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फीनॉल - फॉर्मेल्डिहाइड बहुलक अत्यधिक पुराने संश्लिष्ट बहुलक है। यह संघनन बहुलक से प्राप्त होते हैं। इसमें अम्ल एवं क्षार उत्प्रेरक की उपस्थित में फॉर्मेल्डिहाइड प्राप्त होती है। फॉर्मेल्डिहाइड के साथ गर्म करने पर नोवोलेक तिर्यक बंध बनाकर एक दुर्गलनीय ठोस प्राप्त होता है जिसे बैकेलाइट कहते हैं। यह एक ताप दृढ़ बहुलक होता है। बैकेलाइट बनाते समय नोवोलेक बहुलक की लम्बाई आपस में तिर्यक आबंध से बनती हैं। यह द्वि कार्बोक्सिलिक अम्लों और डाइऑल के संघनन से उत्पाद प्राप्त होता है। पॉलीएस्टर का एक उदाहरण डेक्रॉन और टेरिलीन है। यह एथिलीन ग्लाइकॉल और टेरेफ्थेलिक अम्ल के मिश्नण को 420k से 460K ताप तक ज़िंक एसीटेट एंटिमनी ट्राइआक्साइड उत्प्रेरक की उपस्थित में गर्म करने पर पॉलीएस्टर प्राप्त होता है। टेरिलीन एक संश्लेषित बहुलक है जिसे एथिलीन ग्लाइकॉल और टेरेफ्थेलिक एसिड के बहुलकीकरण के माध्यम से तैयार किया जाता है। संघनन बहुलक में सामान्यतः दो द्विक्रियात्मक एकलक की पुनरावृत्ति होती है। इस बहुसंघनन अभिक्रियाओं से जल, एलकोहॉल, हाइड्रोजन | [[Category:Vidyalaya Completed]] | ||
फीनॉल - फॉर्मेल्डिहाइड [[बहुलक]] अत्यधिक पुराने संश्लिष्ट बहुलक है। यह [[संघनन बहुलक]] से प्राप्त होते हैं। इसमें अम्ल एवं क्षार उत्प्रेरक की उपस्थित में फॉर्मेल्डिहाइड प्राप्त होती है। फॉर्मेल्डिहाइड के साथ गर्म करने पर नोवोलेक तिर्यक बंध बनाकर एक दुर्गलनीय ठोस प्राप्त होता है जिसे [[बैकेलाइट]] कहते हैं। यह एक ताप दृढ़ बहुलक होता है। बैकेलाइट बनाते समय नोवोलेक बहुलक की लम्बाई आपस में तिर्यक आबंध से बनती हैं। यह द्वि कार्बोक्सिलिक अम्लों और डाइऑल के संघनन से उत्पाद प्राप्त होता है। पॉलीएस्टर का एक उदाहरण डेक्रॉन और टेरिलीन है। यह एथिलीन ग्लाइकॉल और टेरेफ्थेलिक अम्ल के मिश्नण को 420k से 460K ताप तक ज़िंक एसीटेट एंटिमनी ट्राइआक्साइड उत्प्रेरक की उपस्थित में गर्म करने पर पॉलीएस्टर प्राप्त होता है। टेरिलीन एक संश्लेषित बहुलक है जिसे एथिलीन ग्लाइकॉल और टेरेफ्थेलिक एसिड के बहुलकीकरण के माध्यम से तैयार किया जाता है। संघनन बहुलक में सामान्यतः दो द्विक्रियात्मक एकलक की पुनरावृत्ति होती है। इस बहुसंघनन अभिक्रियाओं से जल, एलकोहॉल, हाइड्रोजन क्लोराइड आदि [[अणु]] बाहर निकलते हैं इससे उच्च आणविक द्रव्यमान वाले [[संघनन बहुलक]] प्राप्त होते हैं। | |||
जब फिनॉल अधिक मात्रा में लिया जाता है और अभिक्रिया माध्यम को अम्लीय बना दिया जाता है, तो प्राप्त संघनन प्रतिक्रिया का उत्पाद अम्लीय होता है। जबकि, जब अभिक्रियाशील मिश्रण में फॉर्मेल्डिहाइड की मात्रा फिनोल से अधिक होती है। [[File:Bakelite-reaction.svg|thumb|बैकेलाइट]] | जब फिनॉल अधिक मात्रा में लिया जाता है और अभिक्रिया माध्यम को अम्लीय बना दिया जाता है, तो प्राप्त संघनन प्रतिक्रिया का उत्पाद अम्लीय होता है। जबकि, जब अभिक्रियाशील मिश्रण में फॉर्मेल्डिहाइड की मात्रा फिनोल से अधिक होती है। [[File:Bakelite-reaction.svg|thumb|बैकेलाइट]] | ||
