वाष्पीकरण: Difference between revisions
Listen
No edit summary |
No edit summary |
||
(3 intermediate revisions by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
[[Category:हमारे आसपास के पदार्थ]] | [[Category:हमारे आसपास के पदार्थ]] | ||
किसी [[तत्व]] या यौगिक के तरल अवस्था से [[गैसीय अवस्था]] में परिवर्तन को वाष्पीकरण | किसी [[तत्व]] या यौगिक के तरल अवस्था से [[गैसीय अवस्था]] में परिवर्तन को [[वाष्पीकरण]] कहा जाता है। जल को खुला छोड़ देने पर यह धीरे धीरे कम होता जाता है अर्थात [[वाष्प दाब|वाष्प]] में परिवर्तित हो जाता है। ठीक इसी प्रकार गीले कपडे धीरे धीरे सूखते चले जाते हैं यह भी वाष्पीकरण के कारण होता है। वाष्पीकरण वह प्रक्रिया है, जिसमें कोई तत्व या [[यौगिक]] गैस अवस्था में परिवर्तित होता है। रसायन विज्ञान में द्रव से वाष्प में परिवर्तित होने कि क्रिया 'वाष्पीकरण' कहलाती है। | ||
धरती के | धरती के उपस्थित किसी तत्त्व या यौगिक का द्रव अवस्था से गैस अवस्था में परिवर्तन ही वाष्पीकरण कहलाता है। | ||
जैसा कि हम जानते हैं कि पदार्थ के कण हमेशा गतिशील होते हैं और कभी रुकते नहीं। एक निश्चित तापमान पर गैस, द्रव या ठोस के कणों में अलग अलग मात्रा में गतिज ऊर्जा होती है। | जैसा कि हम जानते हैं कि पदार्थ के कण हमेशा गतिशील होते हैं और कभी रुकते नहीं। एक निश्चित तापमान पर गैस, द्रव या ठोस के कणों में अलग अलग मात्रा में [[गतिज ऊर्जा]] होती है। | ||
== वाष्पीकरण के प्रकार == | == वाष्पीकरण के प्रकार == | ||
Line 16: | Line 16: | ||
=== सतही क्षेत्रफल बढ़ाने पर === | === सतही क्षेत्रफल बढ़ाने पर === | ||
सतही क्षेत्रफल बढ़ाने पर वाष्पीकरण की मात्रा भी बढ़ती जाती है। अगर कपड़ों को फैलाकर डाला जाता है तो वे जल्दी सूख जाते हैं। | सतही क्षेत्रफल बढ़ाने पर वाष्पीकरण की मात्रा भी बढ़ती जाती है। अगर कपड़ों को फैलाकर डाला जाता है तो वे जल्दी सूख जाते हैं। | ||
=== ताप वृद्धि === | === ताप वृद्धि === | ||
तापमान में वृद्धि के साथ, अधिक संख्या में कणों को वाष्प अवस्था में जाने के लिए पर्याप्त गतिज ऊर्जा प्राप्त होती है। जिससे वाष्पीकरण की मात्रा भी बढ़ती जाती है। | |||
=== आद्रता में कमी === | === आद्रता में कमी === | ||
Line 33: | Line 33: | ||
गर्मियों में हमें सूती कपड़े क्यों पहनने चाहिए? | गर्मियों में हमें सूती कपड़े क्यों पहनने चाहिए? | ||
वाष्पीकरण की [[गुप्त ऊष्मा]] के बराबर | वाष्पीकरण की [[गुप्त ऊष्मा]] के बराबर ऊर्जा हमारे शरीर द्वारा अवशोषित कर ली जाती है, जिससे शरीर ठंडा हो जाता है। सूती कपड़ों में जल अवशोषण अधिक होता है, इसलिए हमारा पसीना इसमें अवशोषित हो जाता है और वातावरण में आसानी से वाष्पित हो जाता है। इसलिए गर्मियों में हमें सूती कपड़े पहनने चाहिए। | ||
== अभ्यास प्रश्न == | == अभ्यास प्रश्न == | ||
Line 40: | Line 40: | ||
* वाष्पीकरण से आप क्या समझते हैं ? | * वाष्पीकरण से आप क्या समझते हैं ? | ||
* वाष्पीकरण किन किन कारकों पर निर्भर करता है? | * वाष्पीकरण किन किन कारकों पर निर्भर करता है? | ||
