परिक्षेपण माध्यम: Difference between revisions
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कोलॉइड वे पदार्थ हैं जो पदार्थ सरलता से जल में नहीं घुलते और घुलने पर समांगी विलयन नहीं बनाते। तथा जो फ़िल्टर पेपर से नहीं छनते कोलॉइड कहलाते हैं। | [[कोलॉइड]] वे पदार्थ हैं जो [[पदार्थ]] सरलता से जल में नहीं घुलते और घुलने पर समांगी विलयन नहीं बनाते। तथा जो फ़िल्टर पेपर से नहीं छनते कोलॉइड कहलाते हैं। | ||
जैसे- दूध, दही, गोंद, बादल आदि। | जैसे- दूध, दही, गोंद, बादल आदि। | ||
समांगी और विषमांगी मिश्रणों के गुणों वाला मिश्रण, जिसमें कण समान रूप से विलयन में बिखरे होते हैं, कोलाइडी विलयन कहलाता है। इन्हें कोलाइडल निलंबन भी कहा जाता है। निलंबन के कणों की तुलना में कोलाइडी विलयन के कणों का आकार छोटा होने के कारण यह एक समांगी मिश्रण प्रतीत होता है, लेकिन वास्तव में यह एक विषमांगी मिश्रण है। कोलाइड शब्द किसी विशेष वर्ग के पदार्थों पर लागू नहीं होता है, लेकिन ठोस, द्रव और गैस जैसे पदार्थ की अवस्था है। किसी भी पदार्थ को उपयुक्त साधनों द्वारा कोलॉइडी अवस्था में लाया जा सकता है। इसे वास्तविक विलयन और निलंबन के बीच की मध्यवर्ती अवस्था माना जाता है। | समांगी और विषमांगी मिश्रणों के गुणों वाला मिश्रण, जिसमें कण समान रूप से विलयन में बिखरे होते हैं, कोलाइडी विलयन कहलाता है। इन्हें कोलाइडल [[निलंबन]] भी कहा जाता है। निलंबन के कणों की तुलना में कोलाइडी विलयन के कणों का आकार छोटा होने के कारण यह एक [[समांगी मिश्रण]] प्रतीत होता है, लेकिन वास्तव में यह एक [[विषमांगी मिश्रण]] है। कोलाइड शब्द किसी विशेष वर्ग के पदार्थों पर लागू नहीं होता है, लेकिन ठोस, द्रव और गैस जैसे [[पदार्थ की अवस्थाएं|पदार्थ की अवस्था]] है। किसी भी पदार्थ को उपयुक्त साधनों द्वारा कोलॉइडी अवस्था में लाया जा सकता है। इसे वास्तविक विलयन और निलंबन के बीच की मध्यवर्ती अवस्था माना जाता है। | ||
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कोलाइडी विलयनों का वह भाग जिनके कणों का आकार 10<sup>7</sup>-10<sup>8</sup> cm होता है। अर्थात जिनमें कोलॉइडी कण विस्तृत रहते हैं उन्हें परिक्षेपण माध्यम कहते हैं अर्थात विलायक की अवस्था को कहते हैं। | कोलाइडी विलयनों का वह भाग जिनके कणों का आकार 10<sup>7</sup>-10<sup>8</sup> cm होता है। अर्थात जिनमें कोलॉइडी कण विस्तृत रहते हैं उन्हें [[परिक्षेपण माध्यम]] कहते हैं अर्थात विलायक की अवस्था को कहते हैं। | ||
