परिसंचरण तंत्र: Difference between revisions

From Vidyalayawiki

Listen

No edit summary
No edit summary
Line 25: Line 25:
* मनुष्य में दोहरे परिसंचरण में हृदय के चार कक्ष महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बायां आलिंद: फेफड़ों से ऑक्सीजन युक्त रक्त प्राप्त करता है। दायां आलिंद: यह ऑक्सीजन रहित रक्त प्राप्त करता है।बायां वेंट्रिकल: यह बाएं आलिंद से आने वाला ऑक्सीजन युक्त रक्त प्राप्त करता है।दायां वेंट्रिकल: यह दाएं आलिंद से ऑक्सीजन रहित रक्त प्राप्त करता है।
* मनुष्य में दोहरे परिसंचरण में हृदय के चार कक्ष महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बायां आलिंद: फेफड़ों से ऑक्सीजन युक्त रक्त प्राप्त करता है। दायां आलिंद: यह ऑक्सीजन रहित रक्त प्राप्त करता है।बायां वेंट्रिकल: यह बाएं आलिंद से आने वाला ऑक्सीजन युक्त रक्त प्राप्त करता है।दायां वेंट्रिकल: यह दाएं आलिंद से ऑक्सीजन रहित रक्त प्राप्त करता है।


* दोहरा परिसंचरण करने के लिए जिम्मेदार रक्त वाहिकाएँ - फुफ्फुसीय धमनी फेफड़ों को ऑक्सीजन रहित रक्त देती है। महाधमनी ऑक्सीजन युक्त रक्त को शरीर के ऊतकों तक पहुंचाती है।फुफ्फुसीय शिरा ऑक्सीजन युक्त रक्त ले जाती है।वेना कावा में ऑक्सीजन रहित रक्त होता है।
* दोहरा परिसंचरण के लिए रक्त वाहिकाएँ जिम्मेदार है। फुफ्फुसीय धमनी फेफड़ों को ऑक्सीजन रहित रक्त देती है। महाधमनी ऑक्सीजन युक्त रक्त को शरीर के ऊतकों तक पहुंचाती है।फुफ्फुसीय शिरा ऑक्सीजन युक्त रक्त ले जाती है।वेना कावा में ऑक्सीजन रहित रक्त होता है।

Revision as of 00:02, 7 September 2023

परिसंचरण तंत्र
दोहरा परिसंचरण

परिसंचरण तंत्र वे सभी अंग शामिल होते हैं जो शरीर की कोशिकाओं के बीच पोषक तत्वों का परिवहन करते हैं। परिसंचरण तंत्र कोशिकाओं तक ऑक्सीजन, पोषक तत्व और हार्मोन पहुंचाती है, और कार्बन डाइऑक्साइड जैसे अपशिष्ट उत्पादों को हटा देती है। परिसंचरण तंत्र रक्त वाहिकाओं से बना होता है जिसमे रक्त बहता है। धमनियाँ रक्त को हृदय से दूर ले जाती हैं और शिराएँ रक्त को वापस हृदय तक ले जाती हैं।ह्रदय और रक्त वाहिकाएँ मिलकर रक्त परिसंचरण तंत्र बनाते हैं।

परिसंचरण तंत्र के भाग

  • फुफ्फुसीय परिसंचरण (pulmonary circulation) परिवहन की वह प्रणाली है जो प्रणालीगत परिसंचरण में प्रसारित होने से पहले ऑक्सीजन से समृद्ध होने के लिए हृदय से फेफड़ों तक ऑक्सीजन रहित रक्त भेजती है।
  • प्रणालीगत परिसंचरण(systemic circulation) रक्त को हृदय से शरीर के अन्य सभी भागों तक और फिर वापस ले जाता है।

परिसंचरण तंत्र के भाग

  • हृदय (Heart ) - हृदय एक ऐसा अंग है जो पूरे शरीर में रक्त प्रवाह करता है। यह परिसंचरण तंत्र का प्राथमिक अंग है।
  • धमनियों (Arteries ) - धमनियों की दीवारें मोटी और लचीली होती हैं क्योंकि वे उच्च दबाव के तहत हृदय से शरीर के विभिन्न अंगों तक रक्त ले जाती हैं।धमनियां ऑक्सीजन युक्त रक्त को हृदय से शरीर के अन्य सभी भागों तक पहुंचाने के लिए जिम्मेदार होती हैं।
  • शिराएँ (Veins ) - शिराएँ ऑक्सीजन रहित रक्त को फेफड़ों तक ले जाती हैं। शिराएँ रक्त वाहिकाएं हैं जो शरीर से रक्त को वापस हृदय तक ले जाती हैं।
  • केशिकाओं (capillaries ) - केशिकाओं नामक छोटी रक्त वाहिकाओं का एक नेटवर्क बहुत छोटी धमनी शाखाओं को बहुत छोटी नसों से जोड़ता है। इनके माध्यम से कोशिकाओं तक पोषक तत्व और ऑक्सीजन पहुंचाई जाती है। इसके साथ ही अपशिष्ट उत्पाद भी केशिकाओं में लाए जाते हैं।

परिसंचरण तंत्र के प्रकार

  • एकल परिसंचरण तंत्र ( Single Circulation ) अधिकतर पक्षियों, मछलियों, सरीसृपों में देखा जाता है। इसमें रक्त हृदय से होते हुए गलफड़ों तक जाएगा और फिर शुद्ध होने के बाद शरीर के विभिन्न हिस्सों में जाता है।
  • दोहरा परिसंचरण (Double circulation) एक प्रकार का परिसंचरण तंत्र जिसमें रक्त हृदय से दो बार बहता है।

रक्त संचार प्रणाली का कार्य

  • मनुष्य में दोहरे परिसंचरण में हृदय के चार कक्ष महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बायां आलिंद: फेफड़ों से ऑक्सीजन युक्त रक्त प्राप्त करता है। दायां आलिंद: यह ऑक्सीजन रहित रक्त प्राप्त करता है।बायां वेंट्रिकल: यह बाएं आलिंद से आने वाला ऑक्सीजन युक्त रक्त प्राप्त करता है।दायां वेंट्रिकल: यह दाएं आलिंद से ऑक्सीजन रहित रक्त प्राप्त करता है।
  • दोहरा परिसंचरण के लिए रक्त वाहिकाएँ जिम्मेदार है। फुफ्फुसीय धमनी फेफड़ों को ऑक्सीजन रहित रक्त देती है। महाधमनी ऑक्सीजन युक्त रक्त को शरीर के ऊतकों तक पहुंचाती है।फुफ्फुसीय शिरा ऑक्सीजन युक्त रक्त ले जाती है।वेना कावा में ऑक्सीजन रहित रक्त होता है।