रसायनिक अधिशोषण: Difference between revisions

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* भौतिक अधिशोषण
* रसायनिक अधिशोषण
 
जब किसी [[अधिशोषक]] की सतह पर कोई अधिशोष्य प्रबल रासायनिक बलों द्वारा बंधा होता है तो इसे '''''रासायनिक अधिशोषण''''' कहते है और यह [[सहसंयोजक बंध|सहसंयोजक]] या आयनिक हो सकता है। यह सामान्यतः [[अनुत्क्रमणीय प्रक्रम|अनुत्क्रमणीय]] प्रकार का होता है। ताप में वृद्धि के साथ रासायनिक अधिशोषण घटना बढ़ जाती है। इसमें अधिशोष्य अधिशोषक के पृष्ठक्षेत्रफल से क्रिया करके उत्पाद बनाता है। ठोस के पृष्ठ पर किसी गैस के एक ग्राम मोल के अधिशोषित होने पर मुक्त ऊष्मा की मात्रा अधिशोषण की ऊष्मा कहलाती है।
 
उदाहरण - कार्बन की सतह पर ऑक्सीजन का अधिशोषण।
 
== रसायन- अधिशोषण की विशेषताएं ==
 
=== उच्च विशिष्टता ===
रसायनशोषण अत्यधिक विशिष्ट है और यह केवल तभी होता है जब रासायनिक बंध की कुछ संभावना हो।
 
==== उदाहरण ====
ऑक्साइड निर्माण के आधार पर धातुओं पर ऑक्सीजन का अधिशोषण होता है और अयुग्मित d ऑर्बिटल्स के साथ संक्रमण धातुओं द्वारा हाइड्रोजन का अधिशोषण होता है, जिससे हाइड्राइड का निर्माण होता है।
 
=== गैस की प्रकृति ===
रासायनिक अभिशोषण तब होता है जब गैस और ठोस अधिशोषक के बीच रासायनिक अभिक्रिया संभव होती है।
 
=== पृष्ठक्षेत्रफल ===
भौतिक अधिशोषण की तरह, रसायन अधिशोषण भी अधिशोषक के पृष्ठक्षेत्रफल में वृद्धि के साथ बढ़ता है।
 
=== अधिशोषण की ऊष्मा ===
अधिशोषण की ऊष्मा उच्च (40 - 400 kj/mol) होती है क्योंकि रसायन अधिशोषण में बंध का निर्माण होता है।
 
=== अनुत्क्रमणीय ===
रसायनिक अधिशोषण में यौगिक निर्माण सम्मिलित होता है, यह सामान्यतः प्रकृति में अपरिवर्तनीय होता है। रसायनशोषण भी एक [[ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया|ऊष्माक्षेपी]] प्रक्रिया है लेकिन सक्रियता की उच्च ऊर्जा के कारण कम तापमान पर यह प्रक्रिया बहुत धीमी होती है।
 
== अभ्यास प्रश्न ==
 
* रासायनिक अधिशोषण से क्या तात्पर्य है ?
* भौतिक अधिशोषण एवं रासायनिक अधिशोषण में अंतर बताइये।
* रासायनिक अधिशोषण की ऊष्मा कितनी है?

Latest revision as of 21:31, 30 May 2024

अधिशोषण दो प्रकार के होते हैं:

  • भौतिक अधिशोषण
  • रसायनिक अधिशोषण

जब किसी अधिशोषक की सतह पर कोई अधिशोष्य प्रबल रासायनिक बलों द्वारा बंधा होता है तो इसे रासायनिक अधिशोषण कहते है और यह सहसंयोजक या आयनिक हो सकता है। यह सामान्यतः अनुत्क्रमणीय प्रकार का होता है। ताप में वृद्धि के साथ रासायनिक अधिशोषण घटना बढ़ जाती है। इसमें अधिशोष्य अधिशोषक के पृष्ठक्षेत्रफल से क्रिया करके उत्पाद बनाता है। ठोस के पृष्ठ पर किसी गैस के एक ग्राम मोल के अधिशोषित होने पर मुक्त ऊष्मा की मात्रा अधिशोषण की ऊष्मा कहलाती है।

उदाहरण - कार्बन की सतह पर ऑक्सीजन का अधिशोषण।

रसायन- अधिशोषण की विशेषताएं

उच्च विशिष्टता

रसायनशोषण अत्यधिक विशिष्ट है और यह केवल तभी होता है जब रासायनिक बंध की कुछ संभावना हो।

उदाहरण

ऑक्साइड निर्माण के आधार पर धातुओं पर ऑक्सीजन का अधिशोषण होता है और अयुग्मित d ऑर्बिटल्स के साथ संक्रमण धातुओं द्वारा हाइड्रोजन का अधिशोषण होता है, जिससे हाइड्राइड का निर्माण होता है।

गैस की प्रकृति

रासायनिक अभिशोषण तब होता है जब गैस और ठोस अधिशोषक के बीच रासायनिक अभिक्रिया संभव होती है।

पृष्ठक्षेत्रफल

भौतिक अधिशोषण की तरह, रसायन अधिशोषण भी अधिशोषक के पृष्ठक्षेत्रफल में वृद्धि के साथ बढ़ता है।

अधिशोषण की ऊष्मा

अधिशोषण की ऊष्मा उच्च (40 - 400 kj/mol) होती है क्योंकि रसायन अधिशोषण में बंध का निर्माण होता है।

अनुत्क्रमणीय

रसायनिक अधिशोषण में यौगिक निर्माण सम्मिलित होता है, यह सामान्यतः प्रकृति में अपरिवर्तनीय होता है। रसायनशोषण भी एक ऊष्माक्षेपी प्रक्रिया है लेकिन सक्रियता की उच्च ऊर्जा के कारण कम तापमान पर यह प्रक्रिया बहुत धीमी होती है।

अभ्यास प्रश्न

  • रासायनिक अधिशोषण से क्या तात्पर्य है ?
  • भौतिक अधिशोषण एवं रासायनिक अधिशोषण में अंतर बताइये।
  • रासायनिक अधिशोषण की ऊष्मा कितनी है?