हुक का नियम: Difference between revisions

From Vidyalayawiki

Listen

No edit summary
No edit summary
Line 26: Line 26:
स्प्रिंग स्थिरांक (<math>k </math>) एक माप है कि एक स्प्रिंग कितना कठोर या लचीला है। यह स्प्रिंग की सामग्री और इसकी भौतिक विशेषताओं पर निर्भर करता है। उच्च स्थिरांक वाले स्प्रिंग्स को खींचने या संपीड़ित करने के लिए अधिक बल की आवश्यकता होती है, जबकि लघु स्थिरांक वाले स्प्रिंग्स को विकृत करना आसान होता है।
स्प्रिंग स्थिरांक (<math>k </math>) एक माप है कि एक स्प्रिंग कितना कठोर या लचीला है। यह स्प्रिंग की सामग्री और इसकी भौतिक विशेषताओं पर निर्भर करता है। उच्च स्थिरांक वाले स्प्रिंग्स को खींचने या संपीड़ित करने के लिए अधिक बल की आवश्यकता होती है, जबकि लघु स्थिरांक वाले स्प्रिंग्स को विकृत करना आसान होता है।


====== विश्लेषण ======
ऐसा नहीं है की हुक का नियम ,मात्र स्प्रिंग्स पर कारगर होगा। यह नियम तो रबर बैंड और अन्य  ठोस वस्तुओं (कुछ अपवादों को छोड़ कर) जैसे अन्य तन्य सामग्रियों पर भी लागू होता है, जब तक कि वे अपनी तन्यता की सीमाओं के अंदर व्यवहार करती रहती हैं। तन्यता सीमा के पार हो जाने के उपरान्त, सामग्री स्थायी रूप से विरूपित (या टूट) सकती है। यहाँ यह भी ज्ञात कर लेना चाहीये की हुक के नियमों के विश्लेषण में उपयोग में आया एक स्प्रिंग, आरोपित बलों के अधीन पदार्थों से बनाई सामग्रीयों में हो रहे बदलाव का प्रतिनिधित्व करने के लीये, एक स्प्रिंग, न सिर्फ एक आदर्श की तरह कार्य करता है बल्कि जिन पदार्थों से यह स्प्रिंग बना हुआ है,वे भी हुक के नियम के अधीन कार्य करते हैं ।   
ऐसा नहीं है की हुक का नियम ,मात्र स्प्रिंग्स पर कारगर होगा। यह नियम तो रबर बैंड और अन्य  ठोस वस्तुओं (कुछ अपवादों को छोड़ कर) जैसे अन्य तन्य सामग्रियों पर भी लागू होता है, जब तक कि वे अपनी तन्यता की सीमाओं के अंदर व्यवहार करती रहती हैं। तन्यता सीमा के पार हो जाने के उपरान्त, सामग्री स्थायी रूप से विरूपित (या टूट) सकती है। यहाँ यह भी ज्ञात कर लेना चाहीये की हुक के नियमों के विश्लेषण में उपयोग में आया एक स्प्रिंग, आरोपित बलों के अधीन पदार्थों से बनाई सामग्रीयों में हो रहे बदलाव का प्रतिनिधित्व करने के लीये, एक स्प्रिंग, न सिर्फ एक आदर्श की तरह कार्य करता है बल्कि जिन पदार्थों से यह स्प्रिंग बना हुआ है,वे भी हुक के नियम के अधीन कार्य करते हैं ।   



Revision as of 14:34, 23 April 2024

Hooke's law

हुक का नियम भौतिकी में एक सिद्धांत है जो एक स्प्रिंग या प्रत्यास्थतः वस्तु पर आरोपित बल और उस वस्तु के परिणामी विस्थापन या विरूपण के बीच संबंध का वर्णन करता है। इसे 17वीं शताब्दी में अंग्रेजी वैज्ञानिक रॉबर्ट हुक ने उद्यत किया था।

