पेप्टीकरण: Difference between revisions
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पेप्टीकरण नए अवक्षेप को [[परिक्षेपण माध्यम]] में उपयुक्त वैधुतअपघट्य की एक कम मात्रा के साथ मिलाकर कोलॉइडल कणों में परिवर्तित करने की प्रक्रिया है। जब हाल ही में अवक्षेपित सामग्री को एक इलेक्ट्रोलाइट दिया जाता है, तो [[अवक्षेप]] कण अधिमानतः एक प्रकार के इलेक्ट्रोलाइट आयन को अवशोषित करते हैं। | |||
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पेप्टीकरण विधि में जिस पदार्थ का कोलॉइडी विलयन बनाना है उसका ताजा अवक्षेप लेते हैं। इस अवक्षेप में एक अन्य उपयुक्त [[अभिकर्मक]] मिलाते हैं जो पेप्टीकारक कहलाता है। यह पेप्टीकारक समान आयन वाले विद्युत्-अपघट्य का तनु [[विलयन]] होता है। पेप्टीकरण स्कन्दन का विपरीत है। | |||
=== उदाहरण === | |||
ऐल्युमिनियम हाइड्रॉक्साइड के ताजे अवक्षेप को कुछ तनु HCI मिले जल के साथ उबालने से AI(OH)<sub>3</sub> का कोलॉइडी विलयन प्राप्त होता है। | |||
जब किसी ताजे अवक्षेपित पदार्थ में विद्युत्-अपघट्य मिलाते हैं तो अवक्षेप के कण विद्युत्-अपघट्य के किसी एक आयन को वर्णात्मक अधिशोषण करके स्थिर विद्युतीय प्रतिकर्षण के कारण कोलॉइडी अवस्था में चले जाते हैं। | |||
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फेरिक हाइड्रॉक्साइड के अवक्षेप में विद्युत्-अपघट्य फेरिक क्लोराइड मिलाने पर प्राप्त फेरिक हाइड्रॉक्साइड प्राप्त होता है। | |||
== अभ्यास प्रश्न == | |||
* पेप्टीकरण से आप क्या समझते हैं ? | |||
* पेप्टीकरण को एक उदाहरण द्वारा समझाइये। |
Latest revision as of 22:09, 30 May 2024
पेप्टीकरण नए अवक्षेप को परिक्षेपण माध्यम में उपयुक्त वैधुतअपघट्य की एक कम मात्रा के साथ मिलाकर कोलॉइडल कणों में परिवर्तित करने की प्रक्रिया है। जब हाल ही में अवक्षेपित सामग्री को एक इलेक्ट्रोलाइट दिया जाता है, तो अवक्षेप कण अधिमानतः एक प्रकार के इलेक्ट्रोलाइट आयन को अवशोषित करते हैं।
"किसी ताजा बने हुए अवक्षेप को उपयुक्त विद्युत् अपघट्य की सहायता से कोलॉइडी विलयन में परिवर्तित करने की क्रिया को पेप्टीकरण कहते हैं।"
पेप्टीकरण विधि में जिस पदार्थ का कोलॉइडी विलयन बनाना है उसका ताजा अवक्षेप लेते हैं। इस अवक्षेप में एक अन्य उपयुक्त अभिकर्मक मिलाते हैं जो पेप्टीकारक कहलाता है। यह पेप्टीकारक समान आयन वाले विद्युत्-अपघट्य का तनु विलयन होता है। पेप्टीकरण स्कन्दन का विपरीत है।
उदाहरण
ऐल्युमिनियम हाइड्रॉक्साइड के ताजे अवक्षेप को कुछ तनु HCI मिले जल के साथ उबालने से AI(OH)3 का कोलॉइडी विलयन प्राप्त होता है।
जब किसी ताजे अवक्षेपित पदार्थ में विद्युत्-अपघट्य मिलाते हैं तो अवक्षेप के कण विद्युत्-अपघट्य के किसी एक आयन को वर्णात्मक अधिशोषण करके स्थिर विद्युतीय प्रतिकर्षण के कारण कोलॉइडी अवस्था में चले जाते हैं।
जैसे
फेरिक हाइड्रॉक्साइड के अवक्षेप में विद्युत्-अपघट्य फेरिक क्लोराइड मिलाने पर प्राप्त फेरिक हाइड्रॉक्साइड प्राप्त होता है।
अभ्यास प्रश्न
- पेप्टीकरण से आप क्या समझते हैं ?
- पेप्टीकरण को एक उदाहरण द्वारा समझाइये।