आबंध लम्बाई: Difference between revisions
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किसी [[अणु]] में आबन्धित परमाणुओं के नाभिकों के बीच [[साम्यावस्था स्थिरांक K, अभिक्रिया भागफल Q तथा गिब्स ऊर्जा G में सम्बन्ध|साम्यावस्था]] दूरी "आबंध लम्बाई" कहलाती है। बंध की लंबाई एक अणु में दो रासायनिक रूप से बंधे परमाणुओं के [[नाभिक]] के बीच की दूरी का माप है। यह दो बंधे हुए परमाणुओं की सहसंयोजक त्रिज्याओं के योग के लगभग बराबर है। | |||
== आबंध लंबाई ज्ञात करने की विधि == | |||
आबंध लंबाई ज्ञात करने की विधि निम्न-लिखित है: | |||
* एक्स किरण [[विवर्तन]] | |||
* इलेक्ट्रॉन विवर्तन | |||
* न्यूट्रॉन विवर्तन | |||
आबन्धित युग्म का प्रत्येक परमाणु आबंध-लम्बाई में योगदान देता है, सहसंयोजी आबंध में प्रत्येक परमाणु का योगदान उस परमाणु की [[सहसंयोजक त्रिज्या]] कहलाती है। | |||
=== बंध की लंबाई में आवर्ती गुण === | |||
बंध की लंबाई भाग लेने वाले परमाणुओं की [[परमाणु त्रिज्या]] के सीधे समानुपाती होती है। जैसे जैसे परमाणु का आकार बढ़ता है वैसे वैसे बंध लम्बाई भी बढ़ती है। अतः वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर परमाणु का आकार बढ़ता जाता है वैसे वैसे बंध लम्बाई भी बढ़ती जाती है। किसी [[आवर्त]] में बाएं से दाएं जाने पर परमाणु का आकर कम होता जाता है वैसे-वैसे बांध लम्बाई कम होती जाती है। आबन्धित युग्म का प्रत्येक परमाणु आबंध- लम्बाई में योगदान देता है। | |||
== सहसंयोजी त्रिज्या == | |||
सहसंयोजी आबंध में प्रत्येक परमाणु का योगदान उस परमाणु की सहसंयोजक त्रिज्या मानी जाती है। सहसंयोजी त्रिज्या एक ही अणु में आबन्धित दो समरूप परमाणुओं के बीच की दूरी का आधा भाग होता है। | |||
== वांडरवाल त्रिज्या == | |||
वांडरवाल त्रिज्या अनाबंधित अवस्था में संयोजी कोश सहित परमाणु का समग्र आकार निरूपित करता है। वांडरवाल त्रिज्या ठोस अवस्था में विभिन्न अणुओं के दो समरूप परमाणुओं के बीच की दूरी का आधा भाग होता है। | |||
== कुछ एकल, द्विबंध और त्रिबंध की औसत लंबाई == | |||
एकल बंध की लम्बाई द्विबंध की लम्बाई से ज्यादा होती है, और द्विबंध की लम्बाई त्रिबंध से ज्यादा होती है। | |||
<chem>C- C > C = C > C = C</chem> | |||
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!आबंध का प्रकार | |||
!सहसंयोजी आबंध लंबाई | |||
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|<chem>C - C</chem> | |||
|154 pm | |||
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|<chem>C = C</chem> | |||
|133 pm | |||
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|<chem>C = N</chem> | |||
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|<chem>N = O</chem> | |||
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|} | |||
== कुछ सामान्य अणुओं की आबंध लंबाइयाँ == | |||
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!अणु | |||
!आबंध लंबाई | |||
|- | |||
|H<sub>2</sub> (H-H) | |||
|74 pm | |||
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|F<sub>2</sub> (F- F) | |||
|144 pm | |||
