ब्रेडिंग आर्क विधि: Difference between revisions

From Vidyalayawiki

No edit summary
 
(6 intermediate revisions by 2 users not shown)
Line 1: Line 1:
[[Category:रसायन विज्ञान]]
[[Category:पृष्ठ रसायन]][[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:कक्षा-12]][[Category:अकार्बनिक रसायन]]
[[Category:भौतिक रसायन]]
ब्रेडिंग ऑर्क विधि [[परिक्षेपण माध्यम|परिक्षेपण]] के साथ-साथ संघनन को सम्मिलित करती है। धातु के कोलॉइडी सॉल, जैसे-सोना, चाँदी, प्लेटिनम आदि इस विधि द्वारा बनाए जा सकते हैं। इस विधि में परिक्षेपण माध्यम में डूबे हुए धातु के इलेक्ट्रॉडों के बीच विद्युत आर्क उत्पन्न होता है।
[[Category:पृष्ठ रसायन]]
 
इस विधि द्वारा धातुओं का [[कोलॉइड]] विलयन तैयार किया जाता है जैसे Au , Pt आदि धातुओं का यदि कोलॉइड विलयन तैयार करना हो तो इसके लिए ब्रेडिंग आर्क विधि विधि काम आती है। इस विधि में धातु की दो छड को NaOH अथवा KOH के विलयन में डुबोया जाता है और इन दोनों छड़ो के मध्य विद्युत आर्क उत्पन्न किया जाता है, जिस धातु की छड होती है उसी धातु का कोलॉइड विलयन तैयार किया जाता है। दोनों छड़ो के मध्य विद्युत आर्क उत्पन्न करने से ये छड कुछ वाष्प अवस्था में बदलने लगते है, जो कण वाष्प अवस्था में बदलते है उन्हे जल के संपर्क में लाकर संघनित कर लिया जाता है इस प्रकार अब जो जल में धातु के कण प्राप्त होते है वे कोलॉइड आकार के कण है जिनको परिक्षेपण माध्यम में मिलाकर उस [[धातु]] का कोलॉइड विलयन तैयार कर लिया जाता है। बना हुआ यह कोलॉइड विलयन अस्थायी होता है।
 
== अभ्यास प्रश्न ==
 
* ब्रेडिंग ऑर्क विधि से किन धातुओं का कोलॉइड तैयार किया जाता है ?
* ब्रेडिंग ऑर्क विधि पर टिप्पणी दीजिये।

Latest revision as of 21:58, 30 May 2024

ब्रेडिंग ऑर्क विधि परिक्षेपण के साथ-साथ संघनन को सम्मिलित करती है। धातु के कोलॉइडी सॉल, जैसे-सोना, चाँदी, प्लेटिनम आदि इस विधि द्वारा बनाए जा सकते हैं। इस विधि में परिक्षेपण माध्यम में डूबे हुए धातु के इलेक्ट्रॉडों के बीच विद्युत आर्क उत्पन्न होता है।

इस विधि द्वारा धातुओं का कोलॉइड विलयन तैयार किया जाता है जैसे Au , Pt आदि धातुओं का यदि कोलॉइड विलयन तैयार करना हो तो इसके लिए ब्रेडिंग आर्क विधि विधि काम आती है। इस विधि में धातु की दो छड को NaOH अथवा KOH के विलयन में डुबोया जाता है और इन दोनों छड़ो के मध्य विद्युत आर्क उत्पन्न किया जाता है, जिस धातु की छड होती है उसी धातु का कोलॉइड विलयन तैयार किया जाता है। दोनों छड़ो के मध्य विद्युत आर्क उत्पन्न करने से ये छड कुछ वाष्प अवस्था में बदलने लगते है, जो कण वाष्प अवस्था में बदलते है उन्हे जल के संपर्क में लाकर संघनित कर लिया जाता है इस प्रकार अब जो जल में धातु के कण प्राप्त होते है वे कोलॉइड आकार के कण है जिनको परिक्षेपण माध्यम में मिलाकर उस धातु का कोलॉइड विलयन तैयार कर लिया जाता है। बना हुआ यह कोलॉइड विलयन अस्थायी होता है।

अभ्यास प्रश्न

  • ब्रेडिंग ऑर्क विधि से किन धातुओं का कोलॉइड तैयार किया जाता है ?
  • ब्रेडिंग ऑर्क विधि पर टिप्पणी दीजिये।