कोलाइडी विलयन वास्तविक विलयन तथा निलंबन के मध्य आते हैं। इस आधार पर इन्हे दो भागों में बांटा गया है। एक कोलाइड एक विषमांगी समुच्चय है जिसमें विलयन और निलंबन के बीच एक मध्यवर्ती आकार का कण होता है। पूरे परिक्षेपण माध्यम में, जो धातु, द्रव या गैस हो सकता है, परिक्षेपण हुए कण समान रूप से वितरित होते हैं। अर्थात कोलॉइडी विलयन की दो प्रावस्थाएँ होती हैं। | कोलाइडी विलयन वास्तविक विलयन तथा निलंबन के मध्य आते हैं। इस आधार पर इन्हे दो भागों में बांटा गया है। एक कोलाइड एक विषमांगी समुच्चय है जिसमें विलयन और निलंबन के बीच एक मध्यवर्ती आकार का कण होता है। पूरे परिक्षेपण माध्यम में, जो धातु, द्रव या गैस हो सकता है, परिक्षेपण हुए कण समान रूप से वितरित होते हैं। अर्थात कोलॉइडी विलयन की दो प्रावस्थाएँ होती हैं। | ||
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==== परिक्षेपण माध्यम: जिस माध्यम में कोलॉइडी कण परिक्षेपित होते हैं उसे परिक्षेपण माध्यम कहते हैं। पनीर: पनीर पानी में निलंबित या छितरी हुई वसा से बना होता है। ==== | ==== परिक्षेपण माध्यम: जिस माध्यम में कोलॉइडी कण परिक्षेपित होते हैं उसे परिक्षेपण माध्यम कहते हैं। पनीर: पनीर पानी में निलंबित या छितरी हुई [[वसा अम्ल|वसा]] से बना होता है। ==== | ||
==== परिक्षिप्त प्रावस्थाः वसा (ठोस) परिक्षेपण माध्यमः जल (तरल) सोडा जलः सोडा जल में सामान्यतः जल और गैस होती है। ==== | ==== परिक्षिप्त प्रावस्थाः वसा (ठोस) परिक्षेपण माध्यमः जल (तरल) सोडा जलः सोडा जल में सामान्यतः जल और गैस होती है। ==== |
Revision as of 12:38, 24 July 2023
कोलॉइड
कोलॉइड वे पदार्थ हैं जो पदार्थ सरलता से जल में नहीं घुलते और घुलने पर समांगी विलयन नहीं बनाते। तथा जो फ़िल्टर पेपर से नहीं छनते कोलॉइड कहलाते हैं।
जैसे- दूध, दही, गोंद, बादल आदि।
समांगी और विषमांगी मिश्रणों के गुणों वाला मिश्रण, जिसमें कण समान रूप से विलयन में बिखरे होते हैं, कोलाइडी विलयन कहलाता है। इन्हें कोलाइडल निलंबन भी कहा जाता है। निलंबन के कणों की तुलना में कोलाइडी विलयन के कणों का आकार छोटा होने के कारण यह एक समांगी मिश्रण प्रतीत होता है, लेकिन वास्तव में यह एक विषमांगी मिश्रण है। कोलाइड शब्द किसी विशेष वर्ग के पदार्थों पर लागू नहीं होता है, लेकिन ठोस, द्रव और गैस जैसे पदार्थ की अवस्था है। किसी भी पदार्थ को उपयुक्त साधनों द्वारा कोलॉइडी अवस्था में लाया जा सकता है। इसे वास्तविक विलयन और निलंबन के बीच की मध्यवर्ती अवस्था माना जाता है।
परिक्षेपण माध्यम
कोलाइडी विलयनों का वह भाग जिनके कणों का आकार 107-108 cm होता है। अर्थात जिनमें कोलॉइडी कण विस्तृत रहते हैं उन्हें परिक्षेपण माध्यम कहते हैं अर्थात विलायक की अवस्था को कहते हैं।
