परमाणु: Difference between revisions

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== परमाणु ==
== परमाणु ==
'''परमाणु''' किसी भी पदार्थ की सूक्ष्मतम इकाई है, इस पृथ्वी पर पाई जाने वाली प्रत्येक वस्तु जैसे कोई दीवार, पेड़ पौधे, पेन, किताब इत्यादि सभी वस्तुएं परमाणुओं से ही मिलकर बनी होती हैं या इसे इस प्रकार भी कहा जा सकता है की इस पृथ्वी पर पाई जाने वाली प्रत्येक ठोस, द्रव, गैसों की बनी हुई वस्तुएं परमाणुओं से ही मिलकर बनी होती है। परमाणुओं के आपस में जुड़ने से अणु का निर्माण होता है और ये सभी अणु आपस में मिलकर यौगिक का निर्माण करते हैं। हमारा पूरा विश्व ही परमाणुों से बना है ये अत्यधिक सूक्ष्म होने के कारण दिखाई नही देते लेकिन ये हमारे चारों ओर  विधमान होते हैं और हमारे क्रियाकलापों को भी प्रभावित करते हैं।  
'''परमाणु''' किसी भी पदार्थ की सूक्ष्मतम इकाई है, इस पृथ्वी पर पाई जाने वाली प्रत्येक वस्तु जैसे कोई दीवार, पेड़ पौधे, पेन, किताब इत्यादि सभी वस्तुएं, परमाणुओं से ही मिलकर बनी होती हैं या इसे इस प्रकार भी कहा जा सकता है की इस पृथ्वी पर पाई जाने वाली प्रत्येक ठोस, द्रव, गैसों की बनी हुई वस्तुएं परमाणुओं से ही मिलकर बनी होती है। परमाणुओं के आपस में जुड़ने से अणु का निर्माण होता है और ये सभी अणु आपस में मिलकर यौगिक का निर्माण करते हैं। हमारा पूरा विश्व ही परमाणुों से बना है ये अत्यधिक सूक्ष्म होने के कारण दिखाई नही देते लेकिन ये हमारे चारों ओर विधमान होते हैं और हमारे क्रियाकलापों को भी प्रभावित करते हैं।  


== परमाणु एक अविभाज्य कण ==
== परमाणु एक अविभाज्य कण ==
परमाणु बहुत ही सूक्ष्म कण है और सूक्ष्मतम कण होने के कारण इन्हे तोडा नहीं जा सकता है। परमाणु हमेशा संयुक्त रूप में पाए जाते हैं तथा तत्व, यौगिक, मिश्रण आदि का निर्माण करते हैं यही कारण है कि परमाणु को एक मौलिक कण भी कहा जाता है।  
परमाणु बहुत ही सूक्ष्म कण है और सूक्ष्मतम कण होने के कारण इन्हे विभाजित नहीं जा सकता है। परमाणु हमेशा संयुक्त रूप में पाए जाते हैं तथा तत्व, यौगिक, मिश्रण आदि का निर्माण करते हैं यही कारण है कि परमाणु को एक मौलिक कण भी कहा जाता है।
 
== परमाणु की खोज ==
परमाणु की खोज डाल्टन ने 1803 में की थी। इन्होने बताया था कि प्रत्येक पदार्थ बहुत छोटे कणों से मिलकर बना होता है इन कणों को परमाणु कहते हैं। परमाणुओं को आपस में जोड़कर अणु का निर्माण होता है। परमाणु प्रोटॉन, न्यूट्रॉन तथा इलेक्ट्रॉन इत्यादि कणों से मिलकर बनते हैं। इन कणों के खोजकर्ता के नाम निम्नलिखित हैं:
{| class="wikitable"
|+
!'''कण'''
!'''खोजकर्ता के नाम'''
|-
|'''इलेक्ट्रॉन'''
|'''जे जे थॉमसन'''
|-
|'''प्रोटॉन'''
|'''गोल्डस्टीन'''
|-
|'''न्यूट्रॉन'''
|'''चैडविक'''
|}


