बोरोन की प्रवृत्ति तथा असंगत व्यवहार: Difference between revisions

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बोरॉन समूह -13 में उपस्थित बाकी तत्वों से अलग व्यवहार करता है जिसे बोरॉन का असंगत व्यवहार कहते हैं। जिसके निम्न लिखित कारण हैं।
समूह 13 के सभी तत्वों को "बोरॉन परिवार" कहा जाता है। आवर्त सारणी को s, p, d और f-ब्लॉक में विभाजित किया गया है। समूह 13 के तत्व आवर्त सारणी के पी-ब्लॉक में पहला समूह हैं। इसे पी ब्लॉक के तत्व भी कहते हैं क्योकी इसमें अंतिम इलेक्ट्रान p उपकोश में जाता है। बोरॉन एक दुर्लभ तत्व है। यह मुख्यतः ऑर्थोबोरिक अम्ल (H<sub>3</sub>BO<sub>3</sub>), बोरेक्स (Na<sub>2</sub>B<sub>4</sub>O<sub>7</sub>.10H<sub>2</sub>O) तथा करनाइट (Na<sub>2</sub>B<sub>4</sub>O<sub>7</sub>.4H<sub>2</sub>O) के रूप में प्राप्त होता है।


समूह 13 के तत्वों के सदस्य इस प्रकार हैं:
* बोरान
* एल्युमीनियम
* गैलियम
* इंडियम
* थैलियम
बोरॉन समूह -13 में उपस्थित बाकी तत्वों से अलग व्यवहार करता है जिसे बोरॉन का असंगत व्यवहार कहते हैं। जिसके निम्न लिखित कारण हैं।
* इसका छोटा आकार।  
* इसका छोटा आकार।  
* इसकी आयनीकरण एन्थालपय बहुत अधिक होती है।  
* इसकी आयनीकरण एन्थालपय बहुत अधिक होती है।  

Revision as of 12:01, 26 September 2023


समूह 13 के सभी तत्वों को "बोरॉन परिवार" कहा जाता है। आवर्त सारणी को s, p, d और f-ब्लॉक में विभाजित किया गया है। समूह 13 के तत्व आवर्त सारणी के पी-ब्लॉक में पहला समूह हैं। इसे पी ब्लॉक के तत्व भी कहते हैं क्योकी इसमें अंतिम इलेक्ट्रान p उपकोश में जाता है। बोरॉन एक दुर्लभ तत्व है। यह मुख्यतः ऑर्थोबोरिक अम्ल (H3BO3), बोरेक्स (Na2B4O7.10H2O) तथा करनाइट (Na2B4O7.4H2O) के रूप में प्राप्त होता है।

समूह 13 के तत्वों के सदस्य इस प्रकार हैं:

  • बोरान
  • एल्युमीनियम
  • गैलियम
  • इंडियम
  • थैलियम

बोरॉन समूह -13 में उपस्थित बाकी तत्वों से अलग व्यवहार करता है जिसे बोरॉन का असंगत व्यवहार कहते हैं। जिसके निम्न लिखित कारण हैं।

  • इसका छोटा आकार।
  • इसकी आयनीकरण एन्थालपय बहुत अधिक होती है।
  • इसके छोटे आकार के कारण इसकी विद्युत ऋणात्मकता अत्यधिक उच्च होती है।
  • संयोजी कोश में d उपकोश की अनुपस्थित के कारण।

प्रश्न: सिद्ध कीजिये कि बोरॉन BF6-3 आयन नहीं बना सकता है।

उत्तर: बोरॉन में d कक्षक अनुपस्थित होता है इस d की अनुपस्थित के कारण यह अपने अष्टक का प्रसार नहीं कर पाता है। अतः इसकी अधिकतम संयोजकता 4 से अधिक नहीं हो सकती।