सांख्यिकी: Difference between revisions

From Vidyalayawiki

mNo edit summary
(Updated Category)
 
(16 intermediate revisions by 3 users not shown)
Line 1: Line 1:
[[Category:गणित]]
[[Category:अनुप्रयुक्त गणित]]
== भूमिका ==
== भूमिका ==
प्रतिदिन हमें तथ्यों, संख्यात्मक अंकों, सारणियों, आलेखों (ग्राफों) आदि के रूप में विभिन्न प्रकार की सूचनाएँ देखने को मिलती रहती हैं। ये सूचनाएँ हमें समाचार पत्रों, टेलीविजनों, पत्रिकाओं और संचार के अन्य साधनों से उपलब्ध होती रहती हैं।  
प्रतिदिन हमें तथ्यों, संख्यात्मक अंकों, सारणियों, आलेखों (ग्राफों) आदि के रूप में विभिन्न प्रकार की सूचनाएँ देखने को मिलती रहती हैं। ये सूचनाएँ हमें समाचार पत्रों, टेलीविजनों, पत्रिकाओं और संचार के अन्य साधनों से उपलब्ध होती रहती हैं।  
Line 7: Line 4:
एक निश्चित उद्देश्य से एकत्रित किए गए इन तथ्यों या अंकों को, जो संख्यात्मक या अन्य रूप में हो सकते हैं, आंकड़े (''data'') कहा जाता है। अंग्रेजी शब्द "''data''" लैटिन शब्द ''datum'' का बहुवचन है।   
एक निश्चित उद्देश्य से एकत्रित किए गए इन तथ्यों या अंकों को, जो संख्यात्मक या अन्य रूप में हो सकते हैं, आंकड़े (''data'') कहा जाता है। अंग्रेजी शब्द "''data''" लैटिन शब्द ''datum'' का बहुवचन है।   


अर्थपूर्ण सूचनाएँ उपलब्ध करने से संबंधित अध्ययन गणित की एक शाखा में किया जाता है जिसे सांख्यिकी ''(statistics'') कहा जाता है।
अर्थपूर्ण सूचनाएँ उपलब्ध करने से संबंधित अध्ययन गणित की एक शाखा में किया जाता है, जिसे ''सांख्यिकी'' ''(statistics'') कहा जाता है।


सांख्यिकी में आंकड़ों के संग्रह करने, व्यवस्थित करने, विश्लेषण करने और निर्वचन करने के बारे में अध्ययन किया जाता है । भिन्न-भिन्न संदर्भों में शब्द 'statistics' का अर्थ भिन्न-भिन्न होता है।
''सांख्यिकी''  में आंकड़ों के संग्रह करने, व्यवस्थित करने, विश्लेषण करने और निर्वचन करने के बारे में अध्ययन किया जाता है । भिन्न-भिन्न संदर्भों में शब्द 'statistics' का अर्थ भिन्न-भिन्न होता है।


== आंकड़ों का संग्रह ==
== आंकड़ों का संग्रह ==
Line 29: Line 26:


== आंकड़ों का प्रस्तुतिकरण ==
== आंकड़ों का प्रस्तुतिकरण ==
आंकड़ों को एकत्रित करने का काम समाप्त होने के उपरांत ही अंवेषक को इन आंकड़ों को ऐसे रूप में प्रस्तुत करने की विधियों को ज्ञात करना होता है जो अर्थपूर्ण हो, सरलता से समझी जा सकती हों और एक ही झलक में उसके मुख्य लक्षणों को जाना जा सकता हो।  
आंकड़ों को एकत्रित करने का काम समाप्त होने के उपरांत ही, अंवेषक को इन आंकड़ों को ऐसे रूप में प्रस्तुत करने की विधियों को ज्ञात करना होता है जो अर्थपूर्ण हो, सरलता से समझी जा सकती हों और एक ही झलक में उसके मुख्य लक्षणों को जाना जा सकता हो।  
 
आइए अब हम कुछ उदाहरण लेकर आंकड़ों को प्रस्तुत करने की विभिन्न विधियों पर पुनः विचार करें।


== आंकड़ों का आलेखीय निरूपण ==
== आंकड़ों का आलेखीय निरूपण ==
एक कहावत यह रही है कि एक चित्र हजार शब्द से भी उत्तम होता है। प्रायः अलग-अलग मदों की तुलनाओं को आलेखों (graphs) की सहायता से अच्छी तरह से दर्शाया जाता है। तब वास्तविक आंकड़ों की तुलना में इस निरूपण को समझना अधिक सरल हो जाता है। इस अनुच्छेद में, हम निम्नलिखित आलेखीय निरूपणों का अध्ययन करेंगे।
एक कहावत यह रही है कि, एक चित्र हजार शब्द से भी उत्तम होता है। प्रायः अलग-अलग मदों की तुलनाओं को आलेखों (graphs) की सहायता से अच्छी तरह से दर्शाया जाता है। तब वास्तविक आंकड़ों की तुलना में इस निरूपण को समझना अधिक सरल हो जाता है। इस अनुच्छेद में, हम निम्नलिखित आलेखीय निरूपणों का अध्ययन करेंगे।