===बैकेलाइट का उपयोग=== | ===बैकेलाइट का उपयोग=== | ||
*बैकेलाइट का उपयोग कंघी बनाने में किया जाता है। | *[[बैकेलाइट]] का उपयोग कंघी बनाने में किया जाता है। | ||
*यह विभिन्न बर्तनों के हतथे बनाने में किया जाता है। | *यह विभिन्न बर्तनों के हतथे बनाने में किया जाता है। | ||
*यह वैधुत स्विच बनाने में प्रयोग किया जाता है। | *यह वैधुत स्विच बनाने में प्रयोग किया जाता है। | ||
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*मेलैमीन - फॉर्मेल्डिहाइड बहुलक से आप क्या समझते हैं ? | *मेलैमीन - फॉर्मेल्डिहाइड बहुलक से आप क्या समझते हैं ? |
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फीनॉल - फॉर्मेल्डिहाइड बहुलक अत्यधिक पुराने संश्लिष्ट बहुलक है। यह संघनन बहुलक से प्राप्त होते हैं। इसमें अम्ल एवं क्षार उत्प्रेरक की उपस्थित में फॉर्मेल्डिहाइड प्राप्त होती है। फॉर्मेल्डिहाइड के साथ गर्म करने पर नोवोलेक तिर्यक बंध बनाकर एक दुर्गलनीय ठोस प्राप्त होता है जिसे बैकेलाइट कहते हैं। यह एक ताप दृढ़ बहुलक होता है। बैकेलाइट बनाते समय नोवोलेक बहुलक की लम्बाई आपस में तिर्यक आबंध से बनती हैं। यह द्वि कार्बोक्सिलिक अम्लों और डाइऑल के संघनन से उत्पाद प्राप्त होता है। पॉलीएस्टर का एक उदाहरण डेक्रॉन और टेरिलीन है। यह एथिलीन ग्लाइकॉल और टेरेफ्थेलिक अम्ल के मिश्नण को 420k से 460K ताप तक ज़िंक एसीटेट एंटिमनी ट्राइआक्साइड उत्प्रेरक की उपस्थित में गर्म करने पर पॉलीएस्टर प्राप्त होता है। टेरिलीन एक संश्लेषित बहुलक है जिसे एथिलीन ग्लाइकॉल और टेरेफ्थेलिक एसिड के बहुलकीकरण के माध्यम से तैयार किया जाता है। संघनन बहुलक में सामान्यतः दो द्विक्रियात्मक एकलक की पुनरावृत्ति होती है। इस बहुसंघनन अभिक्रियाओं से जल, एलकोहॉल, हाइड्रोजन क्लोराइड आदि अणु बाहर निकलते हैं इससे उच्च आणविक द्रव्यमान वाले संघनन बहुलक प्राप्त होते हैं।
जब फिनॉल अधिक मात्रा में लिया जाता है और अभिक्रिया माध्यम को अम्लीय बना दिया जाता है, तो प्राप्त संघनन प्रतिक्रिया का उत्पाद अम्लीय होता है। जबकि, जब अभिक्रियाशील मिश्रण में फॉर्मेल्डिहाइड की मात्रा फिनोल से अधिक होती है।
बैकेलाइट का उपयोग
- बैकेलाइट का उपयोग कंघी बनाने में किया जाता है।
- यह विभिन्न बर्तनों के हतथे बनाने में किया जाता है।
- यह वैधुत स्विच बनाने में प्रयोग किया जाता है।
बैकेलाइट के गुण
- इसे जल्दी से ढाला जा सकता है.
- बैकेलाइट मोल्डिंग गर्मी प्रतिरोधी और खरोंच प्रतिरोधी हैं।
- वे कई विनाशकारी विलायक के प्रति भी प्रतिरोधी हैं।
- अपनी कम विद्युत चालकता के कारण, बैक्लाइट विद्युत प्रवाह के प्रति प्रतिरोधी है।
अभ्यास प्रश्न
- टेरिलीन से आप क्या समझते हैं ?
- फीनॉल - फॉर्मेल्डिहाइड बहुलक (बैकेलाइट और सम्बंधित बहुलक) से आप क्या समझते हैं ?
- मेलैमीन - फॉर्मेल्डिहाइड बहुलक से आप क्या समझते हैं ?