एकाण्विक नाभिकरागी प्रतिस्थापन: Difference between revisions
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S<sub>N</sub><sup>1</sup> अभिक्रियाएं सामान्यतः ध्रुवीय प्रोटिक विलायकों में संपन्न होती हैं ये ध्रुवीय प्रोटिक विलायक हैं। एल्कोहॉल, एसीटिक अम्ल, जल आदि। तृतीयक ब्यूटिल ब्रोमाइड की हाइड्रॉक्साइड आयन से अभिक्रिया कराने पर तृतीयक ब्यूटिल ऐल्कोहॉल प्राप्त होता है। इसमें अभिक्रिया का वेग केवल एक अभिकारक की सांद्रता पर निर्भर करता है। इसलिए इस अभिक्रिया की कोटि भी एक होती है। यही कारण है कि इसे S<sub>N</sub><sup>1</sup> अभिक्रिया भी कहते हैं। |
Revision as of 10:55, 7 May 2024
SN1 अभिक्रियाएं सामान्यतः ध्रुवीय प्रोटिक विलायकों में संपन्न होती हैं ये ध्रुवीय प्रोटिक विलायक हैं। एल्कोहॉल, एसीटिक अम्ल, जल आदि। तृतीयक ब्यूटिल ब्रोमाइड की हाइड्रॉक्साइड आयन से अभिक्रिया कराने पर तृतीयक ब्यूटिल ऐल्कोहॉल प्राप्त होता है। इसमें अभिक्रिया का वेग केवल एक अभिकारक की सांद्रता पर निर्भर करता है। इसलिए इस अभिक्रिया की कोटि भी एक होती है। यही कारण है कि इसे SN1 अभिक्रिया भी कहते हैं।