* वाष्पीकरण से ठंडक उत्पन्न होती है क्यों? | * वाष्पीकरण से ठंडक उत्पन्न होती है क्यों?[[Category:कक्षा-9]][[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:भौतिक रसायन]] |
Latest revision as of 11:09, 3 May 2024
किसी तत्व या यौगिक के तरल अवस्था से गैसीय अवस्था में परिवर्तन को वाष्पीकरण कहा जाता है। जल को खुला छोड़ देने पर यह धीरे धीरे कम होता जाता है अर्थात वाष्प में परिवर्तित हो जाता है। ठीक इसी प्रकार गीले कपडे धीरे धीरे सूखते चले जाते हैं यह भी वाष्पीकरण के कारण होता है। वाष्पीकरण वह प्रक्रिया है, जिसमें कोई तत्व या यौगिक गैस अवस्था में परिवर्तित होता है। रसायन विज्ञान में द्रव से वाष्प में परिवर्तित होने कि क्रिया 'वाष्पीकरण' कहलाती है।
धरती के उपस्थित किसी तत्त्व या यौगिक का द्रव अवस्था से गैस अवस्था में परिवर्तन ही वाष्पीकरण कहलाता है।
जैसा कि हम जानते हैं कि पदार्थ के कण हमेशा गतिशील होते हैं और कभी रुकते नहीं। एक निश्चित तापमान पर गैस, द्रव या ठोस के कणों में अलग अलग मात्रा में गतिज ऊर्जा होती है।
वाष्पीकरण के प्रकार
वाष्पीकरण दो प्रकार का होता है:
- वाष्पन
- क्वथन
वाष्पीकरण को प्रभावित करने वाले कारक
वाष्पीकरण की दर निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करती है:
सतही क्षेत्रफल बढ़ाने पर
सतही क्षेत्रफल बढ़ाने पर वाष्पीकरण की मात्रा भी बढ़ती जाती है। अगर कपड़ों को फैलाकर डाला जाता है तो वे जल्दी सूख जाते हैं।
ताप वृद्धि
तापमान में वृद्धि के साथ, अधिक संख्या में कणों को वाष्प अवस्था में जाने के लिए पर्याप्त गतिज ऊर्जा प्राप्त होती है। जिससे वाष्पीकरण की मात्रा भी बढ़ती जाती है।
आद्रता में कमी
हवा की नमी, या जल वाष्प की मात्रा का भी वाष्पीकरण पर प्रभाव पड़ता है। सापेक्षिक आर्द्रता जितनी कम होगी, हवा उतनी ही शुष्क होगी और वाष्पीकरण की दर उतनी ही अधिक होगी। हवा जितनी अधिक नम होती है, हवा उतनी ही संतृप्ति के करीब होती है और कम वाष्पीकरण हो सकता है।
वायु की गति में वृद्धि
वायु के तेज होने पर जलवाष्प के कण वायु के साथ हवा में उड़ जाते हैं जिससे आस पास के जलवाष्प के मात्रा घट जाती है।
वाष्पीकरण के कारण शीतलता
खुले हुए बर्तन में रखे द्रव में निरंतर वाष्पीकरण होता रहता है। वाष्पीकरण के दौरान कम हुई ऊर्जा को पुनः प्राप्त करने के लिए द्रव के कण अपने आस-पास से ऊर्जा अवशोषित कर लेते हैं। इस तरह आस-पास से ऊर्जा के अवशोषित होने के कारण शीतलता हो जाती है।
क्रियाकलाप-1
गर्मियों में हमें सूती कपड़े क्यों पहनने चाहिए?
वाष्पीकरण की गुप्त ऊष्मा के बराबर ऊर्जा हमारे शरीर द्वारा अवशोषित कर ली जाती है, जिससे शरीर ठंडा हो जाता है। सूती कपड़ों में जल अवशोषण अधिक होता है, इसलिए हमारा पसीना इसमें अवशोषित हो जाता है और वातावरण में आसानी से वाष्पित हो जाता है। इसलिए गर्मियों में हमें सूती कपड़े पहनने चाहिए।
अभ्यास प्रश्न
- बर्फीले जल से भरे गिलास की बाहरी सतह पर जल की बूंदे क्यों नजर आती है?
- वाष्पीकरण से आप क्या समझते हैं ?
- वाष्पीकरण किन किन कारकों पर निर्भर करता है?
- वाष्पीकरण से ठंडक उत्पन्न होती है क्यों?