लिंकेज समावयवता: Difference between revisions

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वे दो या दो से अधिक यौगिक जिनके रासायनिक सूत्र समान होते हैं परन्तु परमाणुओं की व्यवस्था भिन्न भिन्न होती है समावयवी कहलाते हैं। परमाणुओं की भिन्न भिन्न व्यवस्था के कारण उपसहसंयोजक यौगिकों में दो प्रमुख प्रकार की उपसहसंयोजक समावयवता प्रदर्शित करते हैं।
*त्रिविम समावयवता
*संरचनात्मक समावयवता
==त्रिविम समावयवता==
त्रिविम समावयवता दो प्रकार के होते हैं।
#ज्यामितीय समावयवता
#ध्रुवण समावयवता
==संरचनात्मक समावयवता==
संरचनात्मक समावयवता दो प्रकार के होते हैं।
#बंधनी समावयवता
#आयन समावयवता
#उपसहसंयोजन समावयवता
#विलायकयोजन समावयवता
== बंधनी समावयवता ==
वे उपसहसंयोजी यौगिक जिनमे उभयदंती लिगेंड पाया जाता है वे बंधनी समावयवता प्रदर्शित करते हैं। इस प्रकार के संकुल का उदाहरण हैं वे संकुल जिनमे थयोसायनेट लिगेंड नाइट्रोजन द्वारा धातु से बंधित रहते हैं और M-NCS की तरह जुड़े रहते हैं तथा यह सल्फर द्वारा बंधित होकर M-SCN बनाते हैं। जॉरजेनसेन ने इस प्रकार के व्यवहार की खोज की थी। वे संकुल, जिसमें नाइट्राइट लिगेंड ऑक्सीजन के द्वारा (-ONO) धातु से जुड़ा रहता है, लाल रंग का होता है तथा जिसमे नाइट्राइट लिगेंड नाइट्रोजन (-NO2) के द्वारा धातु से जुड़ा होता है, पीले रंग का होता है।
==अभ्यास प्रश्न==
*समावयवता से आप क्या समझते हैं? यह कितने प्रकार की होती हैं ?
*बंधनी समावयवता का एक उदाहरण दीजिये।
*संरचनात्मक समावयवता एवं त्रिविम समावयवता में क्या अंतर् है ?

Revision as of 12:32, 19 March 2024

वे दो या दो से अधिक यौगिक जिनके रासायनिक सूत्र समान होते हैं परन्तु परमाणुओं की व्यवस्था भिन्न भिन्न होती है समावयवी कहलाते हैं। परमाणुओं की भिन्न भिन्न व्यवस्था के कारण उपसहसंयोजक यौगिकों में दो प्रमुख प्रकार की उपसहसंयोजक समावयवता प्रदर्शित करते हैं।

  • त्रिविम समावयवता
  • संरचनात्मक समावयवता

त्रिविम समावयवता

त्रिविम समावयवता दो प्रकार के होते हैं।

  1. ज्यामितीय समावयवता
  2. ध्रुवण समावयवता

संरचनात्मक समावयवता

संरचनात्मक समावयवता दो प्रकार के होते हैं।

  1. बंधनी समावयवता
  2. आयन समावयवता
  3. उपसहसंयोजन समावयवता
  4. विलायकयोजन समावयवता

बंधनी समावयवता

वे उपसहसंयोजी यौगिक जिनमे उभयदंती लिगेंड पाया जाता है वे बंधनी समावयवता प्रदर्शित करते हैं। इस प्रकार के संकुल का उदाहरण हैं वे संकुल जिनमे थयोसायनेट लिगेंड नाइट्रोजन द्वारा धातु से बंधित रहते हैं और M-NCS की तरह जुड़े रहते हैं तथा यह सल्फर द्वारा बंधित होकर M-SCN बनाते हैं। जॉरजेनसेन ने इस प्रकार के व्यवहार की खोज की थी। वे संकुल, जिसमें नाइट्राइट लिगेंड ऑक्सीजन के द्वारा (-ONO) धातु से जुड़ा रहता है, लाल रंग का होता है तथा जिसमे नाइट्राइट लिगेंड नाइट्रोजन (-NO2) के द्वारा धातु से जुड़ा होता है, पीले रंग का होता है।

अभ्यास प्रश्न

  • समावयवता से आप क्या समझते हैं? यह कितने प्रकार की होती हैं ?
  • बंधनी समावयवता का एक उदाहरण दीजिये।
  • संरचनात्मक समावयवता एवं त्रिविम समावयवता में क्या अंतर् है ?