अमोनोलिसिस: Difference between revisions

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जब एक एल्काइल हैलाइड या बेंजाइल हैलाइड अमोनिया के इथेनॉलिक विलयन के साथ अभिक्रिया करता है तब हैलोजन परमाणु को एक एमीनो समूह द्वारा प्रतिस्थापित किया जाता है। जिसके परिणामस्वरूप न्यूक्लियोफिलिक प्रतिस्थापन अभिक्रिया होती है। कार्बन-हैलोजन बंध को तोड़ने की इस प्रक्रिया को अमोनोलिसिस के रूप में जाना जाता है।
जब एक एल्काइल हैलाइड या बेंजाइल हैलाइड [[अमोनिया उत्सर्जी|अमोनिया]] के इथेनॉलिक विलयन के साथ अभिक्रिया करता है तब [[हैलोजन]] [[परमाणु]] को एक एमीनो समूह द्वारा प्रतिस्थापित किया जाता है। जिसके परिणामस्वरूप न्यूक्लियोफिलिक प्रतिस्थापन अभिक्रिया होती है। कार्बन-हैलोजन बंध को तोड़ने की इस प्रक्रिया को अमोनोलिसिस के रूप में जाना जाता है।


<chem>C6H5CH2Cl + NH3 -> C6H5CH2NH2</chem>
<chem>C6H5CH2Cl + NH3 -> C6H5CH2NH2</chem>

Latest revision as of 18:00, 30 May 2024

जब एक एल्काइल हैलाइड या बेंजाइल हैलाइड अमोनिया के इथेनॉलिक विलयन के साथ अभिक्रिया करता है तब हैलोजन परमाणु को एक एमीनो समूह द्वारा प्रतिस्थापित किया जाता है। जिसके परिणामस्वरूप न्यूक्लियोफिलिक प्रतिस्थापन अभिक्रिया होती है। कार्बन-हैलोजन बंध को तोड़ने की इस प्रक्रिया को अमोनोलिसिस के रूप में जाना जाता है।

जब एक एल्काइल या बेंजाइल हैलाइड को अमोनिया के इथेनॉलिक विलयन के साथ अभिक्रिया करायी जाती है, तो यह एक न्यूक्लियोफिलिक प्रतिस्थापन अभिक्रिया देता है जिसमें हैलोजन परमाणु को एक एमीनो (−NH2) समूह द्वारा प्रतिस्थापित किया जाता है। कार्बन-हैलोजन बंध के टूटने की इस प्रक्रिया को अमोनोलिसिस के रूप में जाना जाता है।

अभ्यास प्रश्न

  • अमोनोलिसिस अभिक्रिया से क्या तात्पर्य है ?
  • अमोनोलिसिस अभिक्रिया का मुख्य उत्पाद क्या प्राप्त होता है ?
  • अमोनोलिसिस अभिक्रिया कौन कौन से यौगिक देते हैं ?