प्लाज्मा: Difference between revisions
Listen
No edit summary |
m (removed Category:कोलॉइड using HotCat) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
[[Category:हमारे आसपास के पदार्थ]] | [[Category:हमारे आसपास के पदार्थ]] | ||
अपने आस पास के पदार्थों को ध्यान से देखने पर आप पातें हैं कि आपके आस-पास तीन प्रकार के पदार्थ हैं कुछ [[पदार्थ]] ठोस के बनें हुए हैं कुछ द्रव् के और कुछ गैस के, तो क्या आप ये कह सकते हैं की पदार्थ की पांच अवस्थाएं होती हैं। पदार्थ (matter) ब्रह्मांड की “विषय वस्तु” है। प्रत्येक वह वस्तु जो स्थान घेरती है तथा जिसका द्रव्यमान होता है [[पदार्थ]] या [[द्रव्य]] कहलाती है। | अपने आस पास के पदार्थों को ध्यान से देखने पर आप पातें हैं कि आपके आस-पास तीन प्रकार के पदार्थ हैं कुछ [[पदार्थ]] ठोस के बनें हुए हैं कुछ द्रव् के और कुछ गैस के, तो क्या आप ये कह सकते हैं की पदार्थ की पांच अवस्थाएं होती हैं। पदार्थ (matter) ब्रह्मांड की “विषय वस्तु” है। प्रत्येक वह वस्तु जो स्थान घेरती है तथा जिसका द्रव्यमान होता है [[पदार्थ]] या [[द्रव्य]] कहलाती है। |
Revision as of 12:08, 8 August 2023
अपने आस पास के पदार्थों को ध्यान से देखने पर आप पातें हैं कि आपके आस-पास तीन प्रकार के पदार्थ हैं कुछ पदार्थ ठोस के बनें हुए हैं कुछ द्रव् के और कुछ गैस के, तो क्या आप ये कह सकते हैं की पदार्थ की पांच अवस्थाएं होती हैं। पदार्थ (matter) ब्रह्मांड की “विषय वस्तु” है। प्रत्येक वह वस्तु जो स्थान घेरती है तथा जिसका द्रव्यमान होता है पदार्थ या द्रव्य कहलाती है।
पदार्थ की अवस्थाएं
पहले पदार्थ की केवल तीन अवस्थाओं के बारे में जानकारी थी लेकिन नई खोजों ने भौतिकी में दो और पदार्थ की अवस्थाएँ प्राप्त की हैं। तो आइए जानते हैं पदार्थ की 5 अवस्थाओं के नाम।
1. ठोस अवस्था
2. द्रव् अवस्था
3. गैस अवस्था
4. प्लाज्मा अवस्था
5. बोस आइंस्टीन कंडेंसेटप्लाज्मा
प्लाज्मा
भौतिकी और रसायन शास्त्र में, प्लाज्मा आंशिक रूप से आयनीकृत एक गैस है, जिसमें इलेक्ट्रॉनों का एक निश्चित अनुपात किसी परमाणु या अणु के साथ बंंध बनाने के बजाय स्वतंत्र होता है। प्लाज्मा में धनावेश और ऋणावेश की स्वतंत्र रूप से गमन करने की क्षमता होती है जिस कारण प्लाज्मा विधुत चालक होता है जिसके परिणामस्वरूप यह दृढ़ता से विद्युत चुम्बकीय क्षेत्रों से प्रतिक्रिया कर पाता है। एक गर्म आयनित गैस है जिसमें धनात्मक आयनों और ऋणायनों की लगभग समान संख्या होती है। प्लाज्मा के गुण सामान्य गैसों से काफी भिन्न होते हैं, इसलिए प्लाज्मा को पदार्थ की चौथी अवस्था माना जाता है। गैस की तरह, प्लाज्मा का कोई निश्चित आकार या निश्चित आयतन नहीं होता है, जब तक कि यह एक कंटेनर में सीमित न हो, लेकिन गैस के विपरीत, एक चुंबकीय क्षेत्र के प्रभाव में, यह एक फिलामेंट, एक बीम या एक दोहरी परत जैसी संरचनाएं बनाता है। इस अवस्था में कण अत्यधिक ऊर्जा वाले और अधिक उत्तेजित होते है। ये कण आयनीकृत गैस के रूप में होते हैं। नियान बल्ब में प्लाज्मा होता है, और इसके अंदर नियॉन गैस भरी होती है। विधुत ऊर्जा प्रवाहित होने पर यह गैस आवेशित हो जाती है। जिससे चमकीला प्लाज्मा तैयार हो जाता है। प्लाज्मा के कारण ही सूर्य और तारों में भी चमक होती है। और उच्च ताप के कारण तारों में प्लाज्मा बनता है।
- गैस की तरह प्लाज्मा का कोई निश्चित आकार या निश्चित आयतन नहीं होता है।
- प्लाज्मा में धनावेश और ऋणावेश की स्वतंत्र रूप से गमन करने की क्षमता होती है यही कारण है की प्लाज्मा विद्युत चालक है।
- किसी चुंबकीय क्षेत्र के प्रभाव में यह एक फिलामेंट, पुंज या दोहरी परत जैसी संरचनाओं का निर्माण करता है।
अभ्यास प्रश्न
- पदार्थ की कितनी अवस्थाएं होती है ?
- प्लाज्मा से आप क्या समझते हैं ? संक्षिप्त विवरण दीजिये।
- यदि आप इसे नहीं देख पा रहे हैं तो आप कैसे जानेंगे कि प्लाज्मा वास्तविक है?
- प्लाज्मा के कारण ही सूर्य और तारो में भी चमक होती है। इस कथन की पुष्टि कीजिये।