कार्बनिक यौगिकों का गुणात्मक विश्लेषण: Difference between revisions

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कार्बनिक यौगिकों में कार्बन तथा हाइड्रोजन उपस्थित होते हैं। इसके साथ ही इनमें ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, सल्फर, हैलोजन तथा  फॉस्फोरस भी उपस्थित हो सकते हैं।  
कार्बनिक यौगिकों में कार्बन तथा हाइड्रोजन उपस्थित होते हैं। इसके साथ ही इनमें [[ऑक्सीजन-चक्र|ऑक्सीजन]], नाइट्रोजन, सल्फर, [[हैलोजन]] तथा  फॉस्फोरस भी उपस्थित हो सकते हैं।  


== कार्बन तथा हाइड्रोजन की पहचान ==
== कार्बन तथा हाइड्रोजन की पहचान ==
कार्बन तथा हाइड्रोजन की पहचान करने के लिए यौगिक को कॉपर (II) ऑक्साइड के साथ गर्म किया जाता है। यौगिक में उपस्थित कार्बन तथा हाइड्रोजन क्रमशः कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल में परिवर्तित हो जाता है।  
कार्बन तथा हाइड्रोजन की पहचान करने के लिए यौगिक को कॉपर (II) ऑक्साइड के साथ गर्म किया जाता है। यौगिक में उपस्थित कार्बन तथा हाइड्रोजन क्रमशः [[कार्बन डाइऑक्साइड]] तथा जल में परिवर्तित हो जाता है।  


<chem>C + 2CuO ->[\Delta] 2Cu + CO2</chem>
<chem>C + 2CuO ->[\Delta] 2Cu + CO2</chem>
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<chem>Na + C + N ->[\Delta] NaCN</chem>
<chem>Na + C + N ->[\Delta] NaCN</chem>
<chem>2Na + S->[\Delta] Na2S</chem>
<chem>Na + X ->[\delta] NaX</chem>
जहाँ X = Cl, Br, I
C, X, S, N ये सभी तत्व कार्बनिक यौगिकों में उपस्थित होते हैं सोडियम से जुड़े सल्फाइड, हैलाइड उबालने पर जल में घुल जाते हैं। इस निष्कर्ष को 'सोडियम संग्लन निष्कर्ष' कहते हैं।
[[नाइट्रोजन का परीक्षण]] सोडियम संगलन निष्कर्ष को आयरन (II) सल्फेट के साथ जब उबाल कर सल्फ्यूरिक अम्ल द्वारा अम्लीकृत किया जाता है तब पर्शियन ब्लू रंग प्राप्त होता है जिससे नाइट्रोजन की उपस्थित का पता चलता है। सोडियम सायनाइड (ll) सलफेट के साथ अभिक्रिया करता है और सोडियम हेक्सासायनिडोफैरेट (ll) बनाता है इसे सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ  पर आयरन (II) आयरन (IlI) में परिवर्तित हो जाता है जिससे  सोडियम हेक्सासायनिडोफैरेट (ll) अभिक्रिया करके आयरन (IlI) हेक्सासायनिडोफैरेट (ll) बनाता है जिसका रंग पर्शियन ब्लू होता है।
<chem>6 CN- + Fe++ -> [Fe(CN)6]-4</chem>
<chem>3[Fe(CN)6]-4 + 4Fe+++ -> Fe4[Fe(CN)6]3</chem>
=== सल्फर का परीक्षण ===
सोडियम संगलन निष्कर्ष को एसीटिक अम्ल के साथ अम्लीकृत करने पर और उसके बाद लेड एसीटेट मिलाने पर लेड सल्फाइड का काला अवक्षेप प्राप्त होता है जिससे सल्फर की उपस्थित का पता चलता है।
S<sup>-2</sup> <chem> + Pb++ -> PbS</chem>
यदि सोडियम की अधिक मात्रा को सोडियम संगलन  जाता है, तो साइनाइड तथा सल्फाइड आयनों में थायोसायनेट अपघटित हो जाता है।  
<chem>NaSCN + 2Na -> NaCN + Na2S</chem>
=== हैलोजनों का परीक्षण ===
हैलोजनों का परीक्षण सोडियम संगलन निष्कर्ष को [[नाइट्रिक अम्ल]] द्वारा अम्लीकृत करने पर उसमे सिल्वर नाइट्रेट मिलाते हैं जिससे अमोनियम हाइड्राक्सॉइड में घुलनशील सफ़ेद अवक्षेप क्लोरीन की उपस्थित को पीला अवक्षेप ब्रोमीन की उपस्थित को तथा अविलेय पीला अवक्षेप आयोडीन की उपस्थित को दर्शाता है।
<chem>X- + Ag+ -> AgX</chem>
जहाँ X = Cl, Br, I
=== फास्फोरस का परीक्षण ===
किसी कार्बनिक यौगिक को किसी ऑक्सीकारक के साथ गर्म करने पर यौगिक में उपस्थित फॉस्फोरस, फॉस्फेट में परिवर्तित हो जाता है। जिसमे जब विलयन को [[नाइट्रिक अम्ल]] के साथ गर्म करने पर तथा अमोनियम मॉलिब्डेट मिलाने पर पीला अवक्षेप प्राप्त होते है जो फॉस्फोरस की उपस्थित को दर्शाता है।
<chem>Na3PO4 + 3HNO3 -> H3PO4 + 3NaNO3</chem>
<chem>H3PO4 + 12(NH4)2MoO4 + 2HNO3 -> (NH4)3PO4.12MoO3 + 221NH4NO3 + 12H2O</chem>
== अभ्यास प्रश्न ==
* कार्बनिक यौगिकों का गुणात्मक विश्लेषण किन किन कार्बनिक यौगिकों के लिए किया जाता है ?
* सल्फर का परीक्षण किस प्रकार किया जाता है?
* हैलोजनों का परीक्षण किस प्रकार किया जाता है?
* लैसें - परीक्षण क्या है?

