विस्थापन अभिक्रियाएँ: Difference between revisions
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एक रासायनिक [[अणु]] के क्रियात्मक समूह को दूसरे समूह द्वारा प्रतिस्थापित करना प्रतिस्थापन अभिक्रिया कहलाता है। इसे वैकल्पिक रूप से एक अभिक्रिया के रूप में वर्णित किया जा सकता है जिसमें एक अणु या एक रसायन के [[परमाणु]] को दूसरे अणु या परमाणु के लिए प्रतिस्थापित किया जाता है। | एक रासायनिक [[अणु]] के क्रियात्मक समूह को दूसरे समूह द्वारा प्रतिस्थापित करना [[प्रतिस्थापन अभिक्रिया]] कहलाता है। इसे वैकल्पिक रूप से एक अभिक्रिया के रूप में वर्णित किया जा सकता है जिसमें एक [[अणु]] या एक रसायन के [[परमाणु]] को दूसरे अणु या परमाणु के लिए प्रतिस्थापित किया जाता है। | ||
“प्रतिस्थापन” जैसा की नाम से ही स्पष्ट है किसी वस्तु या [[तत्व]] को उसके स्थान से हटाने को प्रतिस्थापन कहते हैं।" | “प्रतिस्थापन” जैसा की नाम से ही स्पष्ट है किसी वस्तु या [[तत्व]] को उसके स्थान से हटाने को प्रतिस्थापन कहते हैं।" | ||
जब एक अभिक्रिया में एक परमाणु अथवा परमाणुओं का समूह दूसरे परमाणु अथवा परमाणुओं के समूह का स्थान ले लेता है तो उसे प्रतिस्थपन अभिक्रिया कहते हैं। इसे प्रतिस्थापन अभिक्रिया भी कहते हैं। इसे दुसरे शब्दों में इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है, वह रासायनिक अभिक्रिया जिसमें अधिक अभिक्रियाशील [[धातु]] अपने से कम अभिक्रियाशील धातु को उस यौगिक के [[विलयन]] से विस्थापित कर देती है उसे प्रतिस्थापन अभिक्रिया कहते हैं। | जब एक अभिक्रिया में एक [[परमाणु]] अथवा परमाणुओं का समूह दूसरे परमाणु अथवा परमाणुओं के समूह का स्थान ले लेता है तो उसे प्रतिस्थपन अभिक्रिया कहते हैं। इसे प्रतिस्थापन अभिक्रिया भी कहते हैं। इसे दुसरे शब्दों में इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है, वह रासायनिक अभिक्रिया जिसमें अधिक अभिक्रियाशील [[धातु]] अपने से कम अभिक्रियाशील [[धातु]] को उस यौगिक के [[विलयन]] से विस्थापित कर देती है उसे प्रतिस्थापन अभिक्रिया कहते हैं। | ||
<chem>Co + CuSO4 -> CoSO 4 + Cu </chem> | <chem>Co + CuSO4 -> CoSO 4 + Cu </chem> | ||
==प्रतिस्थापन अभिक्रिया के उदाहरण== | ==प्रतिस्थापन अभिक्रिया के उदाहरण== | ||
सूर्य के प्रकाश की उपस्थित में मेथेन का क्लोरीनीकरण करने पर क्लोरीन एक एक करके हाइड्रोजन के परमाणुओं को प्रतिस्थापित करता जायेगा इसको हे प्रतिस्थापन अभिक्रिया कहते हैं। | सूर्य के प्रकाश की उपस्थित में मेथेन का क्लोरीनीकरण करने पर [[क्लोरीन]] एक एक करके [[हाइड्रोजन]] के परमाणुओं को प्रतिस्थापित करता जायेगा इसको हे प्रतिस्थापन अभिक्रिया कहते हैं। | ||
<chem>CH4 + Cl2 ->CH3Cl + HCl</chem> | <chem>CH4 + Cl2 ->CH3Cl + HCl</chem> | ||
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====उदाहरण - 1==== | ====उदाहरण - 1==== | ||
अभिक्रियाशीलता श्रृंखला में ऊपर वाली धातु अपने से नीचे वाली धातु को उसके विलयन से विस्थापित कर सकती है। अतः इस दी गई अभिक्रिया में Fe ने Cu को उसके ही विलयन(CuSO<sub>4</sub>) से विस्थापित कर दिया है। | अभिक्रियाशीलता श्रृंखला में ऊपर वाली धातु अपने से नीचे वाली धातु को उसके विलयन से विस्थापित कर सकती है। अतः इस दी गई अभिक्रिया में Fe ने Cu को उसके ही विलयन(CuSO<sub>4</sub>) से विस्थापित कर दिया है। | ||
<chem>Fe (s) + CuSO4 (aq)-> FeSO4 (aq) + Cu (s)</chem><chem>Zn (s) + CuSO4 (aq)-> ZnSO4 (aq) + Cu (s)</chem> | <chem>Fe (s) + CuSO4 (aq)-> FeSO4 (aq) + Cu (s)</chem> | ||
