वोल्टता नियंत्रक: Difference between revisions
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वोल्टेज रेगुलेटर एक सर्किट है जो इनपुट वोल्टेज या लोड करंट की परवाह किए बिना एक स्थिर वोल्टेज आउटपुट बनाए रखता है। वोल्टेज नियामकों का उपयोग विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, जैसे बिजली आपूर्ति, कंप्यूटर और सेल फोन में किया जाता है। | |||
काम के सिद्धांत | |||
वोल्टेज नियामक के दो मुख्य प्रकार हैं: रैखिक वोल्टेज नियामक और स्विचिंग वोल्टेज नियामक। | |||
रैखिक वोल्टेज नियामक एक पास ट्रांजिस्टर पर अतिरिक्त वोल्टेज गिराकर काम करते हैं। पास ट्रांजिस्टर एक परिवर्तनीय अवरोधक है जिसे फीडबैक सर्किट द्वारा नियंत्रित किया जाता है। फीडबैक सर्किट आउटपुट वोल्टेज की निगरानी करता है और निरंतर आउटपुट वोल्टेज बनाए रखने के लिए पास ट्रांजिस्टर को समायोजित करता है। | |||
स्विचिंग वोल्टेज रेगुलेटर उच्च आवृत्ति पर इनपुट वोल्टेज को चालू और बंद करके काम करते हैं। आउटपुट वोल्टेज को फिर फ़िल्टर किया जाता है और स्थिर डीसी वोल्टेज उत्पन्न करने के लिए चिकना किया जाता है। स्विचिंग वोल्टेज नियामक रैखिक वोल्टेज नियामकों की तुलना में अधिक कुशल हैं, लेकिन वे अधिक जटिल भी हैं। | |||
वोल्टेज नियामक विशेषताएँ | |||
वोल्टेज नियामकों की कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएं निम्नलिखित हैं: | |||
आउटपुट वोल्टेज: आउटपुट वोल्टेज वह वोल्टेज है जो वोल्टेज रेगुलेटर द्वारा बनाए रखा जाता है। | |||
इनपुट वोल्टेज रेंज: इनपुट वोल्टेज रेंज वोल्टेज की वह सीमा है जिसे वोल्टेज नियामक स्वीकार कर सकता है। | |||
लोड करंट: लोड करंट वह अधिकतम करंट है जो वोल्टेज रेगुलेटर आपूर्ति कर सकता है। | |||
ड्रॉपआउट वोल्टेज: ड्रॉपआउट वोल्टेज इनपुट वोल्टेज और आउटपुट वोल्टेज के बीच न्यूनतम वोल्टेज अंतर है जो वोल्टेज नियामक को ठीक से संचालित करने के लिए आवश्यक है। | |||
दक्षता: दक्षता इनपुट शक्ति का वह प्रतिशत है जिसे आउटपुट शक्ति में परिवर्तित किया जाता है। | |||
गणितीय समीकरण | |||
निम्नलिखित गणितीय समीकरण एक रैखिक वोल्टेज नियामक के आउटपुट वोल्टेज का वर्णन करता है: | |||
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Revision as of 12:28, 7 November 2023
Voltage Regulator
वोल्टेज रेगुलेटर एक सर्किट है जो इनपुट वोल्टेज या लोड करंट की परवाह किए बिना एक स्थिर वोल्टेज आउटपुट बनाए रखता है। वोल्टेज नियामकों का उपयोग विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, जैसे बिजली आपूर्ति, कंप्यूटर और सेल फोन में किया जाता है।
काम के सिद्धांत
वोल्टेज नियामक के दो मुख्य प्रकार हैं: रैखिक वोल्टेज नियामक और स्विचिंग वोल्टेज नियामक।
रैखिक वोल्टेज नियामक एक पास ट्रांजिस्टर पर अतिरिक्त वोल्टेज गिराकर काम करते हैं। पास ट्रांजिस्टर एक परिवर्तनीय अवरोधक है जिसे फीडबैक सर्किट द्वारा नियंत्रित किया जाता है। फीडबैक सर्किट आउटपुट वोल्टेज की निगरानी करता है और निरंतर आउटपुट वोल्टेज बनाए रखने के लिए पास ट्रांजिस्टर को समायोजित करता है।
स्विचिंग वोल्टेज रेगुलेटर उच्च आवृत्ति पर इनपुट वोल्टेज को चालू और बंद करके काम करते हैं। आउटपुट वोल्टेज को फिर फ़िल्टर किया जाता है और स्थिर डीसी वोल्टेज उत्पन्न करने के लिए चिकना किया जाता है। स्विचिंग वोल्टेज नियामक रैखिक वोल्टेज नियामकों की तुलना में अधिक कुशल हैं, लेकिन वे अधिक जटिल भी हैं।
वोल्टेज नियामक विशेषताएँ
वोल्टेज नियामकों की कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
आउटपुट वोल्टेज: आउटपुट वोल्टेज वह वोल्टेज है जो वोल्टेज रेगुलेटर द्वारा बनाए रखा जाता है।
इनपुट वोल्टेज रेंज: इनपुट वोल्टेज रेंज वोल्टेज की वह सीमा है जिसे वोल्टेज नियामक स्वीकार कर सकता है।
लोड करंट: लोड करंट वह अधिकतम करंट है जो वोल्टेज रेगुलेटर आपूर्ति कर सकता है।
ड्रॉपआउट वोल्टेज: ड्रॉपआउट वोल्टेज इनपुट वोल्टेज और आउटपुट वोल्टेज के बीच न्यूनतम वोल्टेज अंतर है जो वोल्टेज नियामक को ठीक से संचालित करने के लिए आवश्यक है।
दक्षता: दक्षता इनपुट शक्ति का वह प्रतिशत है जिसे आउटपुट शक्ति में परिवर्तित किया जाता है।
गणितीय समीकरण
निम्नलिखित गणितीय समीकरण एक रैखिक वोल्टेज नियामक के आउटपुट वोल्टेज का वर्णन करता है: