उभयधर्मी आक्साइड: Difference between revisions
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* उभयधर्मी धातुएँ क्या होती हैं उदाहरण दीजिये। | * उभयधर्मी धातुएँ क्या होती हैं उदाहरण दीजिये। | ||
* क्या होता है जब उभयधर्मी धातुएँ अम्ल से अभिक्रिया करती हैं ? उदाहरण दीजिये।[[Category:रसायन विज्ञान]] | * क्या होता है जब उभयधर्मी धातुएँ अम्ल से अभिक्रिया करती हैं ? उदाहरण दीजिये।[[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:कक्षा-10]] |
Revision as of 19:28, 3 August 2023
जो धातु ऑक्साइड अम्लीय और क्षारीय दोनों प्रकार का व्यवहार प्रदर्शित करते हैं उन्हें उभयधर्मी ऑक्साइड कहते हैं। उनके पास अम्लीय और उदासीन दोनों प्रकार के ऑक्साइड की विशेषताएं हैं। क्षारीय विलयन बनाने के लिए एम्फ़ोटेरिक ऑक्साइड जल में विलेय हो जाते हैं। क्षारीय विलयन में हाइड्रॉक्साइड आयन होते हैं। इस प्रकार एल्यूमीनियम ऑक्साइड (Al2O3) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करके एल्यूमीनियम क्लोराइड और जल बनाता है। सोडियम हाइड्रोक्साइड विलयन के साथ यह सोडियम एल्युमिनेट (NaAlO2) और जल बनाता है।
उदाहरण
एलुमिनियम ऑक्साइड (Al2O3), ज़िंक ऑक्साइड (ZnO), SnO और PbO
उभयधर्मी धातुएँ
वे धातुएँ हैं जो अम्ल और क्षार दोनों के साथ रासायनिक अभिक्रिया करती हैं।
- उदाहरण के लिए, एल्युमिनियम, जिंक, और लेड
- एल्युमिनियम जैसी उभयधर्मी धातुएँ पोटेशियम हाइड्रॉक्साइड के साथ ऊष्मा की उपस्थिति में अभिक्रिया करती हैं जिससे हाइड्रोजन गैस निकलती है।
यहां उभयधर्मी आक्साइड अम्ल से अभिक्रिया करके लवण बना रहा है।
अभ्यास प्रश्न
- उभयधर्मी ऑक्साइड से क्या तात्पर्य है ?
- उभयधर्मी धातुएँ क्या होती हैं उदाहरण दीजिये।
- क्या होता है जब उभयधर्मी धातुएँ अम्ल से अभिक्रिया करती हैं ? उदाहरण दीजिये।