अतिशीतित द्रव: Difference between revisions
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* कांच में द्रव के रूप में उच्च श्यानता होती है। | * कांच में द्रव के रूप में उच्च श्यानता होती है। | ||
कांच, अक्रिस्टलीय ठोस है तथा इनमें द्रवों के समान प्रवाह की प्रवृत्ति होती है, यद्यपि इनमे प्रवाह की प्रवृत्ति बहुत धीमी होती है अतः इन्हें अतिशीतित द्रव भी कहा जाता है। इन्हें आभासी ठोस भी कहते हैं। | कांच, अक्रिस्टलीय ठोस है तथा इनमें द्रवों के समान प्रवाह की प्रवृत्ति होती है, यद्यपि इनमे प्रवाह की प्रवृत्ति बहुत धीमी होती है अतः इन्हें अतिशीतित द्रव भी कहा जाता है। इन्हें '''''आभासी ठोस''''' भी कहते हैं। द्रव पदार्थों के समान, कांच में भी बहने की प्रवृत्ति होती है, यधपि ये बहुत धीमी गति से प्रवाहित होते हैं। इसलिए कांच को अतिशीतित द्रव भी कहा जाता है। यही कारण है कि कांच की खिड़कियां और दरवाजे ऊपर की तुलना में नीचे से थोड़े मोटे होते जाते हैं। |
Revision as of 12:03, 19 April 2024
ग्लास एक अनाकार ठोस है जो द्रव अवस्था में गर्म करने पर ग्लास परिवर्तन का संकेत देता है। कांच को अतिशीतित द्रव भी कहा जाता है क्योंकि यह एक अनाकार ठोस है। अनाकार ठोसों का मुख्य गुण है कि वे ठोस से तरल की ओर धीरे-धीरे प्रवाहित होते हैं। इस प्रकार, यह कोई क्रिस्टलीय संरचना नहीं बनाते है अतः इसे सुपरकूल्ड द्रव भी कहा जाता है। ग्लास पारदर्शी दिखता है यह एक-अक्रिस्टलीय, अकार्बनिक ठोस पदार्थ है। इसका निर्माण सोडियम कार्बोनेट, सिलिका और कैल्शियम कार्बोनेट को मिलाकर किया जाता है।
कांच को अतिशीतित द्रव कहा जाता है। क्योंकी
- कांच एक लचकदार, प्रतिरोधी और ठोस पदार्थ है।
- इसमे तापीय चालकता उच्च होती है।
- यह एक अच्छे इन्सुलेटर के रूप में कार्य करता है।
- कांच में द्रव के रूप में उच्च श्यानता होती है।
कांच, अक्रिस्टलीय ठोस है तथा इनमें द्रवों के समान प्रवाह की प्रवृत्ति होती है, यद्यपि इनमे प्रवाह की प्रवृत्ति बहुत धीमी होती है अतः इन्हें अतिशीतित द्रव भी कहा जाता है। इन्हें आभासी ठोस भी कहते हैं। द्रव पदार्थों के समान, कांच में भी बहने की प्रवृत्ति होती है, यधपि ये बहुत धीमी गति से प्रवाहित होते हैं। इसलिए कांच को अतिशीतित द्रव भी कहा जाता है। यही कारण है कि कांच की खिड़कियां और दरवाजे ऊपर की तुलना में नीचे से थोड़े मोटे होते जाते हैं।