्रॉनिक विन्यास होता है। यही कारण है कि उत्कृष्ट गैसें आसानी से द्विपरमाणु नहीं बनती हैं और अधिकतर मोनो-परमाणु गैसों के रूप में पाई जाती हैं।  


=== इलेक्ट्रॉनिक विन्यास ===
=== इलेक्ट्रॉनि विन्यास ===
अक्रिय गैसों का सामान्य इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 'ns<sup>2</sup>np<sup>6</sup> होता है। इनकी बाहरी कक्षा में 8 इलेक्ट्रॉन होते हैं अर्थात इनका अष्टक पूर्ण होता है, इसलिए इन्हे अक्रिय गैस भी कहा जाता है।<blockquote><sub>2</sub>He = 1s<sup>2</sup>
अक्रिय गैसों का सामान्य इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 'ns<sup>2</sup>np<sup>6</sup> होता है। इनकी बाहरी कक्षा में 8 इलेक्ट्रॉन होते हैं अर्थात इनका अष्टक पूर्ण होता है, इसलिए इन्हे अक्रिय गैस भी कहा जाता है।<blockquote><sub>2</sub>He = 1s<sup>2</sup>
<sub>10</sub>Ne = 1s<sup>2</sup> 2s<sup>2</sup> 2p<sup>6</sup>
<sub>10</sub>Ne = 1s<sup>2</sup> 2कs<sup>2</sup> 2p<sup>6</sup>
<sub>18</sub>Ar = 1s<sup>2</sup> 2s<sup>2</sup> 2p<sup>6</sup> 3s<sup>2</sup> 3p<sup>6</sup>
<sub>18</sub>Ar = 1s<sup>2</sup> 2s<sup>2</sup> 2p<sup>6</sup> 3s<sup>2</sup> 3p<sup>6</sup>


Line 47: Line 47:
<sub>86</sub>Rn = 1s<sup>2</sup> 2s<sup>2</sup> 2p<sup>6</sup> 3s<sup>2</sup> 3p<sup>6</sup> ..........6s<sup>2</sup> 6p<sup>6</sup>
<sub>86</sub>Rn = 1s<sup>2</sup> 2s<sup>2</sup> 2p<sup>6</sup> 3s<sup>2</sup> 3p<sup>6</sup> ..........6s<sup>2</sup> 6p<sup>6</sup>
<sub>118</sub>Og = 1s<sup>2</sup> 2s<sup>2</sup> 2p<sup>6</sup> 3s<sup>2</sup> 3p<sup>6</sup> ..........7s<sup>2</sup> 7p<sup>6</sup></blockquote>
<sub>118</sub>Og = 1s<sup>2</sup> 2s<sup>2</sup> 2p<sup>6</sup> 3s<sup>2</sup> 3p<sup>6</sup> ..........7s<sup>2</sup> 7p<sup>6</sup></blockquote>
== हीलियम के गुण ==
* हीलियम को He प्रतीक से दर्शाया जाता है।
* हीलियम एक रंगहीन मोनो-परमाणुक गैस है।
* हीलियम में कोई विशिष्ट गंध या स्वाद नहीं होता है।
* हीलियम पहली और सबसे हल्की नोबल गैस है।
* सभी तत्वों में हीलियम का क्वथनांक सबसे कम होता है।
== नियॉन के गुण ==
* नियॉन को Ne प्रतीक द्वारा दर्शाया जाता है।
* नियॉन एक रंगहीन मोनो परमाणुक गैस है।
* नियॉन में कोई विशेष गंध नहीं होती है।
* नियॉन दूसरी सबसे हल्की उत्कृष्ट गैस है।
== आर्गन के गुण ==
* आर्गन को Ar प्रतीक द्वारा दर्शाया जाता है।
* आर्गन को एक रंगहीन गैस के रूप में जाना जाता है।
* आर्गन विद्युत क्षेत्र में रखे जाने पर बैंगनी रंग की चमक प्रदर्शित करती है।
* पृथ्वी के वायुमंडल में, आर्गन को तीसरी सबसे प्रचुर मात्रा में पायी जाने वाली गैस माना जाता है।
== क्रिप्टन के गुण ==
* क्रिप्टन को प्रतीक Kr द्वारा दर्शाया जाता है।
* क्रिप्टन एक रंगहीन मोनो परमाणुक गैस है।
* क्रिप्टन में कोई विशिष्ट गंध नहीं होती है।
* क्रिप्टन गैस बेस्वाद भी मानी जाती है।
== जिनॉन के गुण ==
* जिनॉन रंगहीन और गंधहीन होती है।
* जिनॉन को प्रतीक Xe द्वारा दर्शाया जाता है।
* जिनॉन एक रंगहीन मोनो परमाणुक गैस है।
== रेडॉन के गुण ==
* इस तत्व का प्रतीक Rn है।
* रेडॉन एक रंगहीन और गंधहीन गैस है
* रेडॉन का कोई विशिष्ट स्वाद नहीं होता है।
* रेडॉन एक रेडियोधर्मी है।

