जल का आयनन स्थिरांक एवं इसका आयनिक गुणनफल: Difference between revisions
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शुद्ध जल की विशिष्ट [[चालकता]] बहुत कम होती है क्योकी जल और आयनों में अति अल्प आयनित होता है। जल के अणुओं में जल का केवल एक [[अणु]] आयनित होता है साधारण ताप पर जल की [[मोललता]] मोल प्रति लीटर और जल की [[आयनन ऊर्जा|आयनन]] की मात्रा है। शुद्ध जल एवं जलीय विलयनों में जल के अनआयनित अणुओं और उसके आयनों के मध्य [[साम्य को प्रभावित करने वाले कारक|साम्य]] रहता है। | |||
<chem>H2O <=> H+ + OH-</chem> | |||
इस साम्य पर द्रव्य अनुपाती क्रिया का नियम लगाने पर निम्न साम्यस्थिरांक व्यंजक प्राप्त होता है, | |||
<math>K = \frac{[H^+][OH^-]}{[H2O]}</math> | |||
जहाँ, K, जल का आयनन स्थिरांक है। | |||
== आयनिक गुणनफल == | |||
निश्चित ताप पर, शुद्ध जल एवं तनु जलीय [[विलयन]] में [[हाइड्रोजन]] आयनों, H<sup>+</sup>, और हाइड्रॉक्साइड आयनों, OH<sup>-</sup>, की सांद्रताओं का गुणनफल निश्चित और स्थिर होता है। जिसे जल का आयनिक गुणनफल कहते हैं। | |||
साधारण ताप (25<sup>0</sup>C) पर, | |||
शुद्ध जल में हाइड्रोजन आयनों और हाइड्रॉक्साइड आयनों, की सांद्रताएँ बराबर होती हैं। अतः | |||
[H+] = [OH-] = <math>\sqrt{K_w}</math> | |||
साधारण ताप (25<sup>0</sup>C) पर, शुद्ध जल में, | |||
[H+] = [OH-] = <math>\sqrt{1.0 \times 10 ^{-14}}</math> | |||
= <math>\sqrt{1.0 \times 10 ^{-7}}</math> मोल / लीटर | |||
जिस जलीय विलयन में हाइड्रोजन आयनों और हाइड्रॉक्साइड आयनों की सांद्रताएं बराबर होती हैं उसे उदासीन विलयन कहते हैं। यदि [H<sup>+</sup>] > 1.0<math>\times 10^{-7}</math> तो विलयन अम्लीय और यदि [H<sup>+</sup>] < 1.0<math>\times 10^{-7}</math> तो विलयन क्षारीय होता है। यह क्षारीय विलयन में और अम्ल के विलयन में होता है। | |||
निश्चित ताप पर किसी विलयन में तथा की सांद्रताओं की गुणनफल एक निष्चित सिथरांक होता है जिसे जल का '''''आयनिक गुणनफल''''' कहते है। | |||
== अभ्यास प्रश्न == | |||
* जल का आयनन स्थिरांक ज्ञात कीजिये। | |||
* जल का आयनिक गुणनफल ज्ञात कीजिये। |
Latest revision as of 13:01, 29 May 2024
शुद्ध जल की विशिष्ट चालकता बहुत कम होती है क्योकी जल और आयनों में अति अल्प आयनित होता है। जल के अणुओं में जल का केवल एक अणु आयनित होता है साधारण ताप पर जल की मोललता मोल प्रति लीटर और जल की आयनन की मात्रा है। शुद्ध जल एवं जलीय विलयनों में जल के अनआयनित अणुओं और उसके आयनों के मध्य साम्य रहता है।
इस साम्य पर द्रव्य अनुपाती क्रिया का नियम लगाने पर निम्न साम्यस्थिरांक व्यंजक प्राप्त होता है,
जहाँ, K, जल का आयनन स्थिरांक है।
आयनिक गुणनफल
निश्चित ताप पर, शुद्ध जल एवं तनु जलीय विलयन में हाइड्रोजन आयनों, H+, और हाइड्रॉक्साइड आयनों, OH-, की सांद्रताओं का गुणनफल निश्चित और स्थिर होता है। जिसे जल का आयनिक गुणनफल कहते हैं।
साधारण ताप (250C) पर,
शुद्ध जल में हाइड्रोजन आयनों और हाइड्रॉक्साइड आयनों, की सांद्रताएँ बराबर होती हैं। अतः
[H+] = [OH-] =
साधारण ताप (250C) पर, शुद्ध जल में,
[H+] = [OH-] =
= मोल / लीटर
जिस जलीय विलयन में हाइड्रोजन आयनों और हाइड्रॉक्साइड आयनों की सांद्रताएं बराबर होती हैं उसे उदासीन विलयन कहते हैं। यदि [H+] > 1.0 तो विलयन अम्लीय और यदि [H+] < 1.0 तो विलयन क्षारीय होता है। यह क्षारीय विलयन में और अम्ल के विलयन में होता है।
निश्चित ताप पर किसी विलयन में तथा की सांद्रताओं की गुणनफल एक निष्चित सिथरांक होता है जिसे जल का आयनिक गुणनफल कहते है।
अभ्यास प्रश्न
- जल का आयनन स्थिरांक ज्ञात कीजिये।
- जल का आयनिक गुणनफल ज्ञात कीजिये।