लोटनिक गति की गतिज ऊर्जा: Difference between revisions

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कोणीय वेग (<math>\omega</math><math>)</math>उस दर का प्रतिनिधित्व करता है जिस पर कोई वस्तु अपनी धुरी के चारों ओर घूमती है। इसे रेडियन प्रति सेकंड में मापा जाता है।
कोणीय वेग (<math>\omega</math><math>)</math>उस दर का प्रतिनिधित्व करता है जिस पर कोई वस्तु अपनी धुरी के चारों ओर घूमती है। इसे रेडियन प्रति सेकंड में मापा जाता है।


रैखिक गतिज ऊर्जा के समान, जो किसी वस्तु की रैखिक गति से जुड़ी ऊर्जा है, घूर्णी गतिज ऊर्जा जड़ता के क्षण और कोणीय वेग के वर्ग दोनों पर निर्भर करती है। यदि वस्तु का जड़त्व आघूर्ण अधिक है या कोणीय वेग अधिक है, तो इसकी घूर्णी गतिज ऊर्जा अधिक होगी।
जिस प्रकार रैखिक गतिज ऊर्जा, किसी वस्तु की रैखिक गति से जुड़ी ऊर्जा है उसस ही प्रकार ,घूर्णी गतिज ऊर्जा, जड़त्व आघूर्ण और कोणीय वेग के वर्ग दोनों पर निर्भर करती है। यदि किसी वस्तु (अथवा कणों की व्यवस्था) का जड़त्व आघूर्ण अधिक है या कोणीय वेग अधिक है, तो इसकी घूर्णी गतिज ऊर्जा भी अधिक होगी।


== संक्षेप में ==
== संक्षेप में ==
घूर्णी गतिज ऊर्जा विभिन्न स्थितियों में महत्वपूर्ण होती है, जिसमें घूमने वाली वस्तुएं सम्मलित  होती हैं, जैसे कताई सबसे ऊपर, पहिए, चक्का, या घूमने वाली मशीनरी। घूर्णी गति से जुड़ी ऊर्जा को समझने में यह एक मौलिक अवधारणा है।
घूर्णी गतिज ऊर्जा विभिन्न स्थितियों में महत्वपूर्ण होती है, जिसमें घूमने वाली वस्तुएं सम्मलित  होती हैं, जैसे कताई सबसे ऊपर, पहिए, चक्का, या घूमने वाली मशीनरी। घूर्णी गति से जुड़ी ऊर्जा को समझने में यह एक मौलिक अवधारणा है।
[[Category:कणों के निकाय तथा घूर्णी गति]][[Category:कक्षा-11]][[Category:भौतिक विज्ञान]]
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Revision as of 12:05, 5 March 2024

Kinetic energy of rotational motion

किसी वस्तु की घूर्णी गति में गतिज ऊर्जा को घूर्णी गतिज ऊर्जा कहा जाता है। यह एक अक्ष के चारों ओर किसी वस्तु के घूमने से जुड़ी ऊर्जा का एक रूप है।

सूत्र रूप में

किसी वस्तु की घूर्णी गतिज ऊर्जा (KEᵣ) की गणना निम्न सूत्र का उपयोग करके की जा सकती है:

() * *

इस सूत्र में:

   "" घूर्णी गतिज ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है।

   "" वस्तु की जड़ता के क्षण का प्रतिनिधित्व करता है।

   "" वस्तु के कोणीय वेग का प्रतिनिधित्व करता है।

जड़त्वाघूर्ण () किसी वस्तु का एक गुण है जो उसके द्रव्यमान वितरण और घूर्णन की धुरी पर निर्भर करता है। यह मापता है कि घूर्णन अक्ष के संबंध में वस्तु का द्रव्यमान कैसे वितरित किया जाता है। घूर्णन के अक्ष से दूर अधिक द्रव्यमान वाली वस्तुओं में जड़ता का एक बड़ा क्षण होता है।

कोणीय वेग (उस दर का प्रतिनिधित्व करता है जिस पर कोई वस्तु अपनी धुरी के चारों ओर घूमती है। इसे रेडियन प्रति सेकंड में मापा जाता है।

जिस प्रकार रैखिक गतिज ऊर्जा, किसी वस्तु की रैखिक गति से जुड़ी ऊर्जा है उसस ही प्रकार ,घूर्णी गतिज ऊर्जा, जड़त्व आघूर्ण और कोणीय वेग के वर्ग दोनों पर निर्भर करती है। यदि किसी वस्तु (अथवा कणों की व्यवस्था) का जड़त्व आघूर्ण अधिक है या कोणीय वेग अधिक है, तो इसकी घूर्णी गतिज ऊर्जा भी अधिक होगी।

संक्षेप में

घूर्णी गतिज ऊर्जा विभिन्न स्थितियों में महत्वपूर्ण होती है, जिसमें घूमने वाली वस्तुएं सम्मलित होती हैं, जैसे कताई सबसे ऊपर, पहिए, चक्का, या घूमने वाली मशीनरी। घूर्णी गति से जुड़ी ऊर्जा को समझने में यह एक मौलिक अवधारणा है।