विद्युत: Difference between revisions
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विद्युत धारा एक चालक के माध्यम से विद्युत आवेश का प्रवाह है। इसे एम्पीयर ( | विद्युत धारा एक चालक के माध्यम से विद्युत आवेश का प्रवाह है। इसे एम्पीयर (A) नामक इकाइयों में मापा जाता है। करंट प्रवाहित होता है जब एक कंडक्टर में एक संभावित अंतर (वोल्टेज:<math>V</math>) होता है, जो इलेक्ट्रॉनों को स्थानांतरित करने के लिए एक मार्ग बनाता है। | ||
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एक श्रृंखला सर्किट में, घटक एक ही मार्ग में जुड़े होते हैं, इसलिए पूरे सर्किट में करंट समान होता है। एक समानांतर सर्किट में, घटक कई रास्तों से जुड़े होते हैं, इसलिए शाखाओं के बीच धारा विभाजित होती है। | एक श्रृंखला सर्किट में, घटक एक ही मार्ग में जुड़े होते हैं, इसलिए पूरे सर्किट में करंट समान होता है। एक समानांतर सर्किट में, घटक कई रास्तों से जुड़े होते हैं, इसलिए शाखाओं के बीच धारा विभाजित होती है। | ||
== संक्षेप में == | |||
विद्युत,ऊर्जा पारित करने की सक्षम व्यवस्था है। एक विषय के रूप में अवधारणा स्थापित करने के लिए इसके घटकों की जानकारी आवयशक है । इन घटकों का आपस में व्यवहार व उन से ऊर्जा संसलेषण ,संचार व विद्युत-ऊर्जा पारेषण कहलाता है । की ये घटक (या इन घटकों के सूक्ष्तम अथवा वृहद घटकों से बनी व्यवस्था) स्वयं में किस प्रकार से ऊर्जित हैं , विद्युतीय विज्ञान को भौतिकी विद्या से जोड़ता है। | |||
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Revision as of 06:52, 27 September 2023
Electricity
विद्युत ऊर्जा (बिजली)
विद्युत ऊर्जा का एक रूप है जो विभिन्न उपकरणों और प्रणालियों को उत्पन्न करने, प्रसारित करने और उपयोग करने के लिए उपयोग की जाती है। यह हमारे घरों को रोशन करने से लेकर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को चलाने तक, हमारे दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
महत्वपूर्ण अवधारणाएं
विद्युत आवेश
विद्युत आवेश पदार्थ का एक मूलभूत गुण है। यह दो रूपों में मौजूद है: सकारात्मक (+) और नकारात्मक (-)। समान आवेश एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं, जबकि विपरीत आवेश एक दूसरे को आकर्षित करते हैं।
विद्युत धारा
विद्युत धारा एक चालक के माध्यम से विद्युत आवेश का प्रवाह है। इसे एम्पीयर (A) नामक इकाइयों में मापा जाता है। करंट प्रवाहित होता है जब एक कंडक्टर में एक संभावित अंतर (वोल्टेज:) होता है, जो इलेक्ट्रॉनों को स्थानांतरित करने के लिए एक मार्ग बनाता है।
परिपथ (सर्किट)
एक परिपथ, संवृत पाश है, जहां विद्युतीय प्रवाह की अनुमति होती है। इस पथ में आमतौर, पर एक शक्ति स्रोत (जैसे बैटरी या पावर आउटलेट), कंडक्टर (तार), और भार (उपकरण जो विद्युत ऊर्जा का उपयोग करते हैं, जैसे बल्ब या उपकरण) होते हैं।
वोल्टेज
वोल्टेज, जिसे विद्युत संभावित अंतर के रूप में भी जाना जाता है, वह प्रेरक शक्ति है जो एक सर्किट के माध्यम से विद्युत आवेशों को धकेलती है। इसे वोल्ट (V) में मापा जाता है। उच्च वोल्टेज का अर्थ है आवेशों को स्थानांतरित करने के लिए अधिक संभावित ऊर्जा उपलब्ध होना।
प्रतिरोध
प्रतिरोध पदार्थ का वह गुण है जो विद्युत धारा के प्रवाह का विरोध करता है। इसे ओम (Ω) में मापा जाता है। कंडक्टर, जैसे धातु, कम प्रतिरोध करते हैं, जबकि इन्सुलेटर, जैसे रबर या प्लास्टिक, में उच्च प्रतिरोध होता है।
ओम का नियम
ओम का नियम एक सर्किट में वोल्टेज (V), करंट (I) और प्रतिरोध (R) से संबंधित है। इसमें कहा गया है कि एक कंडक्टर के माध्यम से बहने वाली धारा लागू वोल्टेज के सीधे आनुपातिक होती है और प्रतिरोध के व्युत्क्रमानुपाती होती है: I = V/R।
श्रृंखला और समानांतर सर्किट
एक श्रृंखला सर्किट में, घटक एक ही मार्ग में जुड़े होते हैं, इसलिए पूरे सर्किट में करंट समान होता है। एक समानांतर सर्किट में, घटक कई रास्तों से जुड़े होते हैं, इसलिए शाखाओं के बीच धारा विभाजित होती है।
संक्षेप में
विद्युत,ऊर्जा पारित करने की सक्षम व्यवस्था है। एक विषय के रूप में अवधारणा स्थापित करने के लिए इसके घटकों की जानकारी आवयशक है । इन घटकों का आपस में व्यवहार व उन से ऊर्जा संसलेषण ,संचार व विद्युत-ऊर्जा पारेषण कहलाता है । की ये घटक (या इन घटकों के सूक्ष्तम अथवा वृहद घटकों से बनी व्यवस्था) स्वयं में किस प्रकार से ऊर्जित हैं , विद्युतीय विज्ञान को भौतिकी विद्या से जोड़ता है।