समइलेक्ट्रॉनिक तत्व: Difference between revisions
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वे आयन जिनमें इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान होती है, लेकिन इनका नाभिकीय आवेश भिन्न होता है ‘समइलेक्ट्रॉनिक आयन’ कहलाते हैं। | |||
=== समइलेक्ट्रॉनिक आयनों के गुण === | |||
* [[परमाणु]] आवेशों में अंतर के कारण इनकी परमाणु त्रिज्या भिन्न भिन्न होती है। | |||
* समेलेक्ट्रॉनिक तत्वों की आवर्त में बाएं से दाएं जाने पर [[आयनिक त्रिज्या]] घटती जाती है। | |||
* इनका नाभिकीय आवेश भिन्न होता है। | |||
* इनमें इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान होती है | |||
=== उदाहरण === | |||
Na<sup>+</sup>, Mg<sup>++</sup>, F, आदि समइलेक्ट्रॉनिक आयन हैं, क्योंकि इनमें से प्रत्येक में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 10 है। | |||
'''परमाणु क्रमांक = प्रोटॉनों की संख्या''' | |||
'''परमाणु संख्या <big>(Z)</big> = परमाणु के नाभिक में प्रोटॉनों की संख्या = उदासीन परमाणु में इलेक्ट्रॉनों के संख्या''' | |||
<blockquote>Na का [[परमाणु क्रमांक]] 11 है और इसे ही प्रोटॉनों की सख्या भी कहते हैं। | |||
सोडियम पर एक धनावेश की उपस्थित के कारण इससे एक इलेक्ट्रॉन को कम कर दिया जायेगा। | |||
अतः सोडियम परमाणु के इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 11 - 1 | |||
= 10 | |||
Mg का परमाणु क्रमांक 12 है और इसे ही प्रोटॉनों की सख्या भी कहते हैं। | |||
मैग्नीशियम पर दो धनावेश की उपस्थित के कारण इससे दो इलेक्ट्रॉन को कम कर दिया जायेगा। | |||
अतः मैग्नीशियम परमाणु के इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 12 - 2 | |||
= 10 | |||
F का परमाणु क्रमांक 10 है और इसे ही प्रोटॉनों की सख्या भी कहते हैं। | |||
F पर कोई भी आवेश नहीं है अतः आवेश कि अनुपस्थित के कारण इसपे ना ही कोई इलेक्ट्रॉन बढ़ा है और ना ही कोई इलेक्ट्रॉन कम हुआ है। | |||
अतः फ्लोरीन परमाणु के इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 10</blockquote>Na, Mg, F तीनों में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 10 है, इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान होने के कारण इन्हे समेलेक्ट्रॉनिक तत्व भी कहते हैं। | |||
== परमाणु क्रमांक और इलेक्ट्रॉनों की संख्या == | |||
परिभाषा के अनुसार एक परमाणु के इलेक्ट्रॉनों की संख्या उसमें उपस्थित प्रोटॉनों की संख्या के बराबर होती है। यही कारण है कि परमाणु संख्या प्रोटॉन की संख्या और इलेक्ट्रॉनों की संख्या दोनों के बराबर होती है। लेकिन आयनों के मामले में यह सत्य नहीं है, क्यूंकि आयनों में इलेक्ट्रॉनों की संख्या प्रोटॉनों की संख्या से कम या ज्यादा होती है। | |||
उदाहरण | |||
एक Mg<sup>+</sup> आयन में Mg [[तत्व]] की तुलना में 2 [[इलेक्ट्रॉन]] कम हैं, जबकि एक Cl<sup>-</sup> आयन ने Cl तत्व की तुलना में एक इलेक्ट्रॉन अधिक है। परन्तु Mg<sup>2+</sup> में प्रोटान कि संख्या Mg के बराबर और Cl<sup>-</sup> में प्रोटॉनों कि संख्या Cl की प्रोटॉनों संख्या के बराबर ही होती है। | |||
== अभ्यास प्रश्न == | |||
निम्नलिखित सारणी को पूर्ण कीजिए। | |||
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!तत्व का नाम | |||
!प्रतीक | |||
!परमाणु संख्या | |||
!प्रोटॉनों की संख्या | |||
!न्यूट्रॉनों की संख्या | |||
!इलेक्ट्रॉनों की संख्या | |||
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|कार्बन | |||