Latest revision as of 11:03, 25 May 2024

कार्बनिक यौगिकों में कार्बन तथा हाइड्रोजन उपस्थित होते हैं। इसके साथ ही इनमें ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, सल्फर, हैलोजन तथा  फॉस्फोरस भी उपस्थित हो सकते हैं।

कार्बन तथा हाइड्रोजन की पहचान

कार्बन तथा हाइड्रोजन की पहचान करने के लिए यौगिक को कॉपर (II) ऑक्साइड के साथ गर्म किया जाता है। यौगिक में उपस्थित कार्बन तथा हाइड्रोजन क्रमशः कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल में परिवर्तित हो जाता है।

लैसें - परीक्षण

कार्बनिक यौगिक में उपस्थित नाइट्रोजन, सल्फर, हैलोजन तथा फॉस्फोरस की पहचान लैसें - परीक्षण द्वारा की जाती है। इसमें कार्बनिक यौगिक को सोडियम धातु के साथ संगलित करने पर ये तत्व सहसंयोजी रूप से आयनिक रूप में परिवर्तित हो जाते हैं। जिसमे निम्न लिखित अभिक्रिया होती है।

जहाँ X = Cl, Br, I

C, X, S, N ये सभी तत्व कार्बनिक यौगिकों में उपस्थित होते हैं सोडियम से जुड़े सल्फाइड, हैलाइड उबालने पर जल में घुल जाते हैं। इस निष्कर्ष को 'सोडियम संग्लन निष्कर्ष' कहते हैं।

नाइट्रोजन का परीक्षण सोडियम संगलन निष्कर्ष को आयरन (II) सल्फेट के साथ जब उबाल कर सल्फ्यूरिक अम्ल द्वारा अम्लीकृत किया जाता है तब पर्शियन ब्लू रंग प्राप्त होता है जिससे नाइट्रोजन की उपस्थित का पता चलता है। सोडियम सायनाइड (ll) सलफेट के साथ अभिक्रिया करता है और सोडियम हेक्सासायनिडोफैरेट (ll) बनाता है इसे सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ  पर आयरन (II) आयरन (IlI) में परिवर्तित हो जाता है जिससे  सोडियम हेक्सासायनिडोफैरेट (ll) अभिक्रिया करके आयरन (IlI) हेक्सासायनिडोफैरेट (ll) बनाता है जिसका रंग पर्शियन ब्लू होता है।

सल्फर का परीक्षण

सोडियम संगलन निष्कर्ष को एसीटिक अम्ल के साथ अम्लीकृत करने पर और उसके बाद लेड एसीटेट मिलाने पर लेड सल्फाइड का काला अवक्षेप प्राप्त होता है जिससे सल्फर की उपस्थित का पता चलता है।

S-2

यदि सोडियम की अधिक मात्रा को सोडियम संगलन  जाता है, तो साइनाइड तथा सल्फाइड आयनों में थायोसायनेट अपघटित हो जाता है।  

हैलोजनों का परीक्षण

हैलोजनों का परीक्षण सोडियम संगलन निष्कर्ष को नाइट्रिक अम्ल द्वारा अम्लीकृत करने पर उसमे सिल्वर नाइट्रेट मिलाते हैं जिससे अमोनियम हाइड्राक्सॉइड में घुलनशील सफ़ेद अवक्षेप क्लोरीन की उपस्थित को पीला अवक्षेप ब्रोमीन की उपस्थित को तथा अविलेय पीला अवक्षेप आयोडीन की उपस्थित को दर्शाता है।

जहाँ X = Cl, Br, I

फास्फोरस का परीक्षण

किसी कार्बनिक यौगिक को किसी ऑक्सीकारक के साथ गर्म करने पर यौगिक में उपस्थित फॉस्फोरस, फॉस्फेट में परिवर्तित हो जाता है। जिसमे जब विलयन को नाइट्रिक अम्ल के साथ गर्म करने पर तथा अमोनियम मॉलिब्डेट मिलाने पर पीला अवक्षेप प्राप्त होते है जो फॉस्फोरस की उपस्थित को दर्शाता है।

अभ्यास प्रश्न

  • कार्बनिक यौगिकों का गुणात्मक विश्लेषण किन किन कार्बनिक यौगिकों के लिए किया जाता है ?
  • सल्फर का परीक्षण किस प्रकार किया जाता है?
  • हैलोजनों का परीक्षण किस प्रकार किया जाता है?
  • लैसें - परीक्षण क्या है?