स्टीफन अपचयन: Difference between revisions
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हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की उपस्थिति में नाइट्राइल स्टैनस क्लोराइड द्वारा संगत एमीन में अपचयित हो जाता है। जिसका जल अपघटन करने पर संगत [[एल्डिहाइड]] प्राप्त होता है। | |||
<chem>R-CN + SnCl2 + HCl -> RCH=NH ->[H3O+] RCHO</chem> | |||
एल्किल सायनाइड को [[ईथर]] या एथिल एसिटेट में विलेय कर उसका SnCl<sub>2</sub> व HCl द्वारा अपचयन करके भाप आसवन करने पर एल्डिहाइड प्राप्त होता है । यह '''स्टीफन अभिक्रिया''' कहलाती है। | |||
<chem>R-CN ->[HCl] [RCNH]+Cl- ->[SnCl2 + HCl] [RCH=NH2]2^+ SnCl6-^2 ->[H2O] RCHO + NH3</chem> | |||
== अभ्यास प्रश्न == | |||
* स्टीफन अपचयन में मुख्य उत्पाद क्या हैं ? | |||
* स्टीफन अपचयन में उप उत्पाद क्या क्या हैं ? | |||
* स्टीफन अपचयन में नइट्राइल क्या कार्य है ? |
Latest revision as of 07:49, 31 May 2024
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की उपस्थिति में नाइट्राइल स्टैनस क्लोराइड द्वारा संगत एमीन में अपचयित हो जाता है। जिसका जल अपघटन करने पर संगत एल्डिहाइड प्राप्त होता है।
एल्किल सायनाइड को ईथर या एथिल एसिटेट में विलेय कर उसका SnCl2 व HCl द्वारा अपचयन करके भाप आसवन करने पर एल्डिहाइड प्राप्त होता है । यह स्टीफन अभिक्रिया कहलाती है।
अभ्यास प्रश्न
- स्टीफन अपचयन में मुख्य उत्पाद क्या हैं ?
- स्टीफन अपचयन में उप उत्पाद क्या क्या हैं ?
- स्टीफन अपचयन में नइट्राइल क्या कार्य है ?