विकृतगंधिता: Difference between revisions

From Vidyalayawiki

Listen

No edit summary
No edit summary
 
(3 intermediate revisions by the same user not shown)
Line 1: Line 1:
[[Category:रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण]]
[[Category:रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण]]
अपचयित होने पर तेल एवं वसा विकृतगंधी हो जाते हैं तथा उनके स्वाद तथा गंध बदल जाते हैं। प्रायः तेलीय तथा वसायुक्त खाध सामग्रियों में अपचयन रोकने वाले वाले पदार्थ मिलाये जाते हैं। वायुरोधी बर्तनों में खाध सामग्री रखने से अपचयन धीरे धीरे होने लगता है। रसायन विज्ञान में विकृतगंधिता, जिसे विकृतगंधिता भी कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जो खाद्य पदार्थों में मौजूद असंतृप्त वसा और अप्रिय स्वाद या गंध वाले अन्य उत्पादों के ऑक्सीजन की उपस्थित में ऑक्सीकरण द्वारा उत्पन्न होती है। जब वसा सामग्री के असंतृप्त घटकों को सूर्य के प्रकाश के संपर्क में लाया जाता है, तो उन्हें हाइड्रोपरॉक्साइड्स में परिवर्तित किया जा सकता है, जो एस्टर, वाष्पशील एल्डिहाइड, कीटोन्, अल्कोहल और हाइड्रोकार्बन में टूट जाते हैं, जिनमें से कुछ में अप्रिय गंध होती है।
[[Category:रसायन विज्ञान]]
[[Category:कक्षा-10]]
अपचयित होने पर तेल एवं [[वसा अम्ल|वसा]] विकृतगंधी हो जाते हैं तथा उनके स्वाद तथा गंध बदल जाते हैं। प्रायः तेलीय तथा वसायुक्त खाध सामग्रियों में अपचयन रोकने वाले वाले पदार्थ मिलाये जाते हैं। वायुरोधी बर्तनों में खाध सामग्री रखने से [[अपचयन]] धीरे धीरे होने लगता है। रसायन विज्ञान में विकृतगंधिता, एक ऐसी स्थिति है जो खाद्य पदार्थों में उपस्थित असंतृप्त वसा और अप्रिय स्वाद या गंध वाले अन्य उत्पादों के ऑक्सीजन की उपस्थित में [[ऑक्सीकरण अवस्था|ऑक्सीकरण]] द्वारा उत्पन्न होती है। जब वसा सामग्री के असंतृप्त घटकों को सूर्य के प्रकाश के संपर्क में लाया जाता है, तो उन्हें हाइड्रोपरॉक्साइड्स में परिवर्तित किया जा सकता है, जो एस्टर, वाष्पशील [[एल्डिहाइड]], कीटोन्, एल्कोहल और [[हाइड्रोकार्बन]] में टूट जाते हैं, जिनमें से कुछ में अप्रिय गंध होती है।


'''उदाहरण'''
'''उदाहरण'''
Line 10: Line 12:


==== ऑक्सीजन ====
==== ऑक्सीजन ====
भोजन की विकृतगंधिता का प्रमुख कारण खुले वातावरण में खाद्य पदार्थों का खुला रहना है जहाँ ऑक्सीजन की प्रचुरता होती है। ऑक्सीजन के परिणामस्वरूप ऑक्सीकरण अभिक्रिया होती है जिसके परिणामस्वरूप मुक्त मूलक बनते हैं जो भोजन को नुकसान पहुंचाते हैं।
भोजन की विकृतगंधिता का प्रमुख कारण खुले वातावरण में खाद्य पदार्थों का खुला रहना है जहाँ ऑक्सीजन की प्रचुरता होती है। ऑक्सीजन के परिणामस्वरूप ऑक्सीकरण अभिक्रिया होती है जिसके परिणामस्वरूप [[मुक्त मूलक]] बनते हैं जो भोजन को नुकसान पहुंचाते हैं।