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|नाइट्रोजन | |||
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|लिथियम | |||
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|कैल्शियम | |||
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|आयरन | |||
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Latest revision as of 12:17, 12 May 2024
समइलेक्ट्रॉनिक
वे आयन जिनमें इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान होती है, लेकिन इनका नाभिकीय आवेश भिन्न होता है ‘समइलेक्ट्रॉनिक आयन’ कहलाते हैं।
समइलेक्ट्रॉनिक आयनों के गुण
- परमाणु आवेशों में अंतर के कारण इनकी परमाणु त्रिज्या भिन्न भिन्न होती है।
- समेलेक्ट्रॉनिक तत्वों की आवर्त में बाएं से दाएं जाने पर आयनिक त्रिज्या घटती जाती है।
- इनका नाभिकीय आवेश भिन्न होता है।
- इनमें इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान होती है
उदाहरण
Na+, Mg++, F, आदि समइलेक्ट्रॉनिक आयन हैं, क्योंकि इनमें से प्रत्येक में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 10 है।
परमाणु क्रमांक = प्रोटॉनों की संख्या
परमाणु संख्या (Z) = परमाणु के नाभिक में प्रोटॉनों की संख्या = उदासीन परमाणु में इलेक्ट्रॉनों के संख्या
Na का परमाणु क्रमांक 11 है और इसे ही प्रोटॉनों की सख्या भी कहते हैं।
सोडियम पर एक धनावेश की उपस्थित के कारण इससे एक इलेक्ट्रॉन को कम कर दिया जायेगा।
अतः सोडियम परमाणु के इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 11 - 1
= 10
Mg का परमाणु क्रमांक 12 है और इसे ही प्रोटॉनों की सख्या भी कहते हैं।
मैग्नीशियम पर दो धनावेश की उपस्थित के कारण इससे दो इलेक्ट्रॉन को कम कर दिया जायेगा।
अतः मैग्नीशियम परमाणु के इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 12 - 2
= 10
F का परमाणु क्रमांक 10 है और इसे ही प्रोटॉनों की सख्या भी कहते हैं।
F पर कोई भी आवेश नहीं है अतः आवेश कि अनुपस्थित के कारण इसपे ना ही कोई इलेक्ट्रॉन बढ़ा है और ना ही कोई इलेक्ट्रॉन कम हुआ है।
अतः फ्लोरीन परमाणु के इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 10
Na, Mg, F तीनों में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 10 है, इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान होने के कारण इन्हे समेलेक्ट्रॉनिक तत्व भी कहते हैं।
परमाणु क्रमांक और इलेक्ट्रॉनों की संख्या
परिभाषा के अनुसार एक परमाणु के इलेक्ट्रॉनों की संख्या उसमें उपस्थित प्रोटॉनों की संख्या के बराबर होती है। यही कारण है कि परमाणु संख्या प्रोटॉन की संख्या और इलेक्ट्रॉनों की संख्या दोनों के बराबर होती है। लेकिन आयनों के मामले में यह सत्य नहीं है, क्यूंकि आयनों में इलेक्ट्रॉनों की संख्या प्रोटॉनों की संख्या से कम या ज्यादा होती है।
उदाहरण
एक Mg+ आयन में Mg तत्व की तुलना में 2 इलेक्ट्रॉन कम हैं, जबकि एक Cl- आयन ने Cl तत्व की तुलना में एक इलेक्ट्रॉन अधिक है। परन्तु Mg2+ में प्रोटान कि संख्या Mg के बराबर और Cl- में प्रोटॉनों कि संख्या Cl की प्रोटॉनों संख्या के बराबर ही होती है।
अभ्यास प्रश्न
निम्नलिखित सारणी को पूर्ण कीजिए।
तत्व का नाम | प्रतीक | परमाणु संख्या | प्रोटॉनों की संख्या | न्यूट्रॉनों की संख्या | इलेक्ट्रॉनों की संख्या |
---|---|---|---|---|---|
हाइड्रोजन | |||||
बेरिलियम | |||||
कार्बन | |||||
नाइट्रोजन | |||||
लिथियम | |||||
कैल्शियम | |||||
आयरन |