संक्रामक रोग: Difference between revisions

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== संक्रामक रोग ==
== संक्रामक रोग ==
कुछ बीमारियाँ शिथिलता या बीमारी के कारण नहीं होती हैं, बल्कि बाहरी स्रोतों से आपके शरीर में संचारित होती हैं। उन्हें संक्रामक रोग कहते हैं। संक्रामक रोग, जो किसी ना किसी रोगजनित कारको (रोगाणुओं) जैसे प्रोटोज़ोआ, कवक, जीवाणु, वाइरस इत्यादि के कारण होते है। संक्रामक रोगों में एक शरीर से अन्य शरीर में फैलने की क्षमता होती है। संक्रामक रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से संचारित होते हैं उन्हें संक्रामक रोग कहते हैं। संक्रामक रोग बहुत सामान्य रोग है, ये बहुत आसानी से अपना शिकार बना लेते हैं। संक्रामक रोग प्रायः हल्के लक्षणों से शुरू होते हैं जो आगे तेजी से बढ़ते हैं। यदि संक्रामक रोगों का उपचार न किया जाए तो उनके लक्षण अक्सर गंभीर हो सकते हैं। इसलिए, संक्रामक रोग से पीड़ित व्यक्ति को तत्काल चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता होती है। कुछ संक्रामक रोग बहुत घातक होते हैं जैसे एड्स।
संक्रामक रोग किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क (प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष) के माध्यम से रोगज़नक़ के संचरण द्वारा आसानी से फैलता है (अर्थात संचारित होता है)। कुछ बीमारियाँ शिथिलता या बीमारी के कारण नहीं होती हैं, बल्कि बाहरी स्रोतों से आपके शरीर में संचारित होती हैं। उन्हें संक्रामक रोग कहते हैं। संक्रामक रोग, जो किसी ना किसी रोगजनित कारको (रोगाणुओं) जैसे प्रोटोज़ोआ, कवक, जीवाणु, वाइरस इत्यादि के कारण होते है। संक्रामक रोगों में एक शरीर से अन्य शरीर में फैलने की क्षमता होती है। संक्रामक रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से संचारित होते हैं उन्हें संक्रामक रोग कहते हैं। संक्रामक रोग बहुत सामान्य रोग है, ये बहुत आसानी से अपना शिकार बना लेते हैं। संक्रामक रोग प्रायः हल्के लक्षणों से शुरू होते हैं जो आगे तेजी से बढ़ते हैं। यदि संक्रामक रोगों का उपचार न किया जाए तो उनके लक्षण अक्सर गंभीर हो सकते हैं। इसलिए, संक्रामक रोग से पीड़ित व्यक्ति को तत्काल चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता होती है। कुछ संक्रामक रोग बहुत घातक होते हैं जैसे एड्स।


'''उदाहरण -''' मलेरिया, टायफायड, पोलियों, चेचक, इन्फ्लुएन्जा, खसरा, तपेदिक (टीबी), यौन संबंधी संक्रमण तथा एड्स (एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशेयंसी सिंड्रोम) इत्यादि संक्रामक रोगों के उदाहरण हैं।
'''उदाहरण -''' मलेरिया, टायफायड, पोलियों, चेचक, इन्फ्लुएन्जा, खसरा, तपेदिक (टीबी), यौन संबंधी संक्रमण तथा एड्स (एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशेयंसी सिंड्रोम) इत्यादि संक्रामक रोगों के उदाहरण हैं।
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* संक्रामक रोगों के लक्षण बताइये।  
* संक्रामक रोगों के लक्षण बताइये।  
* संक्रामक रोगों का पता लगाने के लिए किये जाने वाले परीक्षण कौन- कौन से हैं ?
* संक्रामक रोगों का पता लगाने के लिए किये जाने वाले परीक्षण कौन- कौन से हैं ?
* वायरस से होने वाले किन्हीं पाँच रोगों का उल्लेख कीजिए।
* वायरस से होने वाले किन्हीं पाँच रोगों का उल्लेख कीजिए।[[Category:जीव विज्ञान]][[Category:कक्षा-12]][[Category:जंतु विज्ञान]]

Latest revision as of 13:00, 14 August 2023


संक्रामक रोग

संक्रामक रोग किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क (प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष) के माध्यम से रोगज़नक़ के संचरण द्वारा आसानी से फैलता है (अर्थात संचारित होता है)। कुछ बीमारियाँ शिथिलता या बीमारी के कारण नहीं होती हैं, बल्कि बाहरी स्रोतों से आपके शरीर में संचारित होती हैं। उन्हें संक्रामक रोग कहते हैं। संक्रामक रोग, जो किसी ना किसी रोगजनित कारको (रोगाणुओं) जैसे प्रोटोज़ोआ, कवक, जीवाणु, वाइरस इत्यादि के कारण होते है। संक्रामक रोगों में एक शरीर से अन्य शरीर में फैलने की क्षमता होती है। संक्रामक रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से संचारित होते हैं उन्हें संक्रामक रोग कहते हैं। संक्रामक रोग बहुत सामान्य रोग है, ये बहुत आसानी से अपना शिकार बना लेते हैं। संक्रामक रोग प्रायः हल्के लक्षणों से शुरू होते हैं जो आगे तेजी से बढ़ते हैं। यदि संक्रामक रोगों का उपचार न किया जाए तो उनके लक्षण अक्सर गंभीर हो सकते हैं। इसलिए, संक्रामक रोग से पीड़ित व्यक्ति को तत्काल चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता होती है। कुछ संक्रामक रोग बहुत घातक होते हैं जैसे एड्स।

उदाहरण - मलेरिया, टायफायड, पोलियों, चेचक, इन्फ्लुएन्जा, खसरा, तपेदिक (टीबी), यौन संबंधी संक्रमण तथा एड्स (एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशेयंसी सिंड्रोम) इत्यादि संक्रामक रोगों के उदाहरण हैं।

संक्रामक रोगों के प्रकार

संचरण कारक के आधार पर संक्रामक रोगों को पाँच प्रमुख प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है, जो इस प्रकार हैं:

वायरल संक्रमण

ये डीएनए, आरएनए-वाहक सूक्ष्मजीवों के कारण होते हैं, यह शरीर में  सामान्यतः नाक, मुंह, आंख या कान के माध्यम से प्रवेश करते हैं।

सामान्य वायरल संक्रमण सामान्य सर्दी , इन्फ्लूएंजा, सीओवीआईडी-19 आदि हैं।

जीवाणु संक्रमण

ये विषैले एकल-कोशिका वाले सूक्ष्मजीवों के कारण होते हैं जो आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं और रक्त के माध्यम से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल सकते हैं।

सामान्य जीवाणु संक्रमण तपेदिक, काली खांसी, यूटीआई आदि हैं।

फंगल संक्रमण

यह तब होता है जब आपके शरीर पर पहले से मौजूद फंगल कोशिकाएं बढ़ती हैं और किसी प्रकार से रक्त में प्रवेश करती हैं।

सामान्य फंगल संक्रमण दाद, योनि कैंडिडिआसिस आदि हैं।

परजीवी संक्रमण

ये उन जीवों के कारण होते हैं जो अपने लाभ के लिए हमारे शरीर से भोजन प्राप्त करते हैं और नुकसान पहुंचाते हैं।

सामान्य परजीवी संक्रमण हुकवर्म, पिनवर्म आदि हैं।

प्रिओन संक्रमण

यह तब होता है जब आपके शरीर में प्रोटीन नष्ट हो जाता है।

इन सभी में से, प्रिओन संक्रमण सबसे खतरनाक हैं क्योंकि इन्हें ठीक नहीं किया जा सकता है। हालाँकि, ये संक्रमण काफी दुर्लभ हैं।

संक्रामक रोगों के लक्षण

संक्रामक रोगों के लक्षण बुखार, थकान खांसी, सांस लेने में कठिनाई, मांसपेशियों में दर्द या शरीर में दर्द, दस्त, उल्टी करना आदि हैं। यदि संक्रामक रोगों का उपचार न किया जाए तो उनके लक्षण गंभीर हो सकते हैं।

संक्रामक रोगों का पता लगाने के लिए किये जाने वाले परीक्षण

रक्त परीक्षण जिसमें आपके रक्त के नमूने का परीक्षण किया जाता है।

मूत्र परीक्षण, जहां आपके मूत्र का एक नमूना संक्रमण का परीक्षण करने के लिए उपयोग किया जाता है।

अभ्यास प्रश्न

  • वायरल संक्रमण किस प्रकार फैलता है कोई एक उदाहरण दीजिये।
  • संक्रामक रोगों के लक्षण बताइये।
  • संक्रामक रोगों का पता लगाने के लिए किये जाने वाले परीक्षण कौन- कौन से हैं ?
  • वायरस से होने वाले किन्हीं पाँच रोगों का उल्लेख कीजिए।