संधारित्र प्रतिघात: Difference between revisions
Listen
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
capacitive reactance | capacitive reactance | ||
संधारित्र प्रतिघात ( | संधारित्र प्रतिघात (संधारित्र प्रतिघात ): एक आसान स्पष्टीकरण | ||
एक विद्युत परिपथ में एक संधारित्र को "चार्ज स्टोरेज यूनिट" के रूप में कल्पना करें। यह एक छोटी बैटरी की तरह है जो जरूरत पड़ने पर संग्रहीत ऊर्जा को तुरंत जारी कर सकती है। यह लेख एक संधारित्र को एसी वोल्टेज स्रोत (एक आउटलेट की तरह जोड़े जाने पर सर्किट परिपथ पर हुए घटना | एक विद्युत परिपथ में एक संधारित्र को "चार्ज स्टोरेज यूनिट" के रूप में कल्पना करें। यह एक छोटी बैटरी की तरह है जो जरूरत पड़ने पर संग्रहीत ऊर्जा को तुरंत जारी कर सकती है। यह लेख एक संधारित्र को एसी वोल्टेज स्रोत (एक आउटलेट की तरह जोड़े जाने पर) सर्किट परिपथ पर हुए घटना क्रम को संदर्भित करता है। | ||
कैपेसिटिव रिएक्शन एक ऐसा गुण है जो बताता है कि एक कैपेसिटर एसी करंट के प्रवाह का कितना "प्रतिरोध" करता है। यह ऐसा है जैसे एक संकीर्ण मार्ग चौड़े मार्ग की तुलना में लोगों की भीड़ को धीमा कर देगा। संधारित्र धारा के लिए मार्ग को "संकीर्ण" कर देता है, जिससे विद्युत का प्रवाह कठिन हो जाता है। | कैपेसिटिव रिएक्शन एक ऐसा गुण है जो बताता है कि एक कैपेसिटर एसी करंट के प्रवाह का कितना "प्रतिरोध" करता है। यह ऐसा है जैसे एक संकीर्ण मार्ग चौड़े मार्ग की तुलना में लोगों की भीड़ को धीमा कर देगा। संधारित्र धारा के लिए मार्ग को "संकीर्ण" कर देता है, जिससे विद्युत का प्रवाह कठिन हो जाता है। | ||
Line 13: | Line 13: | ||
XC = 1 / (2πfC) | XC = 1 / (2πfC) | ||
जहाँ: | |||
XC कैपेसिटिव रिएक्शन है। | XC कैपेसिटिव रिएक्शन है। | ||
Line 19: | Line 19: | ||
π (pi) एक गणितीय स्थिरांक (लगभग 3.14159) है। | π (pi) एक गणितीय स्थिरांक (लगभग 3.14159) है। | ||
f हर्ट्ज़ (हर्ट्ज) में एसी वोल्टेज की आवृत्ति है। | |||
C संधारित्र की धारिता है। | C संधारित्र की धारिता है। | ||
यह समीकरण | यह समीकरण यह बताता है की : | ||
आवृत्ति ( | * आवृत्ति (f): यदि एसी वोल्टेज की आवृत्ति बढ़ती है, तो कैपेसिटिव रिएक्शन कम हो जाता है। इसका मतलब यह है कि संधारित्र एसी धारा को उच्च आवृत्तियों पर पारित करने के लिए "आसान" हो जाता है। | ||
* धारिता (C): यदि संधारित्र की धारिता बढ़ती है, तो धारिता प्रतिक्रिया भी कम हो जाती है। एक बड़ा संधारित्र समान आवृत्ति पर अधिक धारा प्रवाहित करने की अनुमति देता है। | |||
धारिता (C): यदि संधारित्र की धारिता बढ़ती है, तो धारिता प्रतिक्रिया भी कम हो जाती है। एक बड़ा संधारित्र समान आवृत्ति पर अधिक धारा प्रवाहित करने की अनुमति देता है। | |||
अनुरूप उदाहरण: एक झूलता हुआ दरवाज़ा | अनुरूप उदाहरण: एक झूलता हुआ दरवाज़ा |
Revision as of 10:17, 19 August 2023
capacitive reactance
संधारित्र प्रतिघात (संधारित्र प्रतिघात ): एक आसान स्पष्टीकरण
एक विद्युत परिपथ में एक संधारित्र को "चार्ज स्टोरेज यूनिट" के रूप में कल्पना करें। यह एक छोटी बैटरी की तरह है जो जरूरत पड़ने पर संग्रहीत ऊर्जा को तुरंत जारी कर सकती है। यह लेख एक संधारित्र को एसी वोल्टेज स्रोत (एक आउटलेट की तरह जोड़े जाने पर) सर्किट परिपथ पर हुए घटना क्रम को संदर्भित करता है।
कैपेसिटिव रिएक्शन एक ऐसा गुण है जो बताता है कि एक कैपेसिटर एसी करंट के प्रवाह का कितना "प्रतिरोध" करता है। यह ऐसा है जैसे एक संकीर्ण मार्ग चौड़े मार्ग की तुलना में लोगों की भीड़ को धीमा कर देगा। संधारित्र धारा के लिए मार्ग को "संकीर्ण" कर देता है, जिससे विद्युत का प्रवाह कठिन हो जाता है।
समीकरण और समझ:
कैपेसिटिव रिएक्शन (XC) का सूत्र है:
XC = 1 / (2πfC)
जहाँ:
XC कैपेसिटिव रिएक्शन है।
π (pi) एक गणितीय स्थिरांक (लगभग 3.14159) है।
f हर्ट्ज़ (हर्ट्ज) में एसी वोल्टेज की आवृत्ति है।
C संधारित्र की धारिता है।
यह समीकरण यह बताता है की :
- आवृत्ति (f): यदि एसी वोल्टेज की आवृत्ति बढ़ती है, तो कैपेसिटिव रिएक्शन कम हो जाता है। इसका मतलब यह है कि संधारित्र एसी धारा को उच्च आवृत्तियों पर पारित करने के लिए "आसान" हो जाता है।
- धारिता (C): यदि संधारित्र की धारिता बढ़ती है, तो धारिता प्रतिक्रिया भी कम हो जाती है। एक बड़ा संधारित्र समान आवृत्ति पर अधिक धारा प्रवाहित करने की अनुमति देता है।
अनुरूप उदाहरण: एक झूलता हुआ दरवाज़ा
कल्पना कीजिए कि आपके पास एक दरवाजा है जो खुलता और बंद होता है। जितनी तेजी से आप इसे आगे-पीछे धकेलेंगे, इसे रोकना उतना ही कठिन होगा। यदि आप झूलने को धीमा कर देते हैं, तो इसे रोकना आसान हो जाता है। इसी तरह, एक संधारित्र में, जब एसी वोल्टेज तेजी से (उच्च आवृत्ति) बदलता है, तो संधारित्र अधिक "पीछे धकेलता है", जिससे धारा प्रवाहित होना कठिन हो जाता है (उच्च कैपेसिटिव रिएक्शन)। लेकिन यदि एसी वोल्टेज अधिक धीरे-धीरे (कम आवृत्ति) बदलता है, तो संधारित्र उतना पीछे नहीं हटता है, इसलिए अधिक धारा प्रवाहित हो सकती है (कम कैपेसिटिव रिएक्शन)।
व्यावहारिक उदाहरण: उच्च और निम्न आवृत्तियाँ