धात्विक ठोस: Difference between revisions
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धात्विक ठोस धातु [[परमाणु]] से मिलकर बने होते हैं, जिनमें संयोजी इलेक्ट्रॉन होते हैं इसमें या तो [[इलेक्ट्रॉन]] बाहर निकलता है या इन्हे इलेक्ट्रॉन प्राप्त होता है, इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप धातु परमाणु धनात्मक रूप से आवेशित हो जाते हैं। धात्विक बंध का निर्माण धनावेशित आयनों और इलेक्ट्रॉनों के बीच एक आकर्षण बल के कारण होता है। यह आकर्षण बल धातु आयनों को एक साथ बांधे रखता है। धात्विक ठोसों की एक नियमित संरचना होती है। इनमे इलेक्ट्रॉनों की बड़ी संख्या के कारण, उनमें उत्कृष्ट तापीय और धात्विक चालकता होती है। यही कारण है कि सभी धातुएँ और मिश्र धातुएँ धात्विक ठोस हैं। | |||
धातुएं सामान्यतः ठोस अवस्था में होती हैं, अतः इन्हें धात्विक ठोस कहते हैं। इनमें धनायन, मुक्त इलेक्ट्रॉनों के समुद्र में व्यवस्थित होते हैं। प्रतयेक धातु परमाणु, एक या अधिक इलेक्ट्रॉन देता है। ये इलेक्ट्रॉन गतिशील होते हें और क्रिस्टल में सामन रूप से फैले रहते हैं। | |||
इन्हे धातुओं के अच्छे संवाहक के रूप में जाना जाता है क्योंकि इनके परिणामस्वरूप धात्विक बंधन बनते हैं जो बिजली के रूप में आवेशित कणों या इलेक्ट्रॉनों की गति की अनुमति देते हैं। | |||
=== उदाहरण === | |||
तांबा, लोहा और एल्युमीनियम | |||
== धात्विक ठोसों के गुण == | |||
धात्विक ठोसों की क्रिस्टलीय संरचना के आधार पर उनकी कुछ विषेशताएं हैं: | |||
* धात्विक ठोसों में उच्च क्वथनांक और [[गलनांक]] होता है | |||
* धात्विक ठोसों में [[तापीय चालकता]] उच्च होती है | |||
* यह ऊष्मा का अच्छा संवाहक हैं। | |||
* धात्विक ठोस लचीले होते हैं। | |||
== अभ्यास प्रश्न == | |||
* धात्विक ठोसों की विषेशताएं बताइये। | |||
* धात्विक ठोस क्या हैं समझाइये ? |
Latest revision as of 11:22, 30 May 2024
धात्विक ठोस धातु परमाणु से मिलकर बने होते हैं, जिनमें संयोजी इलेक्ट्रॉन होते हैं इसमें या तो इलेक्ट्रॉन बाहर निकलता है या इन्हे इलेक्ट्रॉन प्राप्त होता है, इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप धातु परमाणु धनात्मक रूप से आवेशित हो जाते हैं। धात्विक बंध का निर्माण धनावेशित आयनों और इलेक्ट्रॉनों के बीच एक आकर्षण बल के कारण होता है। यह आकर्षण बल धातु आयनों को एक साथ बांधे रखता है। धात्विक ठोसों की एक नियमित संरचना होती है। इनमे इलेक्ट्रॉनों की बड़ी संख्या के कारण, उनमें उत्कृष्ट तापीय और धात्विक चालकता होती है। यही कारण है कि सभी धातुएँ और मिश्र धातुएँ धात्विक ठोस हैं।
धातुएं सामान्यतः ठोस अवस्था में होती हैं, अतः इन्हें धात्विक ठोस कहते हैं। इनमें धनायन, मुक्त इलेक्ट्रॉनों के समुद्र में व्यवस्थित होते हैं। प्रतयेक धातु परमाणु, एक या अधिक इलेक्ट्रॉन देता है। ये इलेक्ट्रॉन गतिशील होते हें और क्रिस्टल में सामन रूप से फैले रहते हैं।
इन्हे धातुओं के अच्छे संवाहक के रूप में जाना जाता है क्योंकि इनके परिणामस्वरूप धात्विक बंधन बनते हैं जो बिजली के रूप में आवेशित कणों या इलेक्ट्रॉनों की गति की अनुमति देते हैं।
उदाहरण
तांबा, लोहा और एल्युमीनियम
धात्विक ठोसों के गुण
धात्विक ठोसों की क्रिस्टलीय संरचना के आधार पर उनकी कुछ विषेशताएं हैं:
- धात्विक ठोसों में उच्च क्वथनांक और गलनांक होता है
- धात्विक ठोसों में तापीय चालकता उच्च होती है
- यह ऊष्मा का अच्छा संवाहक हैं।
- धात्विक ठोस लचीले होते हैं।
अभ्यास प्रश्न
- धात्विक ठोसों की विषेशताएं बताइये।
- धात्विक ठोस क्या हैं समझाइये ?