<chem>Zn (s) + CuSO4 (aq)-> ZnSO4 (aq) + Cu (s)</chem> | |||
=====उदाहरण - 2===== | =====उदाहरण - 2===== | ||
जब सोडियम ब्रोमाइड के विलयन में क्लोरीन गैस प्रवाहित की जाती है, तो क्लोरीन ब्रोमीन का स्थान ले लेती है। चूँकि क्लोरीन ब्रोमीन की तुलना में अधिक प्रतिक्रियाशील है, यह ब्रोमीन को सोडियम ब्रोमाइड के विलयन से विस्थापित कर देता है, और विलयन नीला हो जाता है,और भूरे रंग की ब्रोमीन गैस बाहर निकल जाती है। यदि आप समीकरण पर ध्यान दें, तो आप देख सकते हैं कि Cl और Br ने अपने मूल स्थानों की अदला-बदली कर ली है। | जब सोडियम ब्रोमाइड के विलयन में क्लोरीन गैस प्रवाहित की जाती है, तो क्लोरीन ब्रोमीन का स्थान ले लेती है। चूँकि क्लोरीन ब्रोमीन की तुलना में अधिक प्रतिक्रियाशील है, यह ब्रोमीन को सोडियम ब्रोमाइड के विलयन से विस्थापित कर देता है, और विलयन नीला हो जाता है,और भूरे रंग की ब्रोमीन गैस बाहर निकल जाती है। यदि आप समीकरण पर ध्यान दें, तो आप देख सकते हैं कि Cl और Br ने अपने मूल स्थानों की अदला-बदली कर ली है। | ||
<chem>Cl2(aq) + 2NaBr(aq) -> 2NaCl(aq) + Br2(aq)</chem> | <chem>Cl2(aq) + 2NaBr(aq) -> 2NaCl(aq) + Br2(aq)</chem> | ||
===द्वि प्रतिस्थापन अभिक्रिया=== | ===द्वि प्रतिस्थापन अभिक्रिया=== | ||
द्विप्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ तब होती हैं जब दो आयनिक यौगिकों के एक भाग का आदान-प्रदान होता है और दो नए घटक प्राप्त होते हैं। द्विप्रतिस्थापन अभिक्रिया कहलाती हैं। द्विप्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ अधिकतर जलीय विलयन में होती हैं जिनमें पदार्थ का वैधुत अपघटन आसानी से हो सके और आयनों का आदान-प्रदान भी आसानी से हो सके। | द्विप्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ तब होती हैं जब दो आयनिक यौगिकों के एक भाग का आदान-प्रदान होता है और दो नए घटक प्राप्त होते हैं। द्विप्रतिस्थापन अभिक्रिया कहलाती हैं। द्विप्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ अधिकतर जलीय विलयन में होती हैं जिनमें [[पदार्थ]] का वैधुत अपघटन आसानी से हो सके और आयनों का आदान-प्रदान भी आसानी से हो सके। | ||
<chem>Na2SO4(aq) + BaCl2(aq) -> BaSO4(s) + 2NaCl(aq)</chem> | <chem>Na2SO4(aq) + BaCl2(aq) -> BaSO4(s) + 2NaCl(aq)</chem> | ||
=====उदाहरण - 1===== | =====उदाहरण - 1===== | ||
Ba<sup>+2</sup> तथा SO<sub>4</sub><sup>-2</sup> की अभिक्रिया से BaSO<sub>4</sub> के अवक्षेप का निर्माण होता है। एक अन्य उत्पाद [[सोडियम क्लोराइड]] का भी निर्माण होता है जो विलयन में ही रहता है। वे अभिक्रियाएं जिनमे अभिकारकों के बीच आयनों का आदान प्रदान होता है उन्हें द्विप्रतिस्थापन | Ba<sup>+2</sup> तथा SO<sub>4</sub><sup>-2</sup> की अभिक्रिया से BaSO<sub>4</sub> के [[अवक्षेप]] का निर्माण होता है। एक अन्य उत्पाद [[सोडियम क्लोराइड]] का भी निर्माण होता है जो विलयन में ही रहता है। वे अभिक्रियाएं जिनमे अभिकारकों के बीच आयनों का आदान प्रदान होता है उन्हें द्विप्रतिस्थापन अभिक्रियाएं कहते हैं। | ||
==अभ्यास प्रश्न== | ==अभ्यास प्रश्न== | ||
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*द्विप्रतिस्थापन अभिक्रिया को एक उदाहरण द्वारा समझाइए। | *द्विप्रतिस्थापन अभिक्रिया को एक उदाहरण द्वारा समझाइए। | ||
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*सक्रियता श्रेणी का प्रतिस्थापन अभिक्रिया से क्या सम्बन्ध है ? | *[[सक्रियता श्रेणी]] का प्रतिस्थापन अभिक्रिया से क्या सम्बन्ध है ? |
Latest revision as of 16:17, 29 May 2024
एक रासायनिक अणु के क्रियात्मक समूह को दूसरे समूह द्वारा प्रतिस्थापित करना प्रतिस्थापन अभिक्रिया कहलाता है। इसे वैकल्पिक रूप से एक अभिक्रिया के रूप में वर्णित किया जा सकता है जिसमें एक अणु या एक रसायन के परमाणु को दूसरे अणु या परमाणु के लिए प्रतिस्थापित किया जाता है।
“प्रतिस्थापन” जैसा की नाम से ही स्पष्ट है किसी वस्तु या तत्व को उसके स्थान से हटाने को प्रतिस्थापन कहते हैं।"
जब एक अभिक्रिया में एक परमाणु अथवा परमाणुओं का समूह दूसरे परमाणु अथवा परमाणुओं के समूह का स्थान ले लेता है तो उसे प्रतिस्थपन अभिक्रिया कहते हैं। इसे प्रतिस्थापन अभिक्रिया भी कहते हैं। इसे दुसरे शब्दों में इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है, वह रासायनिक अभिक्रिया जिसमें अधिक अभिक्रियाशील धातु अपने से कम अभिक्रियाशील धातु को उस यौगिक के विलयन से विस्थापित कर देती है उसे प्रतिस्थापन अभिक्रिया कहते हैं।
प्रतिस्थापन अभिक्रिया के उदाहरण
सूर्य के प्रकाश की उपस्थित में मेथेन का क्लोरीनीकरण करने पर क्लोरीन एक एक करके हाइड्रोजन के परमाणुओं को प्रतिस्थापित करता जायेगा इसको हे प्रतिस्थापन अभिक्रिया कहते हैं।
वे रासायनिक यौगिक जिनमे में एकल बंध होता है वे प्रतिस्थापन अभिक्रियाएं देते हैं।
प्रतिस्थापन अभिक्रिया
प्रतिस्थापन अभिक्रिया दो प्रकार की होती हैं।
- एकल प्रतिस्थापन अभिक्रिया
- द्विप्रतिस्थापन अभिक्रिया
एकल प्रतिस्थापन अभिक्रिया
एक एकल प्रतिस्थापन अभिक्रिया जिसे एकल प्रतिस्थापन अभिक्रिया भी कहा जाता है, एक प्रकार की ऑक्सीकरण-अपचयन रासायनिक अभिक्रिया होती है जब एक आयन या तत्व एक यौगिक से दूसरे यौगिक में प्रतिस्थापित किया जाता है तो उसे एकल प्रतिस्थापन अभिक्रिया कहते हैं।
उदाहरण - 1
अभिक्रियाशीलता श्रृंखला में ऊपर वाली धातु अपने से नीचे वाली धातु को उसके विलयन से विस्थापित कर सकती है। अतः इस दी गई अभिक्रिया में Fe ने Cu को उसके ही विलयन(CuSO4) से विस्थापित कर दिया है।
उदाहरण - 2
जब सोडियम ब्रोमाइड के विलयन में क्लोरीन गैस प्रवाहित की जाती है, तो क्लोरीन ब्रोमीन का स्थान ले लेती है। चूँकि क्लोरीन ब्रोमीन की तुलना में अधिक प्रतिक्रियाशील है, यह ब्रोमीन को सोडियम ब्रोमाइड के विलयन से विस्थापित कर देता है, और विलयन नीला हो जाता है,और भूरे रंग की ब्रोमीन गैस बाहर निकल जाती है। यदि आप समीकरण पर ध्यान दें, तो आप देख सकते हैं कि Cl और Br ने अपने मूल स्थानों की अदला-बदली कर ली है।
द्वि प्रतिस्थापन अभिक्रिया
द्विप्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ तब होती हैं जब दो आयनिक यौगिकों के एक भाग का आदान-प्रदान होता है और दो नए घटक प्राप्त होते हैं। द्विप्रतिस्थापन अभिक्रिया कहलाती हैं। द्विप्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ अधिकतर जलीय विलयन में होती हैं जिनमें पदार्थ का वैधुत अपघटन आसानी से हो सके और आयनों का आदान-प्रदान भी आसानी से हो सके।
उदाहरण - 1
Ba+2 तथा SO4-2 की अभिक्रिया से BaSO4 के अवक्षेप का निर्माण होता है। एक अन्य उत्पाद सोडियम क्लोराइड का भी निर्माण होता है जो विलयन में ही रहता है। वे अभिक्रियाएं जिनमे अभिकारकों के बीच आयनों का आदान प्रदान होता है उन्हें द्विप्रतिस्थापन अभिक्रियाएं कहते हैं।
अभ्यास प्रश्न
- प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ क्या हैं समझाइये ?
- प्रतिस्थापन अभिक्रिया कितने प्रकार की होती हैं?
- द्विप्रतिस्थापन अभिक्रिया को एक उदाहरण द्वारा समझाइए।
- एकल प्रतिस्थापन अभिक्रिया को एक उदाहरण द्वारा समझाइए।
- सक्रियता श्रेणी का प्रतिस्थापन अभिक्रिया से क्या सम्बन्ध है ?