धनायन: Difference between revisions
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जब कोई धातु अपने इलेक्ट्रॉनों का दान करता है तो वो जितने इलेक्ट्रॉनों का दान करता है उस धातु पर उतने धनायन आते हैं। धनावेशित आयन का निर्माण तब होता है जब कोई धातु अपने इलेक्ट्रॉन खो देता है। ये एक से अधिक इलेक्ट्रॉनों का दान कर सकता है। धनायन में प्रोटॉन की तुलना में कम इलेक्ट्रॉन होते हैं। इसलिए, उनके पास शुद्ध धनात्मक आवेश होता है। धनायनों के कुछ उदाहरण मैग्नीशियम (Mg<sup>2+</sup>), सोडियम (K<sup>+</sup>), हाइड्रोजन (H<sup>+</sup>) हैं। | जब कोई धातु अपने इलेक्ट्रॉनों का दान करता है तो वो जितने इलेक्ट्रॉनों का दान करता है उस धातु पर उतने धनायन आते हैं। धनावेशित आयन का निर्माण तब होता है जब कोई धातु अपने इलेक्ट्रॉन खो देता है। ये एक से अधिक इलेक्ट्रॉनों का दान कर सकता है। धनायन में प्रोटॉन की तुलना में कम इलेक्ट्रॉन होते हैं। इसलिए, उनके पास शुद्ध धनात्मक आवेश होता है। धनायनों के कुछ उदाहरण मैग्नीशियम (Mg<sup>2+</sup>), सोडियम (K<sup>+</sup>), हाइड्रोजन (H<sup>+</sup>) हैं। वे आयन जो इलेक्ट्रॉनों का दान करते हैं उन्हें धनायन कहते हैं इन पर धनावेश होता है और वो आयन जो इलेक्ट्रान स्वीकार करते हैं उन्हें ऋणायन कहते हैं। ऋणात्मक आवेश वाले आयन ऋणायन आयन कहलाते हैं और धनात्मक आवेश वाले आयन धनायन कहलाते हैं। चूँकि उन दोनों में परस्पर विरोधी गुणों होते है, इसलिए वे एक-दूसरे के प्रति आकर्षित होते हैं और इस तरह उनके बीच एक आयनिक बंध बनता है। |
Revision as of 11:27, 10 July 2023
जब कोई धातु अपने इलेक्ट्रॉनों का दान करता है तो वो जितने इलेक्ट्रॉनों का दान करता है उस धातु पर उतने धनायन आते हैं। धनावेशित आयन का निर्माण तब होता है जब कोई धातु अपने इलेक्ट्रॉन खो देता है। ये एक से अधिक इलेक्ट्रॉनों का दान कर सकता है। धनायन में प्रोटॉन की तुलना में कम इलेक्ट्रॉन होते हैं। इसलिए, उनके पास शुद्ध धनात्मक आवेश होता है। धनायनों के कुछ उदाहरण मैग्नीशियम (Mg2+), सोडियम (K+), हाइड्रोजन (H+) हैं। वे आयन जो इलेक्ट्रॉनों का दान करते हैं उन्हें धनायन कहते हैं इन पर धनावेश होता है और वो आयन जो इलेक्ट्रान स्वीकार करते हैं उन्हें ऋणायन कहते हैं। ऋणात्मक आवेश वाले आयन ऋणायन आयन कहलाते हैं और धनात्मक आवेश वाले आयन धनायन कहलाते हैं। चूँकि उन दोनों में परस्पर विरोधी गुणों होते है, इसलिए वे एक-दूसरे के प्रति आकर्षित होते हैं और इस तरह उनके बीच एक आयनिक बंध बनता है।