(A) दंड आलेख (''Bar Graph'')
(A) दंड आलेख (''Bar Graph'')
Line 41: Line 36:


(C) बारंबारता बहुभुज (''Frequency Polygons'')
(C) बारंबारता बहुभुज (''Frequency Polygons'')
[[File:Adobe Flex ColumnChart.png|alt=Bar graph|thumb|Bar graph|263x263px]]


आईए हम इन आलेखीय निरूपणों को विस्तार से देखें :


'''(A) दंड आलेख (''Bar Graph'')'''
'''(A) दंड आलेख (''Bar Graph'')'''
Line 48: Line 46:


'''(B) आयतचित्र (''Histograms'')'''
'''(B) आयतचित्र (''Histograms'')'''
 
[[File:Histogram example.svg|alt=Histogram|thumb|Histogram|261x261px]]
यह संतत वर्ग अंतरालों के लिए प्रयुक्त दंड आलेख की भाँति निरूपण का एक रूप है।
यह संतत वर्ग अंतरालों के लिए प्रयुक्त दंड आलेख की भाँति निरूपण का एक रूप है।


'''(C) बारंबारता बहुभुज (''Frequency Polygons'')'''


मात्रात्मक आंकड़ों (''quantitative data'') और उनकी बारंबारताओं को निरूपित करने की एक अन्य विधि भी है। वह है एक बहुभुज (''polygon'')।


'''(C) बारंबारता बहुभुज (''Frequency Polygons'')'''


मात्रात्मक आंकड़ों (''quantitative data'') और उनकी बारंबारताओं को निरूपित करने की एक अन्य विधि भी है। वह है एक बहुभुज (''polygon'')।


आयतचित्र बनाए बिना ही बारंबारता बहुभुजों को स्वतंत्र रूप से भी बनाया जा सकता है। इसके लिए हमें आंकड़ों में प्रयुक्त वर्ग अंतरालों के मध्य बिन्दुओं की आवश्यकता होती है। वर्ग अंतरालों के इन मध्य-बिंदुओं को वर्ग - चिह्न (''class-marks'') कहा जाता है।
आयतचित्र बनाए बिना ही बारंबारता बहुभुजों को स्वतंत्र रूप से भी बनाया जा सकता है। इसके लिए हमें आंकड़ों में प्रयुक्त वर्ग अंतरालों के मध्य बिन्दुओं की आवश्यकता होती है। वर्ग अंतरालों के इन मध्य-बिंदुओं को वर्ग - चिह्न (''class-marks'') कहा जाता है।
Line 61: Line 59:


इस तरह,
इस तरह,
''वर्ग -चिह्न = (उपरि सीमा + निम्न सीमा)/2''
'''''वर्ग -चिह्न = (उपरि सीमा + निम्न सीमा)/2'''''
[[Category:सांख्यिकी]][[Category:कक्षा-9]][[Category:गणित]][[Category:गणित]]
[[Category:गणित]]

Latest revision as of 15:25, 4 August 2023

भूमिका

प्रतिदिन हमें तथ्यों, संख्यात्मक अंकों, सारणियों, आलेखों (ग्राफों) आदि के रूप में विभिन्न प्रकार की सूचनाएँ देखने को मिलती रहती हैं। ये सूचनाएँ हमें समाचार पत्रों, टेलीविजनों, पत्रिकाओं और संचार के अन्य साधनों से उपलब्ध होती रहती हैं।

एक निश्चित उद्देश्य से एकत्रित किए गए इन तथ्यों या अंकों को, जो संख्यात्मक या अन्य रूप में हो सकते हैं, आंकड़े (data) कहा जाता है। अंग्रेजी शब्द "data" लैटिन शब्द datum का बहुवचन है।

अर्थपूर्ण सूचनाएँ उपलब्ध करने से संबंधित अध्ययन गणित की एक शाखा में किया जाता है, जिसे सांख्यिकी (statistics) कहा जाता है।

सांख्यिकी में आंकड़ों के संग्रह करने, व्यवस्थित करने, विश्लेषण करने और निर्वचन करने के बारे में अध्ययन किया जाता है । भिन्न-भिन्न संदर्भों में शब्द 'statistics' का अर्थ भिन्न-भिन्न होता है।

