अभिक्रिया की कोटि: Difference between revisions

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किसी अभिक्रिया की कोटि को हम इस प्रकार परिभाषित कर सकते है। <nowiki>''</nowiki>किसी अभिक्रिया की कोटि उन समस्त घातो का योग है जिन्हे अभिक्रिया की प्रेक्षित दर को दर्शाने के लिए दर-नियम समीकरण में सान्द्रण-पदों पर लगाया जाना चाहिए।<nowiki>''</nowiki>
 
मानलो सामान्य अभिक्रिया <chem>aA + bB + cC ->  Products</chem> के लिए दर-नियम समीकरण इस प्रकार है:
 
दर = <math>\frac{dx}{dt}</math> = - <math>K [A]^p [B]^q[C]^r</math>
 
'''''"वेग नियम में निहित सभी अभिकारको की सान्द्र्ताओ की घातो के योग को उस अभिक्रिया की कोटि कहा जाता है”I'''''
 
अभिक्रिया की कोटि n = p + q + r
 
जहाँ p, q तथा r क्रमशः A, B तथा C के सापेक्ष अभिक्रिया की कोटि है।
 
== अभिक्रिया की कोटि के प्रकार ==
अभिक्रिया की कोटि चार प्रकार की होती है I
 
* शून्य कोटि की अभिक्रिया
* प्रथम कोटि की अभिक्रिया
* द्वितीय कोटि की अभिक्रिया
* तृतीय कोटि की अभिक्रिया
 
=== शून्य कोटि की अभिक्रिया ===
वे अभिक्रियाएँ जिनमें अभिक्रिया का वेग अभिकारक अणुओं की सान्दर्त के गुणनफल के शून्य घात के समानुपाती होता है, [[शून्य कोटि की अभिक्रिया]] कहलाती हैI
 
<chem>H2 + Cl2 -> 2HCl</chem>
 
=== प्रथम कोटि की अभिक्रिया ===
वे अभिक्रियाएँ जिनमे अभिक्रिया का वेग अभिकारक अणुओं की सान्द्रता के गुणनफल की प्रथम घात के समानुपाती होता है, [[प्रथम कोटि की अभिक्रिया]] कहलाती हैI
 
<chem>SO2Cl2 -> SO2 + Cl2</chem>
 
=== द्वितीय कोटि की अभिक्रिया ===
वे अभिक्रियाएँ जिनका वेग अभिकारक की सान्द्रता के द्वितीय घात के समानुपाती होता है द्वितीय कोटि की अभिक्रिया कहलाती हैI
 
<chem>CH3COOC2H5 + H2O -> CH3COOH + C2H5OH</chem>
 
=== तृतीय कोटि की अभिक्रिया ===
वे सभी अभिक्रियाएँ जिनकी दर अभिकारक की सान्द्रता के तृतीय घात पर निर्भर करती है, तृतीय कोटि की अभिक्रिया कहलाती हैI
 
<chem>2NO + O2 -> 2NO2</chem>
'''''उदाहरण:'' 1  उन अभिक्रियाओं की कुल कोटि की गणना कीजिए जिनका वेग व्यंजक है।'''
<blockquote>'''(a) वेग <math>= k </math> [A]<sup>3/2</sup>  [B]<sup>1/2</sup>'''
 
'''(b) वेग <math>=k</math> [A]  [B]<sup>2</sup>'''
 
'''(c) वेग <math>= k</math> [A] <sup>1/2</sup>  [B]<sup>1/2</sup>'''</blockquote>'''''हल:'''''<blockquote>'''(a)'''  वेग <math>= k </math> [A]<sup>x</sup> [B]<sup>y</sup>
 
कुल कोटि <math> =</math> <math>x+y</math>
 
वेग <math>= k </math> [A]<sup>3/2</sup>  [B]<sup>1/2</sup>
 
अतः कुल कोटि <math> = </math> <math>\frac{3}{2}</math> <math>+ \frac{1}{2}</math>
 
<math>= 2</math> अर्थात द्वितीय कोटि
 
 
 