== नाभिक ==
== नाभिक ==
प्रत्येक परमाणु के केंद्र में एक रिक्त स्थान होता है जिसे नाभिक कहते हैं नाभिक में प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन उपस्थित होते हैं प्रोटॉन धनावेशित होते हैं और न्यूट्रॉन उदासीन होते हैं अतः प्रोटॉन और न्यूट्रॉन की उपस्थित के कारण नाभिक धनावेशित होते हैं और इलेक्ट्रान नाभिक के चारों ओर उपस्थित कक्षाओं में लगातार चक्कर लगाता रहता है सामान्यतः नाभिक एक या एक से अधिक न्यूट्रॉन तथा प्रोटॉन की संख्या से बना होता है। नाभिक के धनावेशित और इलेक्ट्रान के ऋणावेशित होने के कारण परमाणु उदासीन होता है क्योंकि इलेक्ट्रॉन और नाभिक आपस में आकर्षण बल द्वारा बंधे होते हैं। नाभिक में प्रोटॉनों की संख्या की उपस्थिति के आधार पर हम तत्वों को परिभाषित करते हैं और नाभिक में उपस्थित  प्रोटॉनों की संख्या को ही उस तत्व का परमाणु क्रमांक भी कहते हैं।
प्रत्येक परमाणु के केंद्र में एक रिक्त स्थान होता है जिसे नाभिक कहते हैं नाभिक में प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन उपस्थित होते हैं प्रोटॉन धनावेशित होते हैं और न्यूट्रॉन उदासीन होते हैं अतः प्रोटॉन और न्यूट्रॉन की उपस्थित के कारण नाभिक धनावेशित होते हैं और इलेक्ट्रान नाभिक के चारों ओर उपस्थित कक्षाओं में लगातार चक्कर लगाता रहता है सामान्यतः नाभिक एक या एक से अधिक न्यूट्रॉन तथा प्रोटॉन की संख्या से बना होता है। नाभिक के धनावेशित और इलेक्ट्रान के ऋणावेशित होने के कारण परमाणु उदासीन होता है क्योंकि इलेक्ट्रॉन और नाभिक आपस में आकर्षण बल द्वारा बंधे होते हैं। नाभिक में प्रोटॉनों की संख्या की उपस्थिति के आधार पर हम तत्वों को परिभाषित करते हैं और नाभिक में उपस्थित प्रोटॉनों की संख्या को ही उस तत्व का परमाणु क्रमांक भी कहते हैं।

Revision as of 16:59, 2 February 2023


परमाणु

परमाणु किसी भी पदार्थ की सूक्ष्मतम इकाई है, इस पृथ्वी पर पाई जाने वाली प्रत्येक वस्तु जैसे कोई दीवार, पेड़ पौधे, पेन, किताब इत्यादि सभी वस्तुएं, परमाणुओं से ही मिलकर बनी होती हैं या इसे इस प्रकार भी कहा जा सकता है की इस पृथ्वी पर पाई जाने वाली प्रत्येक ठोस, द्रव, गैसों की बनी हुई वस्तुएं परमाणुओं से ही मिलकर बनी होती है। परमाणुओं के आपस में जुड़ने से अणु का निर्माण होता है और ये सभी अणु आपस में मिलकर यौगिक का निर्माण करते हैं। हमारा पूरा विश्व ही परमाणुों से बना है ये अत्यधिक सूक्ष्म होने के कारण दिखाई नही देते लेकिन ये हमारे चारों ओर विधमान होते हैं और हमारे क्रियाकलापों को भी प्रभावित करते हैं।

परमाणु एक अविभाज्य कण

परमाणु बहुत ही सूक्ष्म कण है और सूक्ष्मतम कण होने के कारण इन्हे विभाजित नहीं जा सकता है। परमाणु हमेशा संयुक्त रूप में पाए जाते हैं तथा तत्व, यौगिक, मिश्रण आदि का निर्माण करते हैं यही कारण है कि परमाणु को एक मौलिक कण भी कहा जाता है।

परमाणु की खोज

परमाणु की खोज डाल्टन ने 1803 में की थी। इन्होने बताया था कि प्रत्येक पदार्थ बहुत छोटे कणों से मिलकर बना होता है इन कणों को परमाणु कहते हैं। परमाणुओं को आपस में जोड़कर अणु का निर्माण होता है। परमाणु प्रोटॉन, न्यूट्रॉन तथा इलेक्ट्रॉन इत्यादि कणों से मिलकर बनते हैं। इन कणों के खोजकर्ता के नाम निम्नलिखित हैं:

कण खोजकर्ता के नाम
इलेक्ट्रॉन जे जे थॉमसन
प्रोटॉन गोल्डस्टीन
न्यूट्रॉन चैडविक

नाभिक

प्रत्येक परमाणु के केंद्र में एक रिक्त स्थान होता है जिसे नाभिक कहते हैं नाभिक में प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन उपस्थित होते हैं प्रोटॉन धनावेशित होते हैं और न्यूट्रॉन उदासीन होते हैं अतः प्रोटॉन और न्यूट्रॉन की उपस्थित के कारण नाभिक धनावेशित होते हैं और इलेक्ट्रान नाभिक के चारों ओर उपस्थित कक्षाओं में लगातार चक्कर लगाता रहता है सामान्यतः नाभिक एक या एक से अधिक न्यूट्रॉन तथा प्रोटॉन की संख्या से बना होता है। नाभिक के धनावेशित और इलेक्ट्रान के ऋणावेशित होने के कारण परमाणु उदासीन होता है क्योंकि इलेक्ट्रॉन और नाभिक आपस में आकर्षण बल द्वारा बंधे होते हैं। नाभिक में प्रोटॉनों की संख्या की उपस्थिति के आधार पर हम तत्वों को परिभाषित करते हैं और नाभिक में उपस्थित प्रोटॉनों की संख्या को ही उस तत्व का परमाणु क्रमांक भी कहते हैं।