संयोजकता कोश इलेक्ट्रॉन युग्म प्रतिकर्षण सिद्धांत: Difference between revisions

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[[लूइस अम्ल एवं क्षारक|लूइस]] अवधारणा अणुओं की आकृति की व्याख्या करने में असमर्थ है। सहसंयोजक आकृति वी. एस. ई. पी. आर. सिद्धांत को समझने के लिए एक सरल कार्यविधि अपनाता है। यह विधि सर्वप्रथम सन में सिजविक तथा पॉवेल ने परमाणुओं के संयोजकता कोश में उपस्थित इलेक्ट्रॉन युग्मों के बीच प्रतिकर्षण अन्योन्य क्रियाओं के आधार पर प्रतिपादित किया।
 
== वी. एस. ई. पी. आर. सिद्धांत की मूल अवधारणा ==
 
* अणु की आकृति, केंद्रीय [[परमाणु]] के आसपास उपस्थित संयोजीकोश इलेक्ट्रॉन युग्मों की संख्या पर निर्भर करती है।
* [[अणु]] की आकृति, केंद्रीय परमाणु के संयोजकता कोश में उपस्थित इलेक्ट्रॉन युग्म एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं, क्योकी उनके इलेक्ट्रॉन पर ऋणात्म्क आवेश होता है।
* ये इलेक्ट्रॉन युग्म त्रिवं में कुछ इस प्रकार व्यवस्थित होते हैं जिससे उनमे प्रतिकर्षण कम से कम हो सके।
* संयोजकता कोश को एक गोले के रूप में जाना जाता है।
* यदि अणु को दो या अधिक [[अनुनाद]] संरचनाओं द्वारा दर्शया जा सके, तो इस स्थित में वी. एस. ई. पी. आर. सिद्धांत प्रत्येक अनुनादी संरचना पर लागू होता है।
 
वी. एस. ई. पी. आर. मॉडल की सहायता से अणुओं की ज्यामितीय आकृतियों का पर्वानुमान लगाने के लिए अणुओं को दो श्रेणियों में बांटा गया है:
 
* वे अणु जिनके केंद्रीय परमाणु पर कोई भी एकाकी युग्म उपस्थित नहीं होता है।
* वे अणु, जिनके केंद्रीय परमाणु पर एक या एक से अधिक एकाकी युग्म उपस्थित होते हैं।
 
== इलेक्ट्रॉन युग्मों की सहायता से उनकी आकृति बताइये। ==
{| class="wikitable"
|+
!इलेक्ट्रॉन युग्मों की संख्या
!आणविक ज्यामिति
!उदाहरण
|-
|2
|रेखीय
|BeCl<sub>2</sub>
|-
|3
|त्रिकोणीय समतली
|BF<sub>3</sub>
|-
|4
|चतुष्फलकीय
|CH<sub>4</sub>
|-
|5
|त्रिकोणीय द्विपिरामिड
|PCl<sub>5</sub>
|-
|6
|अष्टफलकीय
|SF<sub>6</sub>
|}
{| class="wikitable"
|+
!एकाकी युग्मों की संख्या
!आबंधी युग्मों की संख्या
!एकाकी युग्मों की संख्या
!इलेक्ट्रॉन युग्मों की व्यवस्था
!आकृति
!उदाहरण
|-
|AB<sub>2</sub>F
|2
|1
|त्रिकोणीय समतली
|मुड़ी हुई
|SO<sub>2</sub>O<sub>3</sub>
|-
|AB<sub>3</sub>F
|3
|1
|चतुष्फलकीय
|त्रिकोणीय पिरामिड
|NH<sub>3</sub>
|-
|AB<sub>2</sub>E<sub>2</sub>
|2
|2
|चतुष्फलकीय
|मुड़ी हुई
|H<sub>2</sub>O
|-
|AB<sub>4</sub>E
|4
|1
|त्रिकोणीय द्विपिरामिडीय
|ढेंकुली
|SF<sub>4</sub>
|-
|AB<sub>3</sub>E<sub>2</sub>
|3
|2
|त्रिकोणीय द्विपिरामिडीय
|T - आकृति
|ClF<sub>3</sub>
|-
|AB<sub>5</sub>E
|5
|1
|अष्टफलकीय
|वर्ग - पिरामिडी
|BrF<sub>3</sub>
|-
|AB<sub>4</sub>E<sub>2</sub>
|4
|2
|अष्टफलकीय
|वर्ग - समतलीय
|XeF<sub>4</sub>
|}
वी. एस. ई. पी. आर. मॉडल की सहायता से बहुत से अणुओं, p ब्लॉक तत्वों द्वारा निर्मित यौगिकों की ज्यामितीय के अनुमान सही से लगाया जा सकता है।
 
