जल की अपचयोपचय अभिक्रिया: Difference between revisions

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'''रेडॉक्स''' वह अभिक्रियाएँ जिसमें ऑक्सीकरण एवं अपचयन दोनों साथ साथ होती हैं रिडॉक्स (रेडॉक्स) अभिक्रिया कहलाती हैं, रिडॉक्स अभिक्रिया के अन्तर्गत वे सब रासायनिक अभिक्रियाएँ सम्मिलित हैं जिनमें परमाणुओं के आक्सीकरण अवस्थाएँ बदल जातीं हैं। सामान्यतः रेडॉक्स अभिक्रियाओं के अभिकारकों के परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रानों का आदान-प्रदान होता है।
उच्च विधुत धनीय धातुओं द्वारा जल आसानी से डाइहाइड्रोजन में अपचयित हो जाता है:
उच्च विधुत धनीय धातुओं द्वारा जल आसानी से डाइहाइड्रोजन में अपचयित हो जाता है:



Revision as of 12:35, 26 October 2023

रेडॉक्स वह अभिक्रियाएँ जिसमें ऑक्सीकरण एवं अपचयन दोनों साथ साथ होती हैं रिडॉक्स (रेडॉक्स) अभिक्रिया कहलाती हैं, रिडॉक्स अभिक्रिया के अन्तर्गत वे सब रासायनिक अभिक्रियाएँ सम्मिलित हैं जिनमें परमाणुओं के आक्सीकरण अवस्थाएँ बदल जातीं हैं। सामान्यतः रेडॉक्स अभिक्रियाओं के अभिकारकों के परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रानों का आदान-प्रदान होता है।

उच्च विधुत धनीय धातुओं द्वारा जल आसानी से डाइहाइड्रोजन में अपचयित हो जाता है:

अतः यह अभिक्रिया हाइड्रोजन के मुख्य स्रोत के रूप में उपयोगी है।

प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में जल ऑक्सीजन गैस में ऑक्सीकृत हो जाता है।

फ्लुओरीन द्वारा भी H2O का ऑक्सीजन में ऑक्सीकरण हो जाता है।