आवर्त नियम: Difference between revisions

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[[Category:तत्वों का आवर्त वर्गीकरण]]
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इस नियम के अनुसार तत्त्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुण उनके परमाणु द्रव्यमानों के आवर्ती फलन होते हैं। अर्थात् तत्वों को यदि उनके परमाणु द्रव्यमान के क्रम में रखा जाए तो उनके गुणधर्म की पुनरावृत्ति एक नियमित  क्रम में होती है और समान रासायनिक गुणधर्म वाले तत्त्व एक निश्चित क्रम में मिलते हैं।
इस नियम के अनुसार तत्त्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुण उनके परमाणु द्रव्यमानों के आवर्ती फलन होते हैं। अर्थात् तत्वों को यदि उनके परमाणु द्रव्यमान के क्रम में रखा जाए तो उनके गुणधर्म की पुनरावृत्ति एक नियमित  क्रम में होती है और समान रासायनिक गुणधर्म वाले तत्त्व एक निश्चित क्रम में मिलते हैं।  


'''आधुनिक आवर्त नियम'''
'''आधुनिक आवर्त नियम'''
  '''<big>"तत्त्वों के भौतिक तथा रासायनिक गुणधर्म उनके परमाणु क्रमांकों के आवर्ती फलन होते हैं।"</big>'''
  '''<big>"तत्त्वों के भौतिक तथा रासायनिक गुणधर्म उनके परमाणु क्रमांकों के आवर्ती फलन होते हैं।"</big>'''
" मेण्डेलीफ का आवर्त नियम के अनुसार, "तत्वों के भौतिक तथा रासायनिक गुण उनके परमाणु भारों के आवर्ती फलन होते हैं" अर्थात् यदि तत्वों को परमाणु भारों के वृद्धि-क्रम में रखा जाए तो एक निश्चित अवधि के पश्चात् समान गुण वाला तत्व पुनः आ जाता है। तत्त्वों के [[परमाणु द्रव्यमान]] के वृद्धि क्रम में क्रमबद्ध करने पर क्षैतिज पंक्तियाँ प्राप्त होती हैं जिन्हें 'आवर्त' कहते हैं।
" मेण्डेलीफ के आवर्त नियम के अनुसार, "तत्वों के भौतिक तथा रासायनिक गुण उनके परमाणु भारों के आवर्ती फलन होते हैं" अर्थात् यदि तत्वों को परमाणु भारों के वृद्धि-क्रम में रखा जाए तो एक निश्चित अवधि के पश्चात् समान गुण वाला तत्व पुनः आ जाता है। तत्त्वों के [[परमाणु द्रव्यमान]] के वृद्धि क्रम में क्रमबद्ध करने पर क्षैतिज पंक्तियाँ प्राप्त होती हैं जिन्हें 'आवर्त' कहते हैं।


आवर्त सारणी में व्र्ग में ऊपर से नीचे या आवर्त में बायें से दायें जाने पर तत्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुणों के बढ़ने या घटने का एक निश्चित क्रम होता है। तत्वों के गुणों में यह नियमित परिवर्तन उनके [[इलेक्ट्रॉनिक विन्यास और तत्वों के प्रकार|इलेक्ट्रॉनिक विन्यास]] और [[परमाणु क्रमांक]] पर निर्भर करता है। इस कारण तत्वों के गुणों में भी क्रमिक परिवर्तन होता है। तत्वों के गुणों में इस क्रमिक परिबर्तन को ही गुणों में आवर्तिता कहते हैं।
आवर्त सारणी में वर्ग में ऊपर से नीचे या आवर्त में बायें से दायें जाने पर तत्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुणों के बढ़ने या घटने का एक निश्चित क्रम होता है। तत्वों के गुणों में यह नियमित परिवर्तन उनके [[इलेक्ट्रॉनिक विन्यास और तत्वों के प्रकार|इलेक्ट्रॉनिक विन्यास]] और [[परमाणु क्रमांक]] पर निर्भर करता है। इस कारण तत्वों के गुणों में भी क्रमिक परिवर्तन होता है। तत्वों के गुणों में इस क्रमिक परिबर्तन को ही गुणों में आवर्तिता कहते हैं।


इनमे दो प्रकार की पंकितयाँ होती हैं:
इनमे दो प्रकार की पंक्तियाँ होती हैं:


'''क्षैतिज पंक्ति को आवर्त कहा गया है।'''
'''क्षैतिज पंक्ति को आवर्त कहा गया है।'''
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* आवर्त सारणी में क्षैतिज पंक्ति को क्या कहा गया है?
* आवर्त सारणी में क्षैतिज पंक्ति को क्या कहा गया है?
* आवर्त सारणी में ऊर्ध्वाधर पंक्ति को क्या कहा गया है?
* आवर्त सारणी में ऊर्ध्वाधर पंक्ति को क्या कहा गया है?
* आवर्त सारणी में आवर्त की क्या विशेषताएं है?[[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:कक्षा-10]]
* आवर्त सारणी में आवर्त की क्या विशेषताएं है?[[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:कक्षा-10]][[Category:अकार्बनिक रसायन]]

Latest revision as of 11:44, 6 May 2024

इस नियम के अनुसार तत्त्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुण उनके परमाणु द्रव्यमानों के आवर्ती फलन होते हैं। अर्थात् तत्वों को यदि उनके परमाणु द्रव्यमान के क्रम में रखा जाए तो उनके गुणधर्म की पुनरावृत्ति एक नियमित  क्रम में होती है और समान रासायनिक गुणधर्म वाले तत्त्व एक निश्चित क्रम में मिलते हैं।

आधुनिक आवर्त नियम

"तत्त्वों के भौतिक तथा रासायनिक गुणधर्म उनके परमाणु क्रमांकों के आवर्ती फलन होते हैं।"

" मेण्डेलीफ के आवर्त नियम के अनुसार, "तत्वों के भौतिक तथा रासायनिक गुण उनके परमाणु भारों के आवर्ती फलन होते हैं" अर्थात् यदि तत्वों को परमाणु भारों के वृद्धि-क्रम में रखा जाए तो एक निश्चित अवधि के पश्चात् समान गुण वाला तत्व पुनः आ जाता है। तत्त्वों के परमाणु द्रव्यमान के वृद्धि क्रम में क्रमबद्ध करने पर क्षैतिज पंक्तियाँ प्राप्त होती हैं जिन्हें 'आवर्त' कहते हैं।

आवर्त सारणी में वर्ग में ऊपर से नीचे या आवर्त में बायें से दायें जाने पर तत्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुणों के बढ़ने या घटने का एक निश्चित क्रम होता है। तत्वों के गुणों में यह नियमित परिवर्तन उनके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास और परमाणु क्रमांक पर निर्भर करता है। इस कारण तत्वों के गुणों में भी क्रमिक परिवर्तन होता है। तत्वों के गुणों में इस क्रमिक परिबर्तन को ही गुणों में आवर्तिता कहते हैं।

इनमे दो प्रकार की पंक्तियाँ होती हैं:

क्षैतिज पंक्ति को आवर्त कहा गया है।

ऊर्ध्वाधर पंक्ति को वर्ग कहा गया है

इस सारणी में 18 ऊर्ध्वाधर स्तम्भ हैं जिन्हें वर्ग कहा जाता है। इस आवर्त सारणी में सभी ज्ञात 118 तत्वों को स्थान मिला है। इसमें लेंथिनाइड और ऐक्टिनाइड तत्वों को अलग से स्थान दिया गया है।

जिसमे तत्वों को उनके परमाणु क्रमांकों के बढ़ते क्रम में रखा गया है।

मेंडलीफ की आवर्त सारणी में आवर्त की विशेषताएं

  • आवर्त सारणी में उपस्थित क्षैतिज पंक्तियों को आवर्त कहा गया।
  • आवर्त सारणी में उपस्थित ऊर्ध्वाधर पंक्तियों को वर्ग कहा गया।
  • पहले आवर्त में केवल दो तत्व (H, He) रखें गए इसे “अतिलघु आवर्त” कहते हैं।
  • दूसरे तथा तीसरे आवर्त में आठ-आठ तत्व है इसे “लघु आवर्त” कहते है।
  • चौथे तथा पांचवे आवर्त में बत्तीस तत्व है इसे “दीर्घ आवर्त” कहते हैं।
  • छठे आवर्त में 32 तत्व हैं इसे “अतिदीर्घ आवर्त” कहते है।
  • मेंडलीफ की मूल आवर्त सारणी में आठ वर्ग हैं, और नवां वर्ग में उत्कृष्ट गैसे आती हैं।

अभ्यास प्रश्न

  • आवर्ती फलन से आप क्या समझते हैं ?
  • आवर्तिता से आप क्या समझते हैं ?
  • आवर्ती फलन एवं आवर्तिता में अंतर बताइये
  • आवर्त सारणी में क्षैतिज पंक्ति को क्या कहा गया है?
  • आवर्त सारणी में ऊर्ध्वाधर पंक्ति को क्या कहा गया है?
  • आवर्त सारणी में आवर्त की क्या विशेषताएं है?