Revision as of 11:27, 7 July 2023

अक्रिय गैसें, जिन्हें अक्रिय गैसें और एरोजेन के रूप में भी जाना जाता है, इनकी बाहरी कक्षा में 8 इलेक्ट्रॉन होते हैं अर्थात इनका अष्टक पूर्ण होता है। ये वे तत्व हैं जो आधुनिक आवर्त सारणी के समूह 18 से संबंधित हैं। इस समूह से संबंधित तत्व निम्नलिखित है:

तत्व प्रतीक परमाणु संख्या
हीलियम He 2
नियॉन Ne 10
आर्गन Ar 18
क्रिप्टन Kr 36
जिनॉन Xe 54
रेडॉन Rn 86
ओगेनेसन Og 118

ताप और दाब की मानक स्थितियों पे, सभी उत्कृष्ट गैसें गैसीय अवस्था में उपस्थित होती हैं। ये बहुत कम अभिक्रियाशील होती हैं, इसलिए इन्हे अक्रिय गैस भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सभी उत्कृष्ट गैसों का स्थिर इलेक्ट्रॉनिक विन्यास होता है। यही कारण है कि उत्कृष्ट गैसें आसानी से द्विपरमाणु नहीं बनती हैं और अधिकतर मोनो-परमाणु गैसों के रूप में पाई जाती हैं।

इलेक्ट्रॉनि विन्यास

अक्रिय गैसों का सामान्य इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 'ns2np6 होता है। इनकी बाहरी कक्षा में 8 इलेक्ट्रॉन होते हैं अर्थात इनका अष्टक पूर्ण होता है, इसलिए इन्हे अक्रिय गैस भी कहा जाता है।

2He = 1s2

10Ne = 1s2 2कs2 2p6 18Ar = 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6

36Kr = 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 ..........4s2 4p6 54Xe = 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 ..........5s2 5p6

86Rn = 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 ..........6s2 6p6

118Og = 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 ..........7s2 7p6

हीलियम के गुण

  • हीलियम को He प्रतीक से दर्शाया जाता है।
  • हीलियम एक रंगहीन मोनो-परमाणुक गैस है।
  • हीलियम में कोई विशिष्ट गंध या स्वाद नहीं होता है।
  • हीलियम पहली और सबसे हल्की नोबल गैस है।
  • सभी तत्वों में हीलियम का क्वथनांक सबसे कम होता है।

नियॉन के गुण

  • नियॉन को Ne प्रतीक द्वारा दर्शाया जाता है।
  • नियॉन एक रंगहीन मोनो परमाणुक गैस है।
  • नियॉन में कोई विशेष गंध नहीं होती है।
  • नियॉन दूसरी सबसे हल्की उत्कृष्ट गैस है।

आर्गन के गुण

  • आर्गन को Ar प्रतीक द्वारा दर्शाया जाता है।
  • आर्गन को एक रंगहीन गैस के रूप में जाना जाता है।
  • आर्गन विद्युत क्षेत्र में रखे जाने पर बैंगनी रंग की चमक प्रदर्शित करती है।
  • पृथ्वी के वायुमंडल में, आर्गन को तीसरी सबसे प्रचुर मात्रा में पायी जाने वाली गैस माना जाता है।

क्रिप्टन के गुण

  • क्रिप्टन को प्रतीक Kr द्वारा दर्शाया जाता है।
  • क्रिप्टन एक रंगहीन मोनो परमाणुक गैस है।
  • क्रिप्टन में कोई विशिष्ट गंध नहीं होती है।
  • क्रिप्टन गैस बेस्वाद भी मानी जाती है।

जिनॉन के गुण

  • जिनॉन रंगहीन और गंधहीन होती है।
  • जिनॉन को प्रतीक Xe द्वारा दर्शाया जाता है।
  • जिनॉन एक रंगहीन मोनो परमाणुक गैस है।

रेडॉन के गुण

  • इस तत्व का प्रतीक Rn है।
  • रेडॉन एक रंगहीन और गंधहीन गैस है
  • रेडॉन का कोई विशिष्ट स्वाद नहीं होता है।
  • रेडॉन एक रेडियोधर्मी है।