ऑक्सीजन का असामान्य व्यवहार: Difference between revisions

From Vidyalayawiki

Listen

Line 1: Line 1:
[[Category:P ब्लॉक के तत्व]][[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:कक्षा-12]][[Category:अकार्बनिक रसायन]]
[[Category:P ब्लॉक के तत्व]][[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:कक्षा-12]][[Category:अकार्बनिक रसायन]]
[[Category:Vidyalaya Completed]]
ऑक्सीजन एक पी-ब्लॉक का सदस्य है यह समूह 16 का तत्व है। लेकिन यह समूह 16 के बाकी सदस्यों से भिन्न हैं। ऑक्सीजन दूसरा सबसे अधिक विद्युत ऋणात्मक तत्व है, ऑक्सीजन का असामान्य व्यवहार निम्नलिखित गुणों के कारण होता है:
ऑक्सीजन एक पी-ब्लॉक का सदस्य है यह समूह 16 का तत्व है। लेकिन यह समूह 16 के बाकी सदस्यों से भिन्न हैं। ऑक्सीजन दूसरा सबसे अधिक विद्युत ऋणात्मक तत्व है, ऑक्सीजन का असामान्य व्यवहार निम्नलिखित गुणों के कारण होता है:



Revision as of 12:48, 11 December 2023

ऑक्सीजन एक पी-ब्लॉक का सदस्य है यह समूह 16 का तत्व है। लेकिन यह समूह 16 के बाकी सदस्यों से भिन्न हैं। ऑक्सीजन दूसरा सबसे अधिक विद्युत ऋणात्मक तत्व है, ऑक्सीजन का असामान्य व्यवहार निम्नलिखित गुणों के कारण होता है:

  1. ऑक्सीजन का छोटा आकार।
  2. ऑक्सीजन की उच्च विद्युत ऋणात्मकता।
  3. संयोजकता कोश में d कक्षक की अनुपस्थिति।

ऑक्सीजन आधुनिक आवर्त सारणी में 8वें स्थान पर है। यह वायुमंडल में द्विपरमाणुक गैस के रूप में विद्यमान है। यह एक ऐसी गैस है जो पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व के लिए सबसे आवश्यक है।

ऑक्सीजन का असामान्य व्यवहार

  • ऑक्सीजन एक द्विपरमाणुक गैस है जबकि अन्य जटिल ठोस हैं।
  • उच्च विद्युत ऋणात्मकता के कारण ऑक्सीजन अत्यधिक अधात्विक यौगिक है।
  • ऑक्सीजन केवल -2 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करता है, लेकिन OF2 में इसकी ऑक्सीकरण अवस्था +2 होती है।
  • ऑक्सीजन केवल पराक्साइड के रूप में -1 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करता है, बकि बाकी सभी सदस्य ऑक्सीजन के साथ +2 ऑक्सीकरण अवस्था के अतिरिक्त +4 और +6 ऑक्सीकरण अवस्था दिखाते हैं।
  • ऑक्सीजन अणु अत्यधिक स्थायी होता है क्योंकि दोनों परमाणु काफी प्रबल  एकाधिक बंधनों द्वारा एक साथ बंधे होते हैं जिनकी बंधन ऊर्जा काफी अधिक होती है। इस प्रकार साधारण ऑक्सीजन सामान्य परिस्थितियों में सक्रिय नहीं होती है।
  • ऑक्सीजन अणु गैसीय, द्रव और ठोस अवस्था में अनुचुंबकीय प्रकृति का होता है और इसमें दो अयुग्मित इलेक्ट्रॉन होते हैं। बाकी सभी प्रतिचुम्बकीय हैं।
  • ऑक्सीजन की उच्च विद्युत ऋणात्मकता के कारण हाइड्रोजन बंध जल और ऑक्सीजन के अन्य यौगिकों में उपस्थित होता है।
  • ऑक्सीजन द्विपरमाणुक गैस है जबकि अन्य तत्व बहुपरमाणुक ठोस हैं।
  • डी-ऑर्बिटल्स की अनुपस्थिति के कारण यह उच्च ऑक्सीकरण अवस्था नहीं प्रदर्शित करता हैं, अन्य तत्व उच्च ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करते हैं।
  • यह द्वि बंधन की उपस्थिति के कारण कम अभिक्रियाशील है, लेकिन अन्य तत्व एकल बंध की उपस्थिति केअधिक अभिक्रियाशील हैं।

उपयोग

ऑक्सीजन गैस सबसे अधिक व्यावसायिक उपयोग अर्थात इस्पात उद्योग में प्रयोग की जाती है। नाइट्रिक एसिड और हाइड्रोजन पेरॉक्साइड सहित विभिन्न प्रकार के रसायनों के निर्माण में भी बड़ी मात्रा में उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग एपॉक्सीइथेन (एथिलीन ऑक्साइड) बनाने के लिए भी किया जाता है, जिसका उपयोग एंटीफ्रीज के रूप में किया जाता है।

ऑक्सीजन गैस का उपयोग ऑक्सी-एसिटिलीन वेल्डिंग और धातुओं को काटने के लिए किया जाता है। सीवेज और उद्योग से निकलने वाले अपशिष्ट के उपचार में इसका उपयोग बढ़ रहा है।