गैसीय अवस्था: Difference between revisions
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गैस में कण बहुत दूर दूर होते हैं अतः [[गैसीय अवस्था]] में कणों की गति अनियमित और अत्यधिक तीव्र होती है अपनी अनियमित गति के कारण कण बर्तन की दीवारों से टकराते हैं। | |||
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#इसमें घटक कणों के मध्य आकर्षण बल कार्य नहीं करता है जिससे यह कण स्वतंत्र रूप से गति करने के लिए मुक्त होते हैं। | |||
#गैसों की संपीड्यता उच्च होती है तथा इसी कारण दाब बढ़ाने पर इनका आयतन घटता है। | |||
#गैस के अणुओं के बीच लगने वाले अंतराणुक बलों के क्षीण होने के कारण गैसों के घनत्व कम होते हैं। | |||
उदाहरण- LPG (द्रवीकृत पेट्रोलियम गैस), CNG (संपीड़ित प्राकृतिक गैस) | |||
==पदार्थ की अवस्थाएं== | |||
पहले पदार्थ की केवल तीन अवस्थाओं के बारे में जानकारी थी लेकिन नई खोजों ने भौतिकी में दो और ''पदार्थ की अवस्थाएँ'' प्राप्त की हैं, तो आइए जानते हैं पदार्थ की 5 अवस्थाओं के नाम।<blockquote>1. ठोस अवस्था | |||
2. द्रव् अवस्था | |||
3. गैस अवस्था | |||
4. प्लाज्मा अवस्था | |||
5. बोस आइंस्टीन कंडेंसेट</blockquote> | |||
== गैसीय अवस्था की विशेषताएँ == | |||
गैसीय अवस्था की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं: | |||
* अनिश्चित आकृति | |||
* अनिश्चित आयतन | |||
* अपरिमित प्रसार | |||
* उच्च सम्पीडयता | |||
* विसरण | |||
गैस का कोई पृष्ठ नहीं होता। गैस जिस आकृति के बर्तन में भरी जाती है गैस का आयतन वही हो जाता है, तथा जिस आकृति के बर्तन में राखी जाती है गैस वही आकृति धारण कर लेती है। | |||
== अभ्यास == | |||
* ठोस के [[अणु]] बहुत पास पास होते हैं इसका क्या कारण है? | |||
* क्या कारण है कि गैस बर्तन की दीवारों पर दबाव डालती है? | |||
* गैस पूरी तरह उस बर्तन को भर लेती है जिस बर्तन में रखी जाती है? | |||
[[Category:कक्षा-11]][[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:भौतिक रसायन]] |
Latest revision as of 08:16, 13 May 2024
अपने आस पास के पदार्थों को ध्यान से देखने पर आप पातें हैं कि आपके आस-पास तीन प्रकार के पदार्थ हैं कुछ पदार्थ ठोस के बनें हुए हैं कुछ द्रव् के और कुछ गैस के, तो क्या आप ये कह सकते हैं की पदार्थ की पांच अवस्थाएं होती हैं। पदार्थ (matter) ब्रह्मांड की “विषय वस्तु” है। प्रत्येक वह वस्तु जो स्थान घेरती है तथा जिसका द्रव्यमान होता है पदार्थ या द्रव्य कहलाती है।
गैसीय अवस्था
गैस में कण बहुत दूर दूर होते हैं अतः गैसीय अवस्था में कणों की गति अनियमित और अत्यधिक तीव्र होती है अपनी अनियमित गति के कारण कण बर्तन की दीवारों से टकराते हैं।
- गैसीय अवस्था में कणों की गति अनियमित और अत्यधिक तीव्र होती है।
- इसमें घटक कणों के मध्य आकर्षण बल कार्य नहीं करता है जिससे यह कण स्वतंत्र रूप से गति करने के लिए मुक्त होते हैं।
- गैसों की संपीड्यता उच्च होती है तथा इसी कारण दाब बढ़ाने पर इनका आयतन घटता है।
- गैस के अणुओं के बीच लगने वाले अंतराणुक बलों के क्षीण होने के कारण गैसों के घनत्व कम होते हैं।
उदाहरण- LPG (द्रवीकृत पेट्रोलियम गैस), CNG (संपीड़ित प्राकृतिक गैस)
पदार्थ की अवस्थाएं
पहले पदार्थ की केवल तीन अवस्थाओं के बारे में जानकारी थी लेकिन नई खोजों ने भौतिकी में दो और पदार्थ की अवस्थाएँ प्राप्त की हैं, तो आइए जानते हैं पदार्थ की 5 अवस्थाओं के नाम।
1. ठोस अवस्था
2. द्रव् अवस्था
3. गैस अवस्था
4. प्लाज्मा अवस्था
5. बोस आइंस्टीन कंडेंसेट
गैसीय अवस्था की विशेषताएँ
गैसीय अवस्था की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
- अनिश्चित आकृति
- अनिश्चित आयतन
- अपरिमित प्रसार
- उच्च सम्पीडयता
- विसरण
गैस का कोई पृष्ठ नहीं होता। गैस जिस आकृति के बर्तन में भरी जाती है गैस का आयतन वही हो जाता है, तथा जिस आकृति के बर्तन में राखी जाती है गैस वही आकृति धारण कर लेती है।
अभ्यास
- ठोस के अणु बहुत पास पास होते हैं इसका क्या कारण है?
- क्या कारण है कि गैस बर्तन की दीवारों पर दबाव डालती है?
- गैस पूरी तरह उस बर्तन को भर लेती है जिस बर्तन में रखी जाती है?