== अभ्यास प्रश्न ==
 
* संयोजकता कोश इलेक्ट्रॉन युग्म प्रतिकर्षण सिद्धांत क्या है ?
* वी. एस. ई. पी. आर. सिद्धांत की मूल अवधारणा बताइये।
* निम्नलिखित इलेक्ट्रॉन युग्मों की सहायता से उनकी आकृति बताइये।
 
{| class="wikitable"
!इलेक्ट्रॉन युग्मों की संख्या
!आणविक ज्यामिति
|-
|2
|रेखीय
|-
|3
|त्रिकोणीय समतली
|-
|4
|चतुष्फलकीय
|-
|5
|त्रिकोणीय द्विपिरामिड
|-
|6
|अष्टफलकीय
|}

Latest revision as of 23:15, 12 May 2024

लूइस अवधारणा अणुओं की आकृति की व्याख्या करने में असमर्थ है। सहसंयोजक आकृति वी. एस. ई. पी. आर. सिद्धांत को समझने के लिए एक सरल कार्यविधि अपनाता है। यह विधि सर्वप्रथम सन में सिजविक तथा पॉवेल ने परमाणुओं के संयोजकता कोश में उपस्थित इलेक्ट्रॉन युग्मों के बीच प्रतिकर्षण अन्योन्य क्रियाओं के आधार पर प्रतिपादित किया।

वी. एस. ई. पी. आर. सिद्धांत की मूल अवधारणा

  • अणु की आकृति, केंद्रीय परमाणु के आसपास उपस्थित संयोजीकोश इलेक्ट्रॉन युग्मों की संख्या पर निर्भर करती है।
  • अणु की आकृति, केंद्रीय परमाणु के संयोजकता कोश में उपस्थित इलेक्ट्रॉन युग्म एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं, क्योकी उनके इलेक्ट्रॉन पर ऋणात्म्क आवेश होता है।
  • ये इलेक्ट्रॉन युग्म त्रिवं में कुछ इस प्रकार व्यवस्थित होते हैं जिससे उनमे प्रतिकर्षण कम से कम हो सके।
  • संयोजकता कोश को एक गोले के रूप में जाना जाता है।
  • यदि अणु को दो या अधिक अनुनाद संरचनाओं द्वारा दर्शया जा सके, तो इस स्थित में वी. एस. ई. पी. आर. सिद्धांत प्रत्येक अनुनादी संरचना पर लागू होता है।

वी. एस. ई. पी. आर. मॉडल की सहायता से अणुओं की ज्यामितीय आकृतियों का पर्वानुमान लगाने के लिए अणुओं को दो श्रेणियों में बांटा गया है:

  • वे अणु जिनके केंद्रीय परमाणु पर कोई भी एकाकी युग्म उपस्थित नहीं होता है।
  • वे अणु, जिनके केंद्रीय परमाणु पर एक या एक से अधिक एकाकी युग्म उपस्थित होते हैं।

इलेक्ट्रॉन युग्मों की सहायता से उनकी आकृति बताइये।

इलेक्ट्रॉन युग्मों की संख्या आणविक ज्यामिति उदाहरण
2 रेखीय BeCl2
3 त्रिकोणीय समतली BF3
4 चतुष्फलकीय CH4
5 त्रिकोणीय द्विपिरामिड PCl5
6 अष्टफलकीय SF6
एकाकी युग्मों की संख्या आबंधी युग्मों की संख्या एकाकी युग्मों की संख्या इलेक्ट्रॉन युग्मों की व्यवस्था आकृति उदाहरण
AB2F 2 1 त्रिकोणीय समतली मुड़ी हुई SO2O3
AB3F 3 1 चतुष्फलकीय त्रिकोणीय पिरामिड NH3
AB2E2 2 2 चतुष्फलकीय मुड़ी हुई H2O
AB4E 4 1 त्रिकोणीय द्विपिरामिडीय ढेंकुली SF4
AB3E2 3 2 त्रिकोणीय द्विपिरामिडीय T - आकृति ClF3
AB5E 5 1 अष्टफलकीय वर्ग - पिरामिडी BrF3
AB4E2 4 2 अष्टफलकीय वर्ग - समतलीय XeF4

वी. एस. ई. पी. आर. मॉडल की सहायता से बहुत से अणुओं, p ब्लॉक तत्वों द्वारा निर्मित यौगिकों की ज्यामितीय के अनुमान सही से लगाया जा सकता है।

अभ्यास प्रश्न

  • संयोजकता कोश इलेक्ट्रॉन युग्म प्रतिकर्षण सिद्धांत क्या है ?
  • वी. एस. ई. पी. आर. सिद्धांत की मूल अवधारणा बताइये।
  • निम्नलिखित इलेक्ट्रॉन युग्मों की सहायता से उनकी आकृति बताइये।
इलेक्ट्रॉन युग्मों की संख्या आणविक ज्यामिति
2 रेखीय
3 त्रिकोणीय समतली
4 चतुष्फलकीय
5 त्रिकोणीय द्विपिरामिड
6 अष्टफलकीय