छद्म ठोस: Difference between revisions
No edit summary |
No edit summary |
||
(One intermediate revision by the same user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
[[Category:ठोस अवस्था]][[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:कक्षा-12]][[Category:भौतिक रसायन]] | [[Category:ठोस अवस्था]][[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:कक्षा-12]][[Category:भौतिक रसायन]] | ||
अक्रिस्टलीय ठोसों को छद्म ठोस या [[अतिशीतित द्रव]] कहते हैं। अक्रिस्टलीय ठोसों की संरचना द्रव के समान होती है। उनके पास तरल पदार्थ की तरह बहने की प्रवृत्ति होती है, हालांकि ये बहुत धीमी गति से बहते हैं। इसलिए, उन्हें कभी-कभी छद्म ठोस या अतिशीतित द्रव कहा जाता है। | |||
ग्लास एक अनाकार ठोस है जो द्रव अवस्था में गर्म करने पर ग्लास परिवर्तन का संकेत देता है। कांच को अतिशीतित द्रव भी कहा जाता है क्योंकि यह एक अनाकार ठोस है। अनाकार ठोसों का मुख्य गुण है कि वे ठोस से तरल की ओर धीरे-धीरे प्रवाहित होते हैं। इस प्रकार, यह कोई क्रिस्टलीय संरचना नहीं बनाते है अतः इसे सुपरकूल्ड द्रव भी कहा जाता है। ग्लास पारदर्शी दिखता है यह एक-अक्रिस्टलीय, अकार्बनिक ठोस पदार्थ है। इसका निर्माण [[सोडियम कार्बोनेट(धावन सोडा)|सोडियम कार्बोनेट]], सिलिका और [[कैल्शियम कार्बोनेट]] को मिलाकर किया जाता है। | |||
==कांच को अतिशीतित द्रव कहा जाता है। क्योंकी== | |||
*कांच एक लचकदार, प्रतिरोधी और ठोस पदार्थ है। | |||
*इसमे [[तापीय चालकता]] उच्च होती है। | |||
*यह एक अच्छे इन्सुलेटर के रूप में कार्य करता है। | |||
*कांच में द्रव के रूप में उच्च [[श्यानता]] होती है। | |||
कांच, [[अक्रिस्टलीय ठोस]] है तथा इनमें द्रवों के समान प्रवाह की प्रवृत्ति होती है, यद्यपि इनमे प्रवाह की प्रवृत्ति बहुत धीमी होती है अतः इन्हें अतिशीतित द्रव भी कहा जाता है। इन्हें '''''आभासी ठोस''''' भी कहते हैं। द्रव पदार्थों के समान, कांच में भी बहने की प्रवृत्ति होती है, यधपि ये बहुत धीमी गति से प्रवाहित होते हैं। इसलिए कांच को अतिशीतित द्रव भी कहा जाता है। यही कारण है कि कांच की खिड़कियां और दरवाजे ऊपर की तुलना में नीचे से थोड़े मोटे होते जाते हैं। | |||
==अभ्यास प्रश्न== | |||
*कांच को अतिशीतित द्रव क्यों कहा जाता है ? | |||
*कांच के अतिशीतित द्रव होने के क्या क्या कारण हैं ? | |||
*सिद्ध कीजिये की कांच एक द्रव है। |
Latest revision as of 11:25, 30 May 2024
अक्रिस्टलीय ठोसों को छद्म ठोस या अतिशीतित द्रव कहते हैं। अक्रिस्टलीय ठोसों की संरचना द्रव के समान होती है। उनके पास तरल पदार्थ की तरह बहने की प्रवृत्ति होती है, हालांकि ये बहुत धीमी गति से बहते हैं। इसलिए, उन्हें कभी-कभी छद्म ठोस या अतिशीतित द्रव कहा जाता है।
ग्लास एक अनाकार ठोस है जो द्रव अवस्था में गर्म करने पर ग्लास परिवर्तन का संकेत देता है। कांच को अतिशीतित द्रव भी कहा जाता है क्योंकि यह एक अनाकार ठोस है। अनाकार ठोसों का मुख्य गुण है कि वे ठोस से तरल की ओर धीरे-धीरे प्रवाहित होते हैं। इस प्रकार, यह कोई क्रिस्टलीय संरचना नहीं बनाते है अतः इसे सुपरकूल्ड द्रव भी कहा जाता है। ग्लास पारदर्शी दिखता है यह एक-अक्रिस्टलीय, अकार्बनिक ठोस पदार्थ है। इसका निर्माण सोडियम कार्बोनेट, सिलिका और कैल्शियम कार्बोनेट को मिलाकर किया जाता है।
कांच को अतिशीतित द्रव कहा जाता है। क्योंकी
- कांच एक लचकदार, प्रतिरोधी और ठोस पदार्थ है।
- इसमे तापीय चालकता उच्च होती है।
- यह एक अच्छे इन्सुलेटर के रूप में कार्य करता है।
- कांच में द्रव के रूप में उच्च श्यानता होती है।
कांच, अक्रिस्टलीय ठोस है तथा इनमें द्रवों के समान प्रवाह की प्रवृत्ति होती है, यद्यपि इनमे प्रवाह की प्रवृत्ति बहुत धीमी होती है अतः इन्हें अतिशीतित द्रव भी कहा जाता है। इन्हें आभासी ठोस भी कहते हैं। द्रव पदार्थों के समान, कांच में भी बहने की प्रवृत्ति होती है, यधपि ये बहुत धीमी गति से प्रवाहित होते हैं। इसलिए कांच को अतिशीतित द्रव भी कहा जाता है। यही कारण है कि कांच की खिड़कियां और दरवाजे ऊपर की तुलना में नीचे से थोड़े मोटे होते जाते हैं।
अभ्यास प्रश्न
- कांच को अतिशीतित द्रव क्यों कहा जाता है ?
- कांच के अतिशीतित द्रव होने के क्या क्या कारण हैं ?
- सिद्ध कीजिये की कांच एक द्रव है।