कोलाइडी विलयन वास्तविक विलयन तथा निलंबन के मध्य आते हैं। इस आधार पर इन्हे दो भागों में बांटा गया है। एक कोलाइड एक विषमांगी समुच्चय है जिसमें विलयन और निलंबन के बीच एक मध्यवर्ती आकार का कण होता है। पूरे परिक्षेपण माध्यम में, जो धातु, द्रव या गैस हो सकता है, परिक्षेपण हुए कण समान रूप से वितरित होते हैं। अर्थात कोलॉइडी विलयन की दो प्रावस्थाएँ होती हैं।
- परिक्षिप्त प्रावस्था
- परिक्षेपण माध्यम
परिक्षेपण माध्यम: जिस माध्यम में कोलॉइडी कण परिक्षेपित होते हैं उसे परिक्षेपण माध्यम कहते हैं। पनीर: पनीर पानी में निलंबित या छितरी हुई वसा से बना होता है।
परिक्षिप्त प्रावस्थाः वसा (ठोस) परिक्षेपण माध्यमः जल (तरल) सोडा जलः सोडा जल में सामान्यतः जल और गैस होती है।
वह प्रावस्था जो परिक्षिप्त होती है या कोलॉइडी कण के आकार में उपस्थित होती है, परिक्षिप्त प्रावस्था कहलाती है। जिस माध्यम में कोलॉइडी कण वितरित होते हैं, उसे परिक्षेपण माध्यम कहते हैं। उदाहरण: स्टार्च समाधान में स्टार्च परिक्षिप्त अवस्था का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि पानी परिक्षेपण माध्यम है।
कोलाइडी विलयनों का वर्गीकरण
परिक्षिप्त प्रावस्था और परिक्षेपण माध्यम की भौतिक अवस्थाओं के आधार पर कोलाइडी विलयनों को किस प्रकार वर्गीकृत किया जाता है?
परिक्षेपित प्रावस्था | परिक्षेपण माध्यम | कोलाइडल विलयन का प्रकार | उदाहरण |
---|---|---|---|
ठोस | ठोस | ठोस सोल | मिश्र धातुएं |
ठोस | द्रव | सोल | गोल्ड सॉल, सल्फर सॉल |
ठोस | गैस | ऐरोसॉल | धुआँ, धुंध |
द्रव | ठोस | जेल | जेली, दही, पनीर |
द्रव | द्रव | पायस | दूध, क्रीम |
द्रव | गैस | द्रव एरोसोल | बादल, कुहासा |
गैस | ठोस | ठोस फोम | झांवा, सूखा समुद्री झाग |
गैस | ठोस | फोम | हवा के झाग |
परिक्षिप्त प्रावस्था और परिक्षेपण माध्यम की भौतिक अवस्थाओं के आधार पर कोलाइडी विलयनों को आठ प्रकार के कोलॉइडी तंत्रों में वर्गीकृत किया गया है जैसा कि निम्न तालिका में दिखाया गया है।
नोट: गैस का दूसरी गैस के साथ मिश्रण समांगी मिश्रण होता है न कि कोलाइडी विलयन।
अभ्यास प्रश्न[edit | edit source]
- साबुन के झाग में परिक्षिप्त प्रावस्था और परिक्षेपण माध्यम क्या हैं?
- कोलाइडल प्रणाली जिसमें परिक्षिप्त प्रावस्था और परिक्षेपण माध्यम दोनों द्रव होते हैं वह क्या है ?
- कोलाइड्स को निम्नलिखित के आधार पर कैसे वर्गीकृत किया जाता है:
(i) घटकों की भौतिक अवस्थाएँ,
(ii) परिक्षिप्त प्रावस्था की प्रकृति और
(iii) परिक्षिप्त प्रावस्था और परिक्षेपण माध्यम के बीच पारस्परिक क्रिया
- साबुन के झाग में परिक्षिप्त प्रावस्था और परिक्षेपण माध्यम क्रमशः हैं :
- परिक्षिप्त प्रावस्था और परिक्षेपण माध्यम की भौतिक अवस्थाओं के आधार पर कोलाइडी विलयनों को किस प्रकार वर्गीकृत किया जाता है?
- कोहरे की परिक्षिप्त प्रावस्था और परिक्षेपण माध्यम क्या हैं?