सल्फोनीकरण: Difference between revisions

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ऐनिलीन सांद्र [[सल्फ्यूरिक अम्ल]] द्वारा अभिक्रिया करके ऐनिलीनियम हाइड्रोजनसल्फेट बनाती है जो सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ पर गर्म करने पर p - एमीनो बेंज़ीन सल्फोनिक अम्ल देती है जिसे सल्फैनिक अम्ल भी कहते हैं।   
 
<chem>C6H5NH2 ->[H2SO4] C6H5NH3+HSO4- ->[453-473K] sulfanic acid  <=> zwitterion</chem>
 
एल्युमिनियम क्लोराइड लवण बनाने के लिए ऐनिलीन फ्रीडल क्रॉफ्ट अभिक्रिया देती। एल्युमिनियम क्लोराइड अल लूईस अम्ल है जो इस अभिक्रिया में उत्प्रेरक का कार्य करता है।  
 
== फ्रीडल-क्राफ्ट अभिक्रिया ==
फ्रीडल-क्राफ्ट अभिक्रिया इलेक्ट्रोफिलिक एरोमेटिक [[प्रतिस्थापन अभिक्रिया]]ओं का एक वर्ग है जिसमें एक इलेक्ट्रोफाइल के साथ एक एरोमेटिक यौगिक की अभिक्रिया सम्मिलित होती है। इन अभिक्रियाओं का नाम उनके खोजकर्ताओं, चार्ल्स फ्रीडेल और जेम्स क्राफ्ट्स के नाम पर रखा गया है। फ्रीडल-क्राफ्ट्स अभिक्रियाओं के सबसे सामान्य प्रकार फ्रीडल-क्राफ्ट्स एल्किलेशन और फ्रीडल-क्राफ्ट्स एसाइलेशन हैं।
==फ्रीडल-क्राफ्ट् एल्किलेशन==
इसमें एक [[हाइड्रोजन]] समूह ऐल्किल समूह द्वारा एक एरोमेटिक वलय में प्रतिस्थापित हो जाता है। फ्रीडल-क्राफ्ट्स एल्काइलेशन एक एरोमेटिक प्रोटॉन को एक एल्काइल समूह के साथ बदलने को संदर्भित करता है। यह कार्बोधनायन की मदद से एरोमेटिक रिंग पर इलेक्ट्रोफिलिक हमले के माध्यम से किया जाता है। फ्रीडल-क्राफ्ट्स एल्किलेशन अभिक्रिया, अभिकारकों के रूप में एल्काइल हैलाइडों का उपयोग करके एल्काइलबेन्ज़ीन उत्पन्न करने की एक विधि है।
 
<chem>Ar + CH3-Cl->[AlCl3] Ar-CH3 + HCl</chem>
 
<chem>C6H6 + CH3-Cl ->[AlCl3] C6H5-CH3 + HCl</chem>
 
एल्युमीनियम ट्राइक्लोराइड (AlCl<sub>3</sub>) का उपयोग प्रायः फ्राइडल-क्राफ्ट् अभिक्रियाओं में उत्प्रेरक के रूप में किया जाता है क्योंकि यह एक [[लुईस अम्ल]] के रूप में कार्य करता है , जिससे प्रक्रिया में एक इलेक्ट्रोफाइल उत्पन्न होता है।
==फ्रीडल-क्राफ्ट एसाइलेशन==
इसमें एक हाइड्रोजन समूह एसाइल समूह द्वारा एक एरोमेटिक वलय में प्रतिस्थापित हो जाता है। फ्रीडल-क्राफ्ट्स एसाइलेशन एक एरोमेटिक प्रोटॉन को एक एसाइल समूह के साथ बदलने को संदर्भित करता है। यह कार्बोधनायन की मदद से एरोमेटिक रिंग पर इलेक्ट्रोफिलिक हमले के माध्यम से किया जाता है। फ्रीडल-क्राफ्ट्स एसाइलेशन अभिक्रिया, अभिकारकों के रूप में एसाइल क्लोराइड का उपयोग करके एसाइल बेन्ज़ीन उत्पन्न करने की एक विधि है।
 
<chem>Ar + CH3-CO-Cl->[AlCl3] Ar-CO-CH3 + HCl</chem>
 
<chem>C6H6 + CH3-CO-Cl ->[AlCl3] C6H5-CO CH3 + HCl</chem>
==सीमाएँ==
*एसाइलेशन अभिक्रिया से केवल कीटोन उत्पन्न होते हैं।
*इस अभिक्रिया में एरिल एमाइन का उपयोग नहीं किया जा सकता हैं।
 
== अभ्यास प्रश्न ==
 
* फ्रीडल-क्राफ्ट अभिक्रिया क्या है? किसी एक उदाहरण द्वारा स्पष्ट कीजिये।
* ऐनिलीन की सल्फोनीकरण अभिक्रिया समझाइये।

Latest revision as of 19:54, 30 May 2024

ऐनिलीन सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल द्वारा अभिक्रिया करके ऐनिलीनियम हाइड्रोजनसल्फेट बनाती है जो सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ पर गर्म करने पर p - एमीनो बेंज़ीन सल्फोनिक अम्ल देती है जिसे सल्फैनिक अम्ल भी कहते हैं।   

एल्युमिनियम क्लोराइड लवण बनाने के लिए ऐनिलीन फ्रीडल क्रॉफ्ट अभिक्रिया देती। एल्युमिनियम क्लोराइड अल लूईस अम्ल है जो इस अभिक्रिया में उत्प्रेरक का कार्य करता है।  

फ्रीडल-क्राफ्ट अभिक्रिया

फ्रीडल-क्राफ्ट अभिक्रिया इलेक्ट्रोफिलिक एरोमेटिक प्रतिस्थापन अभिक्रियाओं का एक वर्ग है जिसमें एक इलेक्ट्रोफाइल के साथ एक एरोमेटिक यौगिक की अभिक्रिया सम्मिलित होती है। इन अभिक्रियाओं का नाम उनके खोजकर्ताओं, चार्ल्स फ्रीडेल और जेम्स क्राफ्ट्स के नाम पर रखा गया है। फ्रीडल-क्राफ्ट्स अभिक्रियाओं के सबसे सामान्य प्रकार फ्रीडल-क्राफ्ट्स एल्किलेशन और फ्रीडल-क्राफ्ट्स एसाइलेशन हैं।

फ्रीडल-क्राफ्ट् एल्किलेशन

इसमें एक हाइड्रोजन समूह ऐल्किल समूह द्वारा एक एरोमेटिक वलय में प्रतिस्थापित हो जाता है। फ्रीडल-क्राफ्ट्स एल्काइलेशन एक एरोमेटिक प्रोटॉन को एक एल्काइल समूह के साथ बदलने को संदर्भित करता है। यह कार्बोधनायन की मदद से एरोमेटिक रिंग पर इलेक्ट्रोफिलिक हमले के माध्यम से किया जाता है। फ्रीडल-क्राफ्ट्स एल्किलेशन अभिक्रिया, अभिकारकों के रूप में एल्काइल हैलाइडों का उपयोग करके एल्काइलबेन्ज़ीन उत्पन्न करने की एक विधि है।

एल्युमीनियम ट्राइक्लोराइड (AlCl3) का उपयोग प्रायः फ्राइडल-क्राफ्ट् अभिक्रियाओं में उत्प्रेरक के रूप में किया जाता है क्योंकि यह एक लुईस अम्ल के रूप में कार्य करता है , जिससे प्रक्रिया में एक इलेक्ट्रोफाइल उत्पन्न होता है।

फ्रीडल-क्राफ्ट एसाइलेशन

इसमें एक हाइड्रोजन समूह एसाइल समूह द्वारा एक एरोमेटिक वलय में प्रतिस्थापित हो जाता है। फ्रीडल-क्राफ्ट्स एसाइलेशन एक एरोमेटिक प्रोटॉन को एक एसाइल समूह के साथ बदलने को संदर्भित करता है। यह कार्बोधनायन की मदद से एरोमेटिक रिंग पर इलेक्ट्रोफिलिक हमले के माध्यम से किया जाता है। फ्रीडल-क्राफ्ट्स एसाइलेशन अभिक्रिया, अभिकारकों के रूप में एसाइल क्लोराइड का उपयोग करके एसाइल बेन्ज़ीन उत्पन्न करने की एक विधि है।

सीमाएँ

  • एसाइलेशन अभिक्रिया से केवल कीटोन उत्पन्न होते हैं।
  • इस अभिक्रिया में एरिल एमाइन का उपयोग नहीं किया जा सकता हैं।

अभ्यास प्रश्न

  • फ्रीडल-क्राफ्ट अभिक्रिया क्या है? किसी एक उदाहरण द्वारा स्पष्ट कीजिये।
  • ऐनिलीन की सल्फोनीकरण अभिक्रिया समझाइये।