'''(b)'''  वेग <math>=k</math> [A]  [B]<sup>2</sup>
 
कुल कोटि <math> =</math> <math>x+y</math>
 
वेग <math>=k</math> [A]  [B]<sup>2</sup>
 
अतः कुल कोटि <math>= </math> <math>1 + 2 </math>
 
<math>= 3 </math> अर्थात तृतीय कोटि
 
 
'''(c)'''  वेग <math>=k</math>  [A] <sup>1/2</sup> [B]<sup>1/2</sup>
 
वेग <math>=k</math> [A] <sup>1/2</sup> [B]<sup>1/2</sup>
 
अतः कुल कोटि <math>= </math> <math>\frac{1}{2} + \frac{1}{2} </math>
 
<math>= 1 </math> अर्थात प्रथम कोटि
 
</blockquote>
'''''उदाहरण:'' 2  अभिक्रिया का वेग K [A]<sup>1/2</sup> [B] <sup>3/2</sup> है। इस अभिक्रिया की कोटि बताइये।'''
<blockquote>'''''हल:'''''
 
वेग <math>= k </math> [A]<sup>x</sup> [B]<sup>y</sup>
 
कुल कोटि <math> =</math> <math>x+y</math>
 
वेग <math>=k</math>  [A]<sup>1/2</sup> [B] <sup>3/2</sup>
 
अतः कुल कोटि <math>= </math> <math>\frac{1}{2} + \frac{3}{2} </math>
 
<math>= \frac{4}{2} </math>
 
<math>= 2 </math>  अर्थात द्वितीय कोटि
 
</blockquote>
'''''उदाहरण:'' 3  वेग स्थिरांक की इकाइयाँ;'''
<blockquote><big>मोल<sup>(1-n)</sup> लीटर<sup>(n-1)</sup> सेकंड<sup>-1</sup></big>
 
1.) शून्य कोटि की अभिक्रिया के लिए n= 0
 
मोल<sup>(1-0)</sup> लीटर<sup>(0-1)</sup> सेकंड<sup>-1</sup>
 
मोल<sup>(1)</sup> लीटर<sup>(-1)</sup> सेकंड<sup>-1</sup></blockquote><blockquote>2.) प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लिए  n= 1
 
मोल<sup>(1-1)</sup> लीटर<sup>(1-1)</sup> सेकंड<sup>-1</sup>
 
मोल<sup>(0)</sup> लीटर<sup>(0)</sup> सेकंड<sup>-1</sup>
 
सेकंड<sup>-1</sup>
 
 
3.)  द्वितीय कोटि की अभिक्रिया के लिए  n= 2
 
मोल<sup>(1-2)</sup> लीटर<sup>(2-1)</sup> सेकंड<sup>-1</sup>
 
मोल<sup>(-1)</sup> लीटर<sup>(1)</sup> सेकंड<sup>-1</sup>
 
मोल<sup>-1</sup> लीटर सेकंड<sup>-1</sup></blockquote>
'''''उदाहरण:'' 3  शून्य और प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लिए वेग स्थिरांक की इकाई है: (AIEEE2002)'''
<blockquote>a)  सेकंड<sup>-1</sup>,  M सेकंड<sup>-1</sup>                                        b)  सेकंड<sup>-1</sup>, M
 
c)  M सेकंड<sup>-1</sup>, सेकंड<sup>-1</sup>                                            d)  M, सेकंड<sup>-1</sup>
 
'''''हल:'''''  मोल<sup>(1)</sup> लीटर<sup>(-1)</sup> सेकंड<sup>-1</sup> (शून्य कोटि की अभिक्रिया के लिए)
 
सेकंड<sup>-1</sup> (प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लिए)
 
M प्रदर्शित करता है मोल प्रति लीटर को
 
(c) सही है,  M सेकंड<sup>-1</sup>, सेकंड<sup>-1</sup></blockquote>

Latest revision as of 16:09, 30 May 2024


किसी अभिक्रिया की कोटि को हम इस प्रकार परिभाषित कर सकते है। ''किसी अभिक्रिया की कोटि उन समस्त घातो का योग है जिन्हे अभिक्रिया की प्रेक्षित दर को दर्शाने के लिए दर-नियम समीकरण में सान्द्रण-पदों पर लगाया जाना चाहिए।''

मानलो सामान्य अभिक्रिया के लिए दर-नियम समीकरण इस प्रकार है:

दर = = -

"वेग नियम में निहित सभी अभिकारको की सान्द्र्ताओ की घातो के योग को उस अभिक्रिया की कोटि कहा जाता है”I

अभिक्रिया की कोटि n = p + q + r

जहाँ p, q तथा r क्रमशः A, B तथा C के सापेक्ष अभिक्रिया की कोटि है।

अभिक्रिया की कोटि के प्रकार

अभिक्रिया की कोटि चार प्रकार की होती है I

  • शून्य कोटि की अभिक्रिया
  • प्रथम कोटि की अभिक्रिया
  • द्वितीय कोटि की अभिक्रिया
  • तृतीय कोटि की अभिक्रिया

शून्य कोटि की अभिक्रिया

वे अभिक्रियाएँ जिनमें अभिक्रिया का वेग अभिकारक अणुओं की सान्दर्त के गुणनफल के शून्य घात के समानुपाती होता है, शून्य कोटि की अभिक्रिया कहलाती हैI

प्रथम कोटि की अभिक्रिया

वे अभिक्रियाएँ जिनमे अभिक्रिया का वेग अभिकारक अणुओं की सान्द्रता के गुणनफल की प्रथम घात के समानुपाती होता है, प्रथम कोटि की अभिक्रिया कहलाती हैI

द्वितीय कोटि की अभिक्रिया

वे अभिक्रियाएँ जिनका वेग अभिकारक की सान्द्रता के द्वितीय घात के समानुपाती होता है द्वितीय कोटि की अभिक्रिया कहलाती हैI

तृतीय कोटि की अभिक्रिया

वे सभी अभिक्रियाएँ जिनकी दर अभिकारक की सान्द्रता के तृतीय घात पर निर्भर करती है, तृतीय कोटि की अभिक्रिया कहलाती हैI

उदाहरण: 1  उन अभिक्रियाओं की कुल कोटि की गणना कीजिए जिनका वेग व्यंजक है।

(a) वेग [A]3/2 [B]1/2

(b) वेग [A] [B]2

(c) वेग [A] 1/2 [B]1/2

हल:

(a) वेग [A]x [B]y

कुल कोटि

वेग [A]3/2 [B]1/2

अतः कुल कोटि

अर्थात द्वितीय कोटि


(b) वेग [A] [B]2

कुल कोटि

वेग [A] [B]2

अतः कुल कोटि

अर्थात तृतीय कोटि


(c) वेग [A] 1/2 [B]1/2

वेग [A] 1/2 [B]1/2

अतः कुल कोटि

अर्थात प्रथम कोटि

उदाहरण: 2  अभिक्रिया का वेग K [A]1/2 [B] 3/2 है। इस अभिक्रिया की कोटि बताइये।

हल:

वेग [A]x [B]y

कुल कोटि

वेग [A]1/2 [B] 3/2

अतः कुल कोटि

अर्थात द्वितीय कोटि

उदाहरण: 3  वेग स्थिरांक की इकाइयाँ;

मोल(1-n) लीटर(n-1) सेकंड-1

1.) शून्य कोटि की अभिक्रिया के लिए n= 0

मोल(1-0) लीटर(0-1) सेकंड-1

मोल(1) लीटर(-1) सेकंड-1

2.) प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लिए n= 1

मोल(1-1) लीटर(1-1) सेकंड-1

मोल(0) लीटर(0) सेकंड-1

सेकंड-1


3.) द्वितीय कोटि की अभिक्रिया के लिए n= 2

मोल(1-2) लीटर(2-1) सेकंड-1

मोल(-1) लीटर(1) सेकंड-1

मोल-1 लीटर सेकंड-1

उदाहरण: 3  शून्य और प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लिए वेग स्थिरांक की इकाई है: (AIEEE2002)

a) सेकंड-1, M सेकंड-1 b) सेकंड-1, M

c) M सेकंड-1, सेकंड-1 d) M, सेकंड-1

हल: मोल(1) लीटर(-1) सेकंड-1 (शून्य कोटि की अभिक्रिया के लिए)

सेकंड-1 (प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लिए)

M प्रदर्शित करता है मोल प्रति लीटर को

(c) सही है, M सेकंड-1, सेकंड-1