क्लोर-क्षार प्रक्रिया: Difference between revisions

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क्लोर-क्षार प्रक्रिया [[सोडियम हाइड्रॉक्साइड]] के निर्माण करने के लिए उपयोगी है। सोडियम क्लोराइड के जलीय विलयन में विधुत धारा प्रवाहित करने पर यह वियोजित होकर सोडियम हाइड्रॉक्साइड उतपन्न करता है। इस प्रक्रिया को क्लोर-क्षार प्रक्रिया कहते हैं। इस प्रक्रिया द्वारा  सोडियम हाइड्रॉक्साइड का निर्माण होता है साथ ही [[हाइड्रोजन]] एवं क्लोरीन गैस प्राप्त होती है। साधारण नमक (NaCl) के जलीय विलयन से विद्युत् प्रवाहित करने से यह वियोजित हो जाता है और सोडियम हाइड्रॉक्साइड उत्पन्न करता है। इस प्रक्रिया को क्लोर-क्षार प्रक्रिया कहते हैं, क्योंकि इससे निर्मित उत्पाद क्लोरीन (क्लोर) और सोडियम हाइड्रॉक्साइड (क्षार) होते हैं।  इससे बनने वाले उत्पाद क्लोरीन (क्लोर) और सोडियम हाइड्रोक्साइड (क्षार) होते हैं इस लिए इस अभिक्रिया को क्लोर-क्षार अभिक्रिया कहा जाता है
 
== क्लोर-क्षार प्रक्रिया द्वारा सोडियम हाइड्रॉक्साइड का निर्माण ==
सोडियम क्लोराइड के जलीय विलयन में विधुत धारा प्रवाहित करने पर यह वियोजित होकर सोडियम हाइड्रॉक्साइड उतपन्न करता है। इस प्रक्रिया को क्लोर-क्षार प्रक्रिया कहते हैं। सोडियम हाइड्रोक्साइड (NaOH) एक प्रबल क्षार होता है। इसे कास्टिक सोडा के नाम से भी जाना जाता है। यह [[सोडियम क्लोराइड]] (ब्राइन) के घोल के विधुत अपघटन द्वारा प्राप्त किया जाता है। ब्राइन (सोडियम क्लोराइड का जलीय विलयन) के विधुत अपघटन की प्रक्रिया में, ब्राइन सोडियम हाइड्रॉक्साइड बनाने के लिए विघटित हो जाता है। साधारण नमक (NaCl) के जलीय विलयन में विद्युत प्रवाहित करने पर यह वियोजित हो जाता है और सोडियम हाइड्रॉक्साइड उत्पन्न करता है। इस प्रक्रिया में ऐनोड पर क्लोरीन तथा कैथोड पर उपोत्पाद के रूप में हाइड्रोजन गैस प्राप्त होती है। इस प्रक्रिया को क्लोर-क्षार प्रक्रिया कहा जाता है क्योंकि बनने वाले उत्पाद क्लोरीन (क्लोर) और सोडियम हाइड्रोक्साइड ([[क्षार]]) होते हैं।
 
<chem>2NaCl + 2H2O -> 2NaOH (aq) + Cl2 (g) + H2 (g)</chem>
 
'''एनोड पर'''
 
सोडियम क्लोराइड के जलीय विलयन में विधुत धारा प्रवाहित करने पर यह वियोजित होकर सोडियम हाइड्रॉक्साइड उतपन्न करता है और एनोड पर '''[[क्लोरीन]] गैस''' प्राप्त होती है।
 
'''कैथोड पर'''
 
सोडियम क्लोराइड के जलीय विलयन में विधुत धारा प्रवाहित करने पर यह वियोजित होकर सोडियम हाइड्रॉक्साइड उतपन्न करता है और कैथोड पर सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन का निर्माण भी होता है। कैथोड पर '''हाइड्रोजन गैस''' का निर्माण होता है।
 
'''क्लोर-क्षार प्रक्रिया के उत्पाद'''
 
# सोडियम हाइड्रॉक्साइड
# क्लोरीन गैस
# हाइड्रोजन गैस
 
== अभ्यास प्रश्न ==
 
* क्लोर-क्षार प्रक्रिया द्वारा सोडियम हाइड्रॉक्साइड का निर्माण किस प्रकार करेंगे?
* क्लोर-क्षार प्रक्रिया में एनोड और कैथोड पर क्या प्राप्त होगा?
* क्लोर-क्षार प्रक्रिया के मुख्य उत्पाद क्या क्या हैं?
* सोडियम हाइड्रॉक्साइड का रासायनिक सूत्र लिखिए।[[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:कक्षा-10]][[Category:अकार्बनिक रसायन]]

