हेंडरसन-हासेलबल्च समीकरण: Difference between revisions
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आपको यह जानना होगा कि बफर विलयन में कौन सा दुर्बल अम्ल और उसका संयुग्म क्षार उपस्थित है। | आपको यह जानना होगा कि बफर विलयन में कौन सा दुर्बल अम्ल और उसका संयुग्म क्षार उपस्थित है। | ||
== हेंडरसन-हासेलबल्च समीकरण के उपयोग == | |||
=== pKa निर्धारित करें: === | === pKa निर्धारित करें: === |
Revision as of 12:32, 19 September 2023
हेंडरसन-हसलबल्च समीकरण एक गणितीय सूत्र है जिसका उपयोग रसायन विज्ञान और जैव रसायन में बफर विलयन की pH की गणना करने के लिए किया जाता है। बफर विलयन ऐसे विलयन होते हैं जो अम्ल या क्षार जोड़ने पर pH में परिवर्तन का विरोध करते हैं। हेंडरसन-हैसलबल्च समीकरण एक बफर विलयन के pH को उसके अम्लीय और क्षारीय घटकों की सांद्रता से जोड़ता है।
हेंडरसन-हसलबल्च समीकरण सामान्यतः इस प्रकार लिखा जाता है:
pH = pKa + log [ लवण] / [अम्ल]
pH = pKa + log [ लवण] / [क्षार]
जहाँ:
pH विलयन का pH है।
pKa बफर में दुर्बल अम्ल के अम्ल पृथक्करण स्थिरांक (Ka) का नकारात्मक लघुगणक (क्षार 10) है।
दुर्बल अम्ल और उसके संयुग्म क्षार की पहचान करना:
आपको यह जानना होगा कि बफर विलयन में कौन सा दुर्बल अम्ल और उसका संयुग्म क्षार उपस्थित है।
हेंडरसन-हासेलबल्च समीकरण के उपयोग
pKa निर्धारित करें:
किसी संदर्भ तालिका या पाठ्यपुस्तक में दुर्बल अम्ल का pKa मान देखें। pKa दुर्बल अम्ल की ताकत का प्रतिनिधित्व करता है।
सांद्रता मापें:
बफर विलयन में दुर्बल अम्ल ([HA]) और उसके संयुग्म क्षार की सांद्रता निर्धारित करें।
मानों को समीकरण में डालें:
आपके द्वारा प्राप्त मानों को हेंडरसन-हैसलबल्च समीकरण में रखें।
पीएच की गणना करें:
समीकरण का उपयोग करके बफर विलयन के पीएच की गणना करें।