कक्षक अतिव्यापन अवधारणा: Difference between revisions

From Vidyalayawiki

Listen

No edit summary
No edit summary
Line 15: Line 15:
*धनात्मक अतिव्यापन और ऋणात्मक अतिव्यापन में आपस में क्या अंतर है ?
*धनात्मक अतिव्यापन और ऋणात्मक अतिव्यापन में आपस में क्या अंतर है ?
*शून्य अतिव्यापन से आप क्या समझते हैं ?
*शून्य अतिव्यापन से आप क्या समझते हैं ?
*हाइड्रोजन परमाणु  में अतिव्यापन किस प्रकार से होता है ?[[Category:कक्षा-11]]
*हाइड्रोजन परमाणु  में अतिव्यापन किस प्रकार से होता है ?[[Category:कक्षा-11]][[Category:रसायन विज्ञान]]

Revision as of 10:36, 7 August 2023

परमाणु आपस में टकराकर संयुक्त हो जाते हैं। इसमें दो परमाणु एक-दूसरे के बहुत पास आते हैं और वे एक-दूसरे की कक्षा में प्रवेश करते हैं और एक नई संकरित कक्षा बनाते हैं जहां इलेक्ट्रॉन आपस में बंध द्वारा जुड़ते है। संकरित कक्षक में परमाणु कक्षक की तुलना में ऊर्जा बहुत कम होती है और इसलिए यह स्थाई होता है। यह न्यूनतम ऊर्जा अवस्था में होता है। कक्षक के इस आंशिक प्रवेश को कक्षीय ओवरलैप के रूप में जाना जाता है। ओवरलैप कितना होगा यह निर्भर करता है कि उसमे भाग लेने वाले दो परमाणुओं, परमाणुओं के आकार और संयोजी इलेक्ट्रॉनों पर है। ओवरलैप जितना अधिक होता है उसमे भाग लेने वाले, दो परमाणुओं के बीच बंध उतना ही मजबूत होता है। इस प्रकार, कक्षीय ओवरलैप अवधारणा के अनुसार, परमाणु अपने कक्षक को ओवरलैप करके संयोजित होते हैं और इस प्रकार एक निम्न ऊर्जा अवस्था बनाते हैं जहां उनके विपरीत स्पिन वाले संयोजी इलेक्ट्रॉन सहसंयोजक बंध बनाने के लिए जुड़ जाते हैं।

आणविक बंध कोणों को बंध के दिशात्मक गुणों के माध्यम से समझाया गया है। दो हाइड्रोजन परमाणु आपस में आमने-सामने की टक्कर करके परमाणु का निर्माण करते हैं। इसमें 1s कक्षक आपस में ओवरलैप होता है।

परमाणु कक्षक का अतिव्यापन

जब दो परमाणु आपस में बंध बनाने के लिए एक-दूसरे के संपर्क में आते हैं, तो उनका ओवरलैप दो परस्पर क्रिया करने वाले ऑर्बिटल्स के कला और उसपर उपस्थित आवेश के आधार पर धनात्मक, ऋणात्मक या शून्य भी हो सकता है।

परमाणु कक्षाओं का धनात्मक अतिव्यापन

जब दो परस्पर क्रिया करने वाले ऑर्बिटल का कला समान होता है, तो उनमे धनात्मक अतिव्यापन होता है और इस स्थिति में, बंध बनता है। दो परस्पर क्रिया करने वाले कक्षीय (+ या -) का कला कक्षीय तरंग फ़ंक्शन पर उपस्थित आवेश से होता है।

परमाणु ऑर्बिटल्स का ऋणात्मक अतिव्यापन

जब दो परस्पर क्रिया करने वाले परमाणु ऑर्बिटल में विपरीत कला होती है, तो अतिव्यापन ऋणात्मक होता है और ऐसी अवस्था में, बंध नहीं बनता है।

परमाणु कक्षकों का शून्य अतिव्यापन

जब दो परस्पर क्रिया करने वाले परमाणु कक्षकों का अभिविन्यास कुछ इस प्रकार से होता है कि कक्षकों में किसी भी प्रकार की अतिव्यापन नहीं होता है, तो इसे शून्य अतिव्यापन के रूप में जाना जाता है।

अभ्यास प्रश्न

  • परमाणु कक्षकों का अतिव्यापन क्या है ?
  • धनात्मक अतिव्यापन और ऋणात्मक अतिव्यापन में आपस में क्या अंतर है ?
  • शून्य अतिव्यापन से आप क्या समझते हैं ?
  • हाइड्रोजन परमाणु  में अतिव्यापन किस प्रकार से होता है ?