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|Cl<sub>2</sub> (Cl -Cl) | |||
|199 pm | |||
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|Br<sub>2</sub>(Br - Br) | |||
|288 pm | |||
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वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर आबंध लम्बाई बढ़ती है। | |||
== अभ्यास प्रश्न == | |||
* आबंध लम्बाई से आप क्या समझते हैं ? | |||
* आबंध लंबाई ज्ञात करने की विधि का वर्णन कीजिये। | |||
* सहसंयोजी त्रिज्या एवं वांडरवाल त्रिज्या से आप क्या समझते हैं ?[[Category:कक्षा-11]][[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:अकार्बनिक रसायन]] |
Latest revision as of 23:08, 12 May 2024
किसी अणु में आबन्धित परमाणुओं के नाभिकों के बीच साम्यावस्था दूरी "आबंध लम्बाई" कहलाती है। बंध की लंबाई एक अणु में दो रासायनिक रूप से बंधे परमाणुओं के नाभिक के बीच की दूरी का माप है। यह दो बंधे हुए परमाणुओं की सहसंयोजक त्रिज्याओं के योग के लगभग बराबर है।
आबंध लंबाई ज्ञात करने की विधि
आबंध लंबाई ज्ञात करने की विधि निम्न-लिखित है:
- एक्स किरण विवर्तन
- इलेक्ट्रॉन विवर्तन
- न्यूट्रॉन विवर्तन
आबन्धित युग्म का प्रत्येक परमाणु आबंध-लम्बाई में योगदान देता है, सहसंयोजी आबंध में प्रत्येक परमाणु का योगदान उस परमाणु की सहसंयोजक त्रिज्या कहलाती है।
बंध की लंबाई में आवर्ती गुण
बंध की लंबाई भाग लेने वाले परमाणुओं की परमाणु त्रिज्या के सीधे समानुपाती होती है। जैसे जैसे परमाणु का आकार बढ़ता है वैसे वैसे बंध लम्बाई भी बढ़ती है। अतः वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर परमाणु का आकार बढ़ता जाता है वैसे वैसे बंध लम्बाई भी बढ़ती जाती है। किसी आवर्त में बाएं से दाएं जाने पर परमाणु का आकर कम होता जाता है वैसे-वैसे बांध लम्बाई कम होती जाती है। आबन्धित युग्म का प्रत्येक परमाणु आबंध- लम्बाई में योगदान देता है।
सहसंयोजी त्रिज्या
सहसंयोजी आबंध में प्रत्येक परमाणु का योगदान उस परमाणु की सहसंयोजक त्रिज्या मानी जाती है। सहसंयोजी त्रिज्या एक ही अणु में आबन्धित दो समरूप परमाणुओं के बीच की दूरी का आधा भाग होता है।
वांडरवाल त्रिज्या
वांडरवाल त्रिज्या अनाबंधित अवस्था में संयोजी कोश सहित परमाणु का समग्र आकार निरूपित करता है। वांडरवाल त्रिज्या ठोस अवस्था में विभिन्न अणुओं के दो समरूप परमाणुओं के बीच की दूरी का आधा भाग होता है।
कुछ एकल, द्विबंध और त्रिबंध की औसत लंबाई
एकल बंध की लम्बाई द्विबंध की लम्बाई से ज्यादा होती है, और द्विबंध की लम्बाई त्रिबंध से ज्यादा होती है।
← आबंध लम्बाई
आबंध का प्रकार | सहसंयोजी आबंध लंबाई |
---|---|
154 pm | |
133 pm | |
138 pm | |
122 pm |
कुछ सामान्य अणुओं की आबंध लंबाइयाँ
अणु | आबंध लंबाई |
---|---|
H2 (H-H) | 74 pm |
F2 (F- F) | 144 pm |
Cl2 (Cl -Cl) | 199 pm |
Br2(Br - Br) | 288 pm |
वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर आबंध लम्बाई बढ़ती है।
अभ्यास प्रश्न
- आबंध लम्बाई से आप क्या समझते हैं ?
- आबंध लंबाई ज्ञात करने की विधि का वर्णन कीजिये।
- सहसंयोजी त्रिज्या एवं वांडरवाल त्रिज्या से आप क्या समझते हैं ?