Latest revision as of 11:45, 14 August 2023

क्लोर-क्षार प्रक्रिया सोडियम हाइड्रॉक्साइड के निर्माण करने के लिए उपयोगी है। सोडियम क्लोराइड के जलीय विलयन में विधुत धारा प्रवाहित करने पर यह वियोजित होकर सोडियम हाइड्रॉक्साइड उतपन्न करता है। इस प्रक्रिया को क्लोर-क्षार प्रक्रिया कहते हैं। इस प्रक्रिया द्वारा सोडियम हाइड्रॉक्साइड का निर्माण होता है साथ ही हाइड्रोजन एवं क्लोरीन गैस प्राप्त होती है। साधारण नमक (NaCl) के जलीय विलयन से विद्युत् प्रवाहित करने से यह वियोजित हो जाता है और सोडियम हाइड्रॉक्साइड उत्पन्न करता है। इस प्रक्रिया को क्लोर-क्षार प्रक्रिया कहते हैं, क्योंकि इससे निर्मित उत्पाद क्लोरीन (क्लोर) और सोडियम हाइड्रॉक्साइड (क्षार) होते हैं। इससे बनने वाले उत्पाद क्लोरीन (क्लोर) और सोडियम हाइड्रोक्साइड (क्षार) होते हैं इस लिए इस अभिक्रिया को क्लोर-क्षार अभिक्रिया कहा जाता है

क्लोर-क्षार प्रक्रिया द्वारा सोडियम हाइड्रॉक्साइड का निर्माण

सोडियम क्लोराइड के जलीय विलयन में विधुत धारा प्रवाहित करने पर यह वियोजित होकर सोडियम हाइड्रॉक्साइड उतपन्न करता है। इस प्रक्रिया को क्लोर-क्षार प्रक्रिया कहते हैं। सोडियम हाइड्रोक्साइड (NaOH) एक प्रबल क्षार होता है। इसे कास्टिक सोडा के नाम से भी जाना जाता है। यह सोडियम क्लोराइड (ब्राइन) के घोल के विधुत अपघटन द्वारा प्राप्त किया जाता है। ब्राइन (सोडियम क्लोराइड का जलीय विलयन) के विधुत अपघटन की प्रक्रिया में, ब्राइन सोडियम हाइड्रॉक्साइड बनाने के लिए विघटित हो जाता है। साधारण नमक (NaCl) के जलीय विलयन में विद्युत प्रवाहित करने पर यह वियोजित हो जाता है और सोडियम हाइड्रॉक्साइड उत्पन्न करता है। इस प्रक्रिया में ऐनोड पर क्लोरीन तथा कैथोड पर उपोत्पाद के रूप में हाइड्रोजन गैस प्राप्त होती है। इस प्रक्रिया को क्लोर-क्षार प्रक्रिया कहा जाता है क्योंकि बनने वाले उत्पाद क्लोरीन (क्लोर) और सोडियम हाइड्रोक्साइड (क्षार) होते हैं।

एनोड पर

सोडियम क्लोराइड के जलीय विलयन में विधुत धारा प्रवाहित करने पर यह वियोजित होकर सोडियम हाइड्रॉक्साइड उतपन्न करता है और एनोड पर क्लोरीन गैस प्राप्त होती है।

कैथोड पर

सोडियम क्लोराइड के जलीय विलयन में विधुत धारा प्रवाहित करने पर यह वियोजित होकर सोडियम हाइड्रॉक्साइड उतपन्न करता है और कैथोड पर सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन का निर्माण भी होता है। कैथोड पर हाइड्रोजन गैस का निर्माण होता है।

क्लोर-क्षार प्रक्रिया के उत्पाद

  1. सोडियम हाइड्रॉक्साइड
  2. क्लोरीन गैस
  3. हाइड्रोजन गैस

अभ्यास प्रश्न

  • क्लोर-क्षार प्रक्रिया द्वारा सोडियम हाइड्रॉक्साइड का निर्माण किस प्रकार करेंगे?
  • क्लोर-क्षार प्रक्रिया में एनोड और कैथोड पर क्या प्राप्त होगा?
  • क्लोर-क्षार प्रक्रिया के मुख्य उत्पाद क्या क्या हैं?
  • सोडियम हाइड्रॉक्साइड का रासायनिक सूत्र लिखिए।