==== सूक्ष्मजीव ====
==== सूक्ष्मजीव ====
लाइपेस नामक एक एंजाइम कई सूक्ष्मजीवों द्वारा प्राप्त होता है जो लिपिड की हाइड्रोलिसिस करता है। वे अपने एंजाइम द्वारा लिपिड को नुकसान पहुंचाते हैं जिससे लिपिड का आकर बदल जाता है और पदार्थ ख़राब हो जाता है।  
लाइपेस नामक एक एंजाइम कई सूक्ष्मजीवों द्वारा प्राप्त होता है जो लिपिड की हाइड्रोलिसिस करता है। वे अपने एंजाइम द्वारा लिपिड को नुकसान पहुंचाते हैं जिससे लिपिड का आकर बदल जाता है और [[पदार्थ]] ख़राब हो जाता है।  


==== ट्रेस तत्व ====
==== ट्रेस तत्व ====
Line 22: Line 24:


== विकृतगंधिता के कारण और प्रभाव ==
== विकृतगंधिता के कारण और प्रभाव ==
असंतृप्त वसीय अम्ल सभी ठोस खाद्य पदार्थों और तेलों में पाए जा सकते हैं। इनमें कार्बन-कार्बन द्विबंध होते हैं जो उन बंध और ऑक्सीजन के बीच अलग-अलग अभिक्रियाओं से हवा में टूट सकते हैं। पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड, जो हमारे लिए बहुत अच्छे माने जाते हैं, उनमें कम से कम 2 C = C  द्विबंध होते हैं, और इनमे ऑक्सीकरण अभिक्रियाएँ बहुत प्रबल होती हैं। वे विशेष रूप से ऑक्सीकरण अभिक्रियाओं के लिए प्रवण होते हैं।
असंतृप्त वसीय अम्ल सभी ठोस खाद्य पदार्थों और तेलों में पाए जा सकते हैं। इनमें कार्बन-कार्बन द्विबंध होते हैं जो उन बंध और ऑक्सीजन के बीच अलग-अलग अभिक्रियाओं से हवा में टूट सकते हैं। पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी अम्ल, जो हमारे लिए बहुत अच्छे माने जाते हैं, उनमें कम से कम 2 C = C  द्विबंध होते हैं, और इनमे ऑक्सीकरण अभिक्रियाएँ बहुत प्रबल होती हैं। वे विशेष रूप से ऑक्सीकरण अभिक्रियाओं के लिए प्रवण होते हैं।


== विकृतगंधिता की रोकथाम ==
== विकृतगंधिता की रोकथाम ==

Latest revision as of 21:55, 7 May 2024

अपचयित होने पर तेल एवं वसा विकृतगंधी हो जाते हैं तथा उनके स्वाद तथा गंध बदल जाते हैं। प्रायः तेलीय तथा वसायुक्त खाध सामग्रियों में अपचयन रोकने वाले वाले पदार्थ मिलाये जाते हैं। वायुरोधी बर्तनों में खाध सामग्री रखने से अपचयन धीरे धीरे होने लगता है। रसायन विज्ञान में विकृतगंधिता, एक ऐसी स्थिति है जो खाद्य पदार्थों में उपस्थित असंतृप्त वसा और अप्रिय स्वाद या गंध वाले अन्य उत्पादों के ऑक्सीजन की उपस्थित में ऑक्सीकरण द्वारा उत्पन्न होती है। जब वसा सामग्री के असंतृप्त घटकों को सूर्य के प्रकाश के संपर्क में लाया जाता है, तो उन्हें हाइड्रोपरॉक्साइड्स में परिवर्तित किया जा सकता है, जो एस्टर, वाष्पशील एल्डिहाइड, कीटोन्, एल्कोहल और हाइड्रोकार्बन में टूट जाते हैं, जिनमें से कुछ में अप्रिय गंध होती है।

उदाहरण

चिप्स की थैली में से ऑक्सीजन हटाकर उसमें नाइट्रोजन मिला देते हैं जिससे नाइट्रोजन जैसे कम सक्रिय गैस से युक्त होने के कारण चिप्स जल्दी ख़राब नहीं होते।  

विकृतगंधिता के लिए उत्तरदायी कारक

खाद्य पदार्थों के खराब होने के कुछ महत्वपूर्ण कारकों पर नीचे चर्चा की गई है:

ऑक्सीजन

भोजन की विकृतगंधिता का प्रमुख कारण खुले वातावरण में खाद्य पदार्थों का खुला रहना है जहाँ ऑक्सीजन की प्रचुरता होती है। ऑक्सीजन के परिणामस्वरूप ऑक्सीकरण अभिक्रिया होती है जिसके परिणामस्वरूप मुक्त मूलक बनते हैं जो भोजन को नुकसान पहुंचाते हैं।

सूक्ष्मजीव

लाइपेस नामक एक एंजाइम कई सूक्ष्मजीवों द्वारा प्राप्त होता है जो लिपिड की हाइड्रोलिसिस करता है। वे अपने एंजाइम द्वारा लिपिड को नुकसान पहुंचाते हैं जिससे लिपिड का आकर बदल जाता है और पदार्थ ख़राब हो जाता है।

ट्रेस तत्व

Fe और Zn जैसे ट्रेस तत्व भी विकृतगंधिता की दर को बढ़ाते हैं।

भौतिक कारक

गर्मी, प्रकाश और हवा विकृतगंधिता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। चूंकि ऑक्सीकरण की प्रक्रिया भी मुख्य रूप से गर्मी, प्रकाश और हवा से प्रेरित होती है, इसलिए यह मुक्त मूलकों के उत्पादन को बढ़ावा देता है।

विकृतगंधिता के कारण और प्रभाव

असंतृप्त वसीय अम्ल सभी ठोस खाद्य पदार्थों और तेलों में पाए जा सकते हैं। इनमें कार्बन-कार्बन द्विबंध होते हैं जो उन बंध और ऑक्सीजन के बीच अलग-अलग अभिक्रियाओं से हवा में टूट सकते हैं। पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी अम्ल, जो हमारे लिए बहुत अच्छे माने जाते हैं, उनमें कम से कम 2 C = C  द्विबंध होते हैं, और इनमे ऑक्सीकरण अभिक्रियाएँ बहुत प्रबल होती हैं। वे विशेष रूप से ऑक्सीकरण अभिक्रियाओं के लिए प्रवण होते हैं।

विकृतगंधिता की रोकथाम

  • खाद्य पदार्थों को उचित रूप से संरक्षित करना बहुत महत्वपूर्ण है ताकि खाद्य पदार्थों को बासीपन से बचाया जा सके, विशेष रूप से उन खाद्य पदार्थों में जिनमें वसा अम्ल और तेल होते हैं, उनकी वांछित गुणवत्ता बनाए रखने के लिए उन्हें संरक्षित करना आवश्यक है।
  • भोजन को बासी होने से बचाने के प्रमुख तरीकों में से एक यह है कि इसे रोशनी और हवा से दूर किसी अंधेरी जगह में रखा जाए।
  • खाद्य पदार्थों को एयरटाइट कंटेनर में रखा जा सकता है।
  • भोजन को बासी होने से बचाने के प्रमुख तरीकों में से एक यह है कि इसमें एंटीऑक्सीडेंट मिला दिया जाये।

अभ्यास प्रश्न

  • विकृतगंधिता से आप क्या समझते हैं ?
  • विकृतगंधिता के लिए उत्तरदायी कारक कौन कौन से हैं ?
  • विकृतगंधिता की रोकथाम किस प्रकार की जा सकती है?
  • विकृतगंधिता के क्या कारण हैं?