रेडियोएक्टिव क्षयता नियम: Difference between revisions
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रेडियोधर्मी क्षय नियम, जिसे अक्सर रेडियोधर्मी क्षय समीकरण के रूप में व्यक्त किया जाता है, बताता है कि समय के साथ किसी पदार्थ के रेडियोधर्मी नाभिकों की संख्या कैसे घटती है। यह परमाणु भौतिकी और रेडियोमेट्रिक डेटिंग में एक मौलिक अवधारणा है। | रेडियोधर्मी क्षय नियम, जिसे अक्सर रेडियोधर्मी क्षय समीकरण के रूप में व्यक्त किया जाता है, बताता है कि समय के साथ किसी पदार्थ के रेडियोधर्मी नाभिकों की संख्या कैसे घटती है। यह परमाणु भौतिकी और रेडियोमेट्रिक डेटिंग में एक मौलिक अवधारणा है। | ||
== रेडियोधर्मी क्षय | == रेडियोधर्मी क्षय नियम कैसे काम करता है == | ||
* रेडियोधर्मी पदार्थों में अस्थिर नाभिक होते हैं जो विकिरण उत्सर्जित करके स्वचालित रूप से अधिक स्थिर नाभिक में परिवर्तित हो जाते हैं। | * रेडियोधर्मी पदार्थों में अस्थिर नाभिक होते हैं जो विकिरण उत्सर्जित करके स्वचालित रूप से अधिक स्थिर नाभिक में परिवर्तित हो जाते हैं। | ||
* रेडियोधर्मी नाभिक के क्षय की दर एक निश्चित समय में मौजूद रेडियोधर्मी नाभिक की संख्या के समानुपाती होती है। | * रेडियोधर्मी नाभिक के क्षय की दर एक निश्चित समय में मौजूद रेडियोधर्मी नाभिक की संख्या के समानुपाती होती है। | ||
* | * नियम मानता है कि क्षय की संभावना समय के साथ स्थिर रहती है, जो कई आइसोटोप के लिए एक उचित अनुमान है। | ||
== गणितीय समीकरण == | == गणितीय समीकरण == | ||
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<math>t</math> बीता हुआ समय है. | <math>t</math> बीता हुआ समय है. | ||
क्षय स्थिरांक (<math>\lambda</math>) उस दर को दर्शाता है जिस पर एक विशेष रेडियोधर्मी आइसोटोप का क्षय होता है। यह समीकरण द्वारा आइसोटोप के | क्षय स्थिरांक (<math>\lambda</math>) उस दर को दर्शाता है जिस पर एक विशेष रेडियोधर्मी आइसोटोप का क्षय होता है। यह समीकरण द्वारा आइसोटोप के अर्ध-आयु (<math>T_{1/2}</math>) से संबंधित है: | ||
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रेडियोधर्मी क्षय | रेडियोधर्मी क्षय नियम परमाणु भौतिकी में एक मौलिक अवधारणा है, जो बताता है कि समय के साथ रेडियोधर्मी नाभिकों की संख्या कैसे घटती है। यह नियम रेडियोधर्मी पदार्थों के व्यवहार और रेडियोमेट्रिक डेटिंग और परमाणु भौतिकी में उनके अनुप्रयोगों को समझने के लिए आवश्यक है। | ||
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Latest revision as of 17:26, 20 October 2023
Radioactive law
रेडियोधर्मी क्षय नियम, जिसे अक्सर रेडियोधर्मी क्षय समीकरण के रूप में व्यक्त किया जाता है, बताता है कि समय के साथ किसी पदार्थ के रेडियोधर्मी नाभिकों की संख्या कैसे घटती है। यह परमाणु भौतिकी और रेडियोमेट्रिक डेटिंग में एक मौलिक अवधारणा है।
रेडियोधर्मी क्षय नियम कैसे काम करता है
- रेडियोधर्मी पदार्थों में अस्थिर नाभिक होते हैं जो विकिरण उत्सर्जित करके स्वचालित रूप से अधिक स्थिर नाभिक में परिवर्तित हो जाते हैं।
- रेडियोधर्मी नाभिक के क्षय की दर एक निश्चित समय में मौजूद रेडियोधर्मी नाभिक की संख्या के समानुपाती होती है।
- नियम मानता है कि क्षय की संभावना समय के साथ स्थिर रहती है, जो कई आइसोटोप के लिए एक उचित अनुमान है।
गणितीय समीकरण
रेडियोधर्मी क्षय नियम को निम्नलिखित समीकरण का उपयोग करके गणितीय रूप से व्यक्त किया जा सकता है:
जहाँ:
समय पर रेडियोधर्मी नाभिकों की संख्या है।
समय पर रेडियोधर्मी नाभिकों की प्रारंभिक संख्या है।
क्षय स्थिरांक (प्रत्येक रेडियोधर्मी आइसोटोप के लिए अद्वितीय एक सकारात्मक स्थिरांक) है।
बीता हुआ समय है.
क्षय स्थिरांक () उस दर को दर्शाता है जिस पर एक विशेष रेडियोधर्मी आइसोटोप का क्षय होता है। यह समीकरण द्वारा आइसोटोप के अर्ध-आयु () से संबंधित है:
जहाँ:
का प्राकृतिक लघुगणक है, लगभग 0.6931।
आइसोटोप का आधा जीवन है।
आरेख
रेडियोधर्मी क्षय नियम की अवधारणा को दर्शाने वाला एक सरलीकृत आरेख इस तरह दिख सकता है:
Nuclei
(Radioactive)
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| Nuclei |
| at time |
| t |
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आरेख में, आप एक विशिष्ट समय () पर रेडियोधर्मी नाभिक का संग्रह देख सकते हैं। जैसे-जैसे समय बढ़ता है, रेडियोधर्मी क्षय नियम के अनुसार रेडियोधर्मी नाभिकों की संख्या घटती जाती है।
प्रमुख बिंदु
- रेडियोधर्मी क्षय नियम बताता है कि समय के साथ रेडियोधर्मी नाभिकों की संख्या कैसे घटती जाती है।
- इसे घातीय क्षय समीकरण का उपयोग करके गणितीय रूप से व्यक्त किया जाता है।
- क्षय स्थिरांक () एक विशिष्ट रेडियोधर्मी आइसोटोप के लिए क्षय की दर को दर्शाता है।
संक्षेप में
रेडियोधर्मी क्षय नियम परमाणु भौतिकी में एक मौलिक अवधारणा है, जो बताता है कि समय के साथ रेडियोधर्मी नाभिकों की संख्या कैसे घटती है। यह नियम रेडियोधर्मी पदार्थों के व्यवहार और रेडियोमेट्रिक डेटिंग और परमाणु भौतिकी में उनके अनुप्रयोगों को समझने के लिए आवश्यक है।