परमाणु संख्या तथा द्रव्यमान संख्या: Difference between revisions
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* अर्थात किसी रासायनिक तत्व की परमाणु संख्या उस तत्व के परमाणु नाभिक में उपस्थित प्रोटॉन की संख्या को इंगित करती है। | * अर्थात किसी रासायनिक तत्व की परमाणु संख्या उस तत्व के परमाणु नाभिक में उपस्थित प्रोटॉन की संख्या को इंगित करती है। | ||
* परमाणु क्रमांक को Z से निरूपित किया जाता है। | * परमाणु क्रमांक को Z से निरूपित किया जाता है। | ||
* परमाणु क्रमांक रासायनिक तत्व की प्रमुख विशेषताओं में से एक हैं। यदि यह संख्या बदलती है, तो रासायनिक तत्व बदल जाता है। | * परमाणु क्रमांक रासायनिक तत्व की प्रमुख विशेषताओं में से एक हैं। यदि यह संख्या बदलती है, तो रासायनिक [[तत्व]] बदल जाता है। | ||
* परमाणु क्रमांक की कोई इकाई नहीं होती है ! वास्तव में यह एक भौतिक मात्रा नहीं है बल्कि एक संख्या है| | * परमाणु क्रमांक की कोई इकाई नहीं होती है ! वास्तव में यह एक भौतिक मात्रा नहीं है बल्कि एक संख्या है| | ||
Latest revision as of 07:01, 11 May 2024
परमाणु क्रमांक और परमाणु संख्या दोनों एक ही होते हैं. प्रत्येक तत्व के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉन को ही प्रोटॉनों की संख्या या परमाणु की संख्या कहते हैं। परमाणु संख्या या परमाणु क्रमांक को z से प्रदर्शित किया जाता है।
परमाणु क्रमांक को परमाणु संख्या कहते हैं और यह तत्व के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉनों की संख्या के बराबर होता है। परमाणु उदासीन होते हैं क्योंकि किसी भी परमाणु में जितने इलेक्ट्रान होते हैं उतने ही प्रोटॉन होते है। किसी तत्व के सभी अणुओं की परमाणु संख्या समान होती है। वास्तव में तत्वों को उनके परमाणु में विधमान प्रोटॉनों की संख्या से परिभाषित किया जाता है। हाइड्रोजन के लिए Z=1 क्योकी हाइड्रोजन परमाणु के नाभिक में केवल एक प्रोटॉन होता है। इसी प्रकार कार्बन के नाभिक में 6 प्रोटोन होते हैं।
परमाणु क्रमांक = प्रोटॉनों की संख्या
परमाणु संख्या (Z) = परमाणु के नाभिक में प्रोटॉनों की संख्या = उदासीन परमाणु में इलेक्ट्रोनो के संख्या
उदाहरण - 17 Cl 35.5
जहाँ -
परमाणु क्रमांक = 17
प्रोटॉनों की संख्या = 17
परमाणु संख्या की विशेषताएं
- परमाणु एक नाभिक से बना होता है, जिसमें प्रोटॉन और न्यूट्रॉन होते हैं। परमाणु क्रमांक या परमाणु संख्या किसी तत्व में उपस्थित प्रोटॉनों की कुल संख्या है, जो उस रासायनिक तत्व के परमाणु नाभिक का निर्माण करती है।
- अर्थात किसी रासायनिक तत्व की परमाणु संख्या उस तत्व के परमाणु नाभिक में उपस्थित प्रोटॉन की संख्या को इंगित करती है।
- परमाणु क्रमांक को Z से निरूपित किया जाता है।
- परमाणु क्रमांक रासायनिक तत्व की प्रमुख विशेषताओं में से एक हैं। यदि यह संख्या बदलती है, तो रासायनिक तत्व बदल जाता है।
- परमाणु क्रमांक की कोई इकाई नहीं होती है ! वास्तव में यह एक भौतिक मात्रा नहीं है बल्कि एक संख्या है|
परमाणु क्रमांक के उदाहरण
1 से 7 तक के तत्व उनके परमाणु क्रमांक के बढ़ते क्रम में निम्नलिखित हैं-
- हाइड्रोजन, H (1)
- हीलियम, He (2)
- लिथियम, Li (3)
- बेरिलियम, Be (4)
- बोरॉन, B (5)
- कार्बन, C (6)
- नाइट्रोजन, N (7)
परमाणु क्रमांक और इलेक्ट्रॉनों की संख्या
परिभाषा के अनुसार एक परमाणु के इलेक्ट्रॉनों की संख्या उसमें उपस्थित प्रोटॉनों की संख्या के बराबर होती है। यही कारण है कि परमाणु संख्या प्रोटॉन की संख्या और इलेक्ट्रॉनों की संख्या दोनों के बराबर होती है। लेकिन आयनों के मामले में यह सत्य नहीं है, क्योंकि आयनों में इलेक्ट्रॉनों की संख्या प्रोटॉनों की संख्या से कम या ज्यादा होती है।
उदाहरण के लिए- एक Mg2+ आयन में Mg तत्व की तुलना में 2 इलेक्ट्रॉन कम हैं, जबकि एक Cl- आयन ने Cl तत्व की तुलना में एक इलेक्ट्रॉन अधिक है। परन्तु Mg2+ में प्रोटॉन कि संख्या Mg के बराबर और Cl- में प्रोटॉनों कि संख्या Cl की प्रोटॉनों संख्या के बराबर ही होती है।
अभ्यास प्रश्न
निम्नलिखित सारणी को पूर्ण कीजिए।
तत्व का नाम | प्रतीक | परमाणु संख्या | प्रोटॉनों की संख्या | न्यूट्रॉनों की संख्या | इलेक्ट्रॉनों की संख्या |
---|---|---|---|---|---|
हाइड्रोजन | |||||
बेरिलियम | |||||
कार्बन | |||||
नाइट्रोजन | |||||
लिथियम | |||||
कैल्शियम | |||||
आयरन |