प्रमेय: Difference between revisions

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== गणित में प्रमेय ==
== गणित में प्रमेय ==
गणितीय प्रमेयों को उन कथनों के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिन्हें पहले स्वीकृत कथनों, गणितीय संक्रियाओं या तर्कों के माध्यम से सत्य के रूप में स्वीकार किया जाता है। किसी भी गणित प्रमेय के लिए, एक स्थापित प्रमाण होता है जो प्रमेय कथन की सत्यता को सही ठहराता है।
गणितीय प्रमेयों, को उन कथनों के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जिन्हें पहले स्वीकृत कथनों, गणितीय संक्रियाओं या तर्कों के माध्यम से सत्य के रूप में स्वीकार किया जाता रहा हो। किसी भी गणित प्रमेय के लिए, एक स्थापित प्रमाण होता है, जो प्रमेय-कथन की सत्यता को सही ठहराता है।

Revision as of 14:17, 14 February 2023

प्रमेय(English: Theorem (थ्योरम)), गणित या तर्क में एक सूत्र, प्रस्ताव, या कथन, ज्ञान प्राप्त करने की वह परम्परा, जिससे,इनके सम्बन्ध का निगमन किया जा सके। प्रमेय को, प्रायः एक सामान्य सिद्धांत या सिद्धांत के भाग के ,एक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सत्य के रूप में स्वीकृत या प्रस्तावित, एक विचार के रूप में भी जाना जा सकता है।

प्रमेय व सिद्धांत : मूल भेद

प्रमेय सिद्ध होते हैं, सिद्धांत नहीं। गणित में किसी प्रमेय के सिद्ध होने से पहले उसे अनुमान कहते हैं। विज्ञान में, केवल अच्छी तरह से परीक्षित परिकल्पना ही सिद्धांत का अंग बन सकती है।

गणित में प्रमेय

गणितीय प्रमेयों, को उन कथनों के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जिन्हें पहले स्वीकृत कथनों, गणितीय संक्रियाओं या तर्कों के माध्यम से सत्य के रूप में स्वीकार किया जाता रहा हो। किसी भी गणित प्रमेय के लिए, एक स्थापित प्रमाण होता है, जो प्रमेय-कथन की सत्यता को सही ठहराता है।