आंकड़ों का संग्रह

आइए हम निम्नलिखित क्रियाकलाप करके आंकड़ों को एकत्रित करने का कार्य प्रारम्भ करें।

क्रियाकलाप 1: अपनी कक्षा के विद्यार्थियों को चार समूहों में बाँट दीजिए। प्रत्येक समूह को निम्न प्रकार के आंकड़ों में से एक प्रकार के आंकड़ों को संग्रह करने का काम दे दीजिए।

(i) अपनी कक्षा के 20 विद्यार्थियों की लंबाई ।

(ii) अपनी कक्षा में किसी एक महीने के प्रत्येक दिन अनुपस्थित रहे विद्यार्थियों की संख्या ।

(iii) आपके कक्षा मित्रों के परिवारों के सदस्यों की संख्या।

(iv) आपके विद्यालय में या उसके आस-पास के 15 पौधों की लंबाइयाँ ।

स्वयं अंवेषक ने अपने दिमाग में एक निश्चित उद्देश्य रखकर सूचनाओं को एकत्रित किया है। इस प्रकार एकत्रित किए गए आंकड़ों को प्राथमिक आंकड़े (primary data) कहा जाता है।

जहाँ किसी स्रोत से, जिसमें सूचनाएँ पहले से ही एकत्रित हैं, आंकड़े प्राप्त किए गए हों उन आंकड़ों को गौण आंकड़े (secondary data) कहा जाता है।

आंकड़ों का प्रस्तुतिकरण

आंकड़ों को एकत्रित करने का काम समाप्त होने के उपरांत ही, अंवेषक को इन आंकड़ों को ऐसे रूप में प्रस्तुत करने की विधियों को ज्ञात करना होता है जो अर्थपूर्ण हो, सरलता से समझी जा सकती हों और एक ही झलक में उसके मुख्य लक्षणों को जाना जा सकता हो।

आंकड़ों का आलेखीय निरूपण

एक कहावत यह रही है कि, एक चित्र हजार शब्द से भी उत्तम होता है। प्रायः अलग-अलग मदों की तुलनाओं को आलेखों (graphs) की सहायता से अच्छी तरह से दर्शाया जाता है। तब वास्तविक आंकड़ों की तुलना में इस निरूपण को समझना अधिक सरल हो जाता है। इस अनुच्छेद में, हम निम्नलिखित आलेखीय निरूपणों का अध्ययन करेंगे।

(A) दंड आलेख (Bar Graph)

(B) एकसमान चौड़ाई और परिवर्ती चौड़ाइयों वाले आयतचित्र (Histograms)

(C) बारंबारता बहुभुज (Frequency Polygons)

Bar graph
Bar graph


आईए हम इन आलेखीय निरूपणों को विस्तार से देखें :

(A) दंड आलेख (Bar Graph)

दंड आलेख आंकड़ों का एक चित्रीय निरूपण होता है जिसमें प्राय: एक अक्ष (मान लीजिए x-अक्ष) पर एक चर को प्रकट करने वाले एक समान चौड़ाई के दंड खींचे जाते हैं जिनके बीच में बराबर-बराबर दूरियाँ छोड़ी जाती हैं। चर के मान दूसरे अक्ष (मान लीजिए y-अक्ष) पर दिखाए जाते हैं और दंडों की ऊँचाइयाँ चर के मानों पर निर्भर करती हैं।

(B) आयतचित्र (Histograms)

Histogram
Histogram

यह संतत वर्ग अंतरालों के लिए प्रयुक्त दंड आलेख की भाँति निरूपण का एक रूप है।

(C) बारंबारता बहुभुज (Frequency Polygons)

मात्रात्मक आंकड़ों (quantitative data) और उनकी बारंबारताओं को निरूपित करने की एक अन्य विधि भी है। वह है एक बहुभुज (polygon)।


आयतचित्र बनाए बिना ही बारंबारता बहुभुजों को स्वतंत्र रूप से भी बनाया जा सकता है। इसके लिए हमें आंकड़ों में प्रयुक्त वर्ग अंतरालों के मध्य बिन्दुओं की आवश्यकता होती है। वर्ग अंतरालों के इन मध्य-बिंदुओं को वर्ग - चिह्न (class-marks) कहा जाता है। किसी वर्ग अंतराल का वर्ग चिह्न ज्ञात करने के लिए, हम उस वर्ग अंतराल की उपरि सीमा (upper limit) और निम्न सीमा (lower limit) का योग ज्ञात करते हैं और इस योग को 2 से भाग दे देते हैं।

इस तरह, वर्ग -चिह्न = (उपरि सीमा + निम्न सीमा)/2