नियम का प्रस्ताव

हुक के नियम में यह प्रस्ताव है की किसी सामग्री की प्रत्यास्थतः सीमा के अंदर, यदि उस सामग्री से बने स्प्रिंग में किसी बल के आरोपण से खिंचाव अथवा संपीड़िन है, तो इस खिंचाव अथवा संपीड़न की स्थिति में भी,उस सामग्री में पदार्थ स्तर पर एक प्रकार का संतुलन बना रहेगा, जिसका प्रदर्शन उस बल के आरोपण से उत्पन्न विस्थापन या लंबाई में परिवर्तन के, उस आरोपित बल से सीधे आनुपातिक संदर्भ के प्रदर्शन में निहित है । दूसरे शब्दों में, जब एक स्प्रिंग को उसकी प्रत्यास्थतः सीमा के भीतर खींचा या संकुचित किया जाता है, तब आरोपित बल स्प्रिंग में हो रहे खिंचाव अथवा संकुचन से उत्पन्न विस्थापन के समानुपाती होता है।

गणितीय रूप से

हुक के नियम को इस प्रकार व्यक्त किया जा सकता है:

जहाँ:

   स्प्रिंग पर आरोपित बल का प्रतिनिधित्व करता है,

स्प्रिंग स्थिरांक है, स्प्रिंग की कठोरता का मापक है,

एवं

   अपनी संतुलन स्थिति से स्प्रिंग की लंबाई में विस्थापन या परिवर्तन है।

ऋणात्मक चिह्न का तात्पर्य

समीकरण में ऋणात्मक चिह्न यह इंगित करता है कि स्प्रिंग द्वारा लगाया गया बल विस्थापन की दिशा से विपरीत दिशा में कार्य कर रहा है। यदि स्प्रिंग को किसी भी दिशा में खींचा जाता है (सकारात्मक विस्थापन), तो यह बल बल उस खिनकाव की दिशा से विपरीत (नकारात्मक) दिशा में सक्रीय हो जाता है ।

स्प्रिंग स्थिरांक () एक माप है कि एक स्प्रिंग कितना कठोर या लचीला है। यह स्प्रिंग की सामग्री और इसकी भौतिक विशेषताओं पर निर्भर करता है। उच्च स्थिरांक वाले स्प्रिंग्स को खींचने या संपीड़ित करने के लिए अधिक बल की आवश्यकता होती है, जबकि लघु स्थिरांक वाले स्प्रिंग्स को विकृत करना आसान होता है।

विश्लेषण

ऐसा नहीं है की हुक का नियम ,मात्र स्प्रिंग्स पर कारगर होगा। यह नियम तो रबर बैंड और अन्य ठोस वस्तुओं (कुछ अपवादों को छोड़ कर) जैसे अन्य तन्य सामग्रियों पर भी लागू होता है, जब तक कि वे अपनी तन्यता की सीमाओं के अंदर व्यवहार करती रहती हैं। तन्यता सीमा के पार हो जाने के उपरान्त, सामग्री स्थायी रूप से विरूपित (या टूट) सकती है। यहाँ यह भी ज्ञात कर लेना चाहीये की हुक के नियमों के विश्लेषण में उपयोग में आया एक स्प्रिंग, आरोपित बलों के अधीन पदार्थों से बनाई सामग्रीयों में हो रहे बदलाव का प्रतिनिधित्व करने के लीये, एक स्प्रिंग, न सिर्फ एक आदर्श की तरह कार्य करता है बल्कि जिन पदार्थों से यह स्प्रिंग बना हुआ है,वे भी हुक के नियम के अधीन कार्य करते हैं ।

अनुप्रयोग

हुक के नियम के विभिन्न क्षेत्रों में व्यावहारिक अनुप्रयोग हैं। इसका उपयोग यांत्रिक प्रणालियों के लिए स्प्रिंग्स के डिजाइन में किया जाता है, जैसे कार निलंबन, गद्दे और बैलेंस स्केल। यह इंजीनियरों को विभिन्न बलों और भारों के तहत सामग्रियों के व्यवहार को समझने और भविष्यवाणी करने में भी मदद करता है।

संक्षेप में

हुक का नियम स्प्रिंग या प्रत्यास्थतः वस्तु पर लागू बल और परिणामी विस्थापन या विरूपण के बीच संबंध का वर्णन करता है।