जल की अपचयोपचय अभिक्रिया: Difference between revisions

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[[Category:हाइड्रोजन]][[Category:कक्षा-11]][[Category:रसायन विज्ञान]]
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उच्च विधुत धनीय धातुओं द्वारा जल आसानी से डाइहाइड्रोजन में अपचयित हो जाता है:
<chem>2H2O(l) + 2Na(s) -> 2NaOH (aq) + H2(g)</chem>
अतः यह अभिक्रिया हाइड्रोजन के मुख्य स्रोत के रूप में उपयोगी है।
प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में जल ऑक्सीजन गैस में ऑक्सीकृत हो जाता है।
<chem>6CO2(g) + 12H2O(l) -> C6H12O6 (aq) + 6H2O(l) + 6O2(g)</chem>
फ्लुओरीन द्वारा भी H<sub>2</sub>O का ऑक्सीजन में ऑक्सीकरण हो जाता है।
<chem>2F2(g) + 2H2O (aq) -> 4H+ (aq) + 4F- (aq) + O2(g)</chem>

Revision as of 12:32, 26 October 2023

उच्च विधुत धनीय धातुओं द्वारा जल आसानी से डाइहाइड्रोजन में अपचयित हो जाता है:

अतः यह अभिक्रिया हाइड्रोजन के मुख्य स्रोत के रूप में उपयोगी है।

प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में जल ऑक्सीजन गैस में ऑक्सीकृत हो जाता है।

फ्लुओरीन द्वारा भी H2O का ऑक्सीजन में ऑक